Women do not do these exercises after the age of 40

40 की उम्र के बाद फिट रहने के लिए एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी हो जाता है, मगर बहुत से लोग खासकर महिलाएं वर्कआउट करने से घबराती हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इस से बॉडी पेन बढ़ जाएगा, थकान ज्यादा होगी।

दूसरी तरफ कुछ लोग वर्कआउट करना तो शुरू करते हैं लेकिन कुछ ही दिनों में अच्छे रिजल्ट्स न देख पाने के कारण वे भी वर्कआउट करना बंद कर देते हैं, क्योंकि 40 की उम्र के बाद मेटाबौलिज्म स्लो होने के कारण रिजल्ट तो आता है लेकिन उस में समय लगता है। कुछ ऐसी एक्सरसाइज भी होती हैं जो 40 की उम्र के बाद नहीं करनी चाहिए।

हम जो वर्कआउट कर रहे हैं, वह हमारे शरीर के लिए सही है या नहीं? कहीं वह हमारे शरीर को कोई नुकसान तो नहीं पहुंचा रहा? यह भी ध्यान रखना चाहिए। ऐसे में अपने एक्सरसाइज रूटीन को सोच-समझकर प्लान करें। ऐसी बहुत सी एक्सरसाइज हैं जो 40 के बाद नहीं करनी चाहिए। आइए, जानते हैं ऐसी ही कुछ एक्सरसाइज के बारे में:

क्रंचेस:

क्रंचेस हम बैली फैट को कम करने के लिए करते हैं। क्रंचेस करते समय हमारी स्पाइन पर बहुत ज्यादा स्ट्रेन पड़ता है। 40 की उम्र के बाद हमारी स्पाइन की फ्लैक्सिबिलिटी कम होने लगती है, इसलिए हमें क्रंचेस करते समय सही ऐंगल और पोजीशन का ध्यान रखना चाहिए, लेकिन सही तरीके से एक्सरसाइज करने के बाद भी अगर आप बैक और नैक पेन महसूस करें तो हर तरह के क्रंचेस को नहीं करना चाहिए।

इंटैंस कार्डियो वर्कआउट:

इंटैंस कार्डियो वर्कआउट जैसे कि जंपिंग जैक्स, स्क्वैट जंप प्लैंकजैक्स, बट किक्स आदि को करते समय अगर आप पेन फील करें तो जबरन वर्कआउट करने की कोशिश न करें। ऐसा करने से शरीर का स्ट्रैस लेवल बढ़ जाता है और शरीर में कार्टिसोल नाम का एक हारमोन निकलता है।

आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि इस कंडीशन में आप के वर्कआउट का रिजल्ट रिवर्स हो जाता है और शरीर का वेट घटने की बजाय बढ़ने लगता है। इस हारमोन के रिलीज होते ही यह फैट को स्टोर करने लगता है। इंटैंस कार्डियो वर्कआउट से सारा स्ट्रेन हमारे जोड़ों पर आ जाता है, जिससे वे जोड़ जोकि पहले ही वीक हो गए हैं, उनमें इंजरी भी हो सकती है। ध्यान रखें कि ऐसे हाई इंटैंसिटी वर्कआउट या इंटैंस वर्कआउट को न करें।

स्क्वैट:

स्क्वैट लैग्स और ग्लूट्स के लिए एक अच्छी एक्सरसाइज मानी जाती है। लेकिन बढ़ती उम्र में घुटनों की मसल्स पर ज्यादा स्ट्रेन डालने से वे पुल हो सकती हैं, जिस से सीरियस इंजरी होने का रिस्क बढ़ सकता है।

इंटैंस स्ट्रैचिंग:

इस उम्र में मसल्स वीक होने लगती हैं। अगर आप अपनी बॉडी को हद से ज्यादा स्ट्रैच करेंगी तो आप की मसल्स पुल होने का खतरा बना रहता है। ज्यादा स्ट्रैच वाली एक्सरसाइज करने से बचें।

नैक एक्सरसाइज:

40 की उम्र में सर्वाइकल की शिकायत ज्यादा पाई जाती है। सर्वाइकल नहीं है तो इंटैंस नैक स्ट्रैच या उस पर दबाव पड़ने से वह हो भी जाता है, लेकिन यह तब होता है जब आप की बौडी की मसल्स और बोंस पहले से ही वीक हों।

लैग ऐक्सटैंशन:

लैग ऐक्सटैंशन करते समय वेट ऊपर की तरफ पुश करने से घुटनों और ऐड़ियों पर ज्यादा दबाव पड़ता है जिस से उन में इंजरी होने की संभावना बढ़ जाती है

पुशअप:

पुशअप्स से लोअर बैक और कंधों पर शरीर का सारा वजन पड़ने के कारण दर्द की शिकायत हो सकती है, जोकि लंबे समय के लिए अच्छा नहीं है। आगे चल कर यह सीरियस इंजरी में भी बदल सकती है।

सही रहेगा यदि आप 40 की उम्र के बाद किसी एक्सपर्ट की देखरेख में वर्कआउट करें। ऐसा न करना आप को अनफिट बना सकता है।

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