Father of Baby Corn

हरियाणा में सोनीपत जिले के ग्राम अटेरना निवासी पद्मश्री कंवल सिंह चौहान एक प्रगतिशील किसान हैं। अपने आस-पास के क्षेत्र में इन्हें क्रांतिकारी किसान के रूप में जाना जाता है, वहीं सरकार ने इन्हें फादर ऑफ बेबी कॉर्न (Father of Baby Corn) का नाम दिया है। चौहान ने बेबी कॉर्न की खेती की ओर रूख तब किया जब धान की फसल से उन्हें नुकसान उठाना पड़ा। लेकिन बाद में बेबी कॉर्न ने उनकी जिंदगी ही बदल दी। आज पूरा हिंदुस्तान उन्हें एक सक्षम किसान के रूप में जानता है। कंवल सिंह बताते हैं कि 1998 में कुछ लोग उनके पास बेबी कॉर्न की खेती के लिए जमीन लेने आए थे, जिसके बाद उन्होंने खुद भी बेबी कॉर्न की खेती शुरू की। उस वक्त वो धान की खेती से हुए नुकसान से जूझ रहे थे और उसी से निकलने के लिए उन्होंने बेबी कॉर्न को चुना था। कंवल सिंह ने बताया कि शुरूआत में उन्हें देखकर उनके पड़ोसी किसानों ने भी बेबी कॉर्न खेत में लगाने शुरू किए, ऐसे करते-करते 15 से 20 गांव के बीच में बेबी कॉर्न की खेती की जाने लगी।

उन्होंने बताया कि जब पहली बार बेबी कॉर्न की खेती हुई तो उसे बेचने के लिए वो दिल्ली के एनआईए मार्केट, खान मार्केट, सरोजनी मार्केट और फाइव स्टार होटलों में पहुंचे। उत्पादन ज्यादा होने की वजह से मार्केट में माल कम बिकने लगा। उसके बाद आजादपुर मार्केट में बेबी कॉर्न को बेचना शुरू कर दिया। 1999 में एक समय ऐसा आया कि कोई भी बेबी कॉर्न लेना नहीं चाहता था, ऐसे में कंवल सिंह ने अपनी खुद की इंडस्ट्री तैयार की। 2009 में उन्होंने पहली प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज यूनिट तैयार की, जिसके बाद दूसरी यूनिट 2012, तीसरी यूनिट 2016 औक चौथी यूनिट 2019 में लगाने का काम किया। इन सभी यूनिटों में बेबी कॉर्न प्रोसेसिंग का काम किया जाता है, इनसे अलग स्वीट कॉर्न, मशरूम और टमाटर भी प्रोसेस किए जाते हैं।

महिलाओं को दिया रोजगार

बेबी कॉर्न की खेती की शुरूआत करने वाले कंवल सिंह अकेले ही किसान थे, लेकिन वर्तमान दौर में 400 के करीब मजदूर उनके काम करते हैं, जिसमें ज्यादातर महिलाएं हैं और कुछ पुरुष भी हैं. इसके अलावा वो करीब हजारों लोगों को रोजगार देने का काम कर रहे हैं। चौहान को साल 2019 में खेती के कारण ही पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। मन की बात के जरिए पीएम मोदी ने कंवल चौहान का जिक्र किया था।

इंग्लैंड और अमेरिका में निर्यात हो रहा है बेबी कॉर्न

कंवल सिंह बताते हैं कि जब गांव में बेबी कॉर्न व स्वीट कॉर्न का उत्पादन बढ़ा तो किसानों को बाजार की दिक्कत न हो, इसके लिए कंवल सिंह ने वर्ष 2009 में फूड प्रोसेसिंग यूनिट शुरू कर दी। इस यूनिट में बेबी कॉर्न, स्वीट कॉर्न, मशरूम बटन, मशरूम स्लाइस सहित लगभग आठ प्रकार के उत्पाद तैयार किए जाते हैं। इस यूनिट की मदद से प्रतिदिन लगभग डेढ़ टन बेबी कॉर्न व अन्य उत्पाद इंग्लैंड व अमेरिका में निर्यात हो रहे हैं। इसी के साथ वो यहां टमाटर, स्ट्राबेरी की प्यूरी भी तैयार कर रहे हैं। खेती के क्षेत्र में योगदान के लिए वर्ष 2019 में कंवल सिंह चौहान को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया था।

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