पंजाब बना ओवरआल चैम्पियन

शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के स्थापना दिवस को समर्पित 8वीं अंतर्राष्टीय खेल प्रतियोगिता
पंजाब बना ओवरआल चैम्पियन

शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के स्थापना दिवस को समर्पित शाह सतनाम जी क्रिकेट स्टेडियम में दो दिवसीय (22-23 जनवरी) 8वीं अंतर्राष्टीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस खेल प्रतियोगिता के अंतिम दिन (23 जनवरी) को पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने विजेता टीमों के खिलाड़ियों को ट्रॉफियां देकर सम्मानित किया।

खेल प्रतियागिताओं में भाग लेने के लिए हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली व राजस्थान से पुरुष व महिलाओं की टीमें पहुंची। इस खेल प्रतियोगिता में पूर्व की भांति नए व पुरात्तन खेलों का अद्भुत संगम देखने को मिला। पूज्य गुरु जी द्वारा ईजाद किए गए नए खेल ‘गुलस्टिक व रूमाल छू’ प्रतियोगिताओं के रोमांचक मुकाबले हुए।

खेल मुकाबलों में पुरूषों के लिए जहां रूमाल छू, गुलस्टिक, बांस से धकेलना, शॉटपुट (गोला) व डिस्कस थ्रो (तस्तरी) मुकाबले हुए वहीं महिलाओं के लिए रूमाल छू व बांस से धकेलना प्रतियोगिताएं रखी गई थी। जिनमें खिलाड़ियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

खेल मुकाबलों का लुत्फ लेने के लिए आसपास से काफी तादाद में लोग पहुंचे। खिलाड़ियों की जोर-अजमाईश के साथ, दर्शकों का जोश भी देखते ही बन रहा था। इस अंतर्राष्टीय खेल प्रतियोगिता में 40 अंक हासिल कर पंजाब राज्य ने ओवरआॅल चैम्पियनशिप की ट्राफी पर कब्जा जमाया, वहीं 27 अंकों के साथ हरियाणा राज्य दूसरे नंबर पर रहा। पूज्य गुरु जी ने सभी विजेता खिलाड़ियों व संबंधित राज्यों के सेवादारों को ट्रैक सूट प्रदान कर सम्मानित किया।

बांस से धकेलना :-

इस प्रतियोगिता के महिला व पुरुष टीमों के खेल मुकाबले हरियाणा (पी पॉवर) व पंजाब की टीमों के बीच हुए। इन दोनों ही प्रतियोगिताओं में पंजाब की टीमों ने हरियाणा की टीमों को कड़ी पटखनी देकर प्रतियोगिता अपने नाम कर ली।

गुलस्टिक :-

गुलस्टिक का फाइनल रोमांचक मुकाबला राजस्थान व पंजाब की टीमों के बीच हुआ। इसमें पंजाब ने 114-4 से राजस्थान को शिकस्त दी और मुकाबला अपने नाम कर लिया।

डिस्कस थ्रो :-

पुरूषों की डिस्कस थ्रो के फाइनल मुकाबले में दिल्ली के पुनीत ने दूसरा, तो पंजाब के कर्णवीर ने पहला स्थान पाया।

शॉटपुट :

इस प्रतियोगता के फाइनल मुकाबले में हरियाणा के जसपाल ने 15.80 मीटर दूरी तक गोला फेंककर पहला स्थान पाया, वहीं 14.67 मीटर दूरी तक गोला फेंककर दिल्ली के सद्दाम हुसैन दूसरे नंबर पर रहे।

खेल प्रतियोगिताओं के परिणाम रूमाल छू :-

पुरुषों के फाइनल मुकाबले में हरियाणा व पंजाब की टीमों के बीच भिड़ंत हुई। इस एकतरफा मुकाबले में 81 अंकों के साथ पंजाब की टीम ने पहला स्थान हासिल किया, जबकि 32 अंकों के साथ हरियाणा की टीम ने दूसरा स्थान पाया।
महिलाओं की ‘रूमाल छू’ प्रतियोगिता के फाइनल में 91 अंकों के साथ पंजाब की टीम प्रथम, तो 44 अंकों के साथ हरियाणा की टीम दूसरे नंबर पर रही।

इस मुकाबले में सर्वजीत ने पंजाब की टीम में अकेले 25 अंक हासिल कर खूब वाहवाही बटोरी। पूज्य गुरु जी ने भी सर्वजीत के प्रदर्शन की सराहना की तथा उन्हें अपने पावन कर कमलों से प्रेम निशानी के रूप में अपना रूमाल प्रदान किया। इसके अलावा मोगा से आई खिलाड़ी सुखप्रीत कौर ने 14 अंक हासिल कर पंजाब की टीम के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया।

खेल प्रतियोगिताओं से प्रेरणा लें दूसरी लड़कियां

पूज्य गुरु जी खेलों को बढ़ावा दे रहे हैं जो कि काबिलेतारीफ है। महिला खिलाड़ियों को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का सुनहरा मौका मिल रहा है। यह उन लोगों के लिए भी एक प्रेरणा है जो अपनी बेटियों को खेलों में हिस्सा नहीं लेने देते। इन खेल प्रतियोगिताओं से दूसरी लड़कियां भी प्रेरणा लें।
सर्वजीत कौर, मोगा (पंजाब)
अंतर्राष्टीय कबड्डी खिलाड़ी

खोल प्रतियोगिताओं के दौरान देशभर में अनेक स्थानों पर जाने का मौका मिला लेकिन डेरा सच्चा सौदा जैसा नजारा कहीं देखने को नहीं मिला। यहां की खेल सुविधाओं के बारे में अक्सर सुना था आज देख भी रही हूं।
सुमनदीप, मानसा (पंजाब), नेशनल एथलेटिक्स खिलाड़ी

बेटियों को भी मिल रहा आगे बढ़ने का अवसर
शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के खेलों में हिस्सा लेने के लिए मैं पहली बार आई हूं। सच, बड़ा अच्छा लगा यहां आकर। पूज्य गुरु जी बेटियों को भी खेलों में आगे बढ़ने का अवसर दे रहे हैं जो कि कहीं ओर देखने को नहीं मिला।
सुखप्रीत कौर, मोगा (पंजाब)
अंतर्राष्टीय रेसलिंग व कबड्डी खिलाड़ी

 

बेटियों को खेलों में भाग लेने दें अभिभावक
आमतौर पर बेटियों को चूल्हे-चौके व घर के कामकाज तक ही सीमित रखा जाता है। लेकिन पूज्य गुरु जी यहां न केवल बेटियों को खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, बल्कि उन्हें खेलों के टिप्स भी दे रहे हैं जिससे कि वे बुलंदियों को छू रही हैं। मैं अन्य बेटियों के अभिभावकों से भी अपील करूंगी कि वे भी अपनी बेटियों को खेलों में भाग लेने दें ताकि वे देश व उनका नाम रोशन कर सकें।
परमजीत कौर, मानसा (पंजाब) नेशनल कबड्डी खिलाड़ी

पूज्य गुरु जी की प्रेरणा से मिली सफलता
पूज्य गुरू जी ने जिस तरह से पुरातन खेलों को आधुनिक रूप दिया है, उससे वाकई पुरातन खेलों के प्रति युवाओं का लगाव फिर से होने लगा है। मैं स्वंय खेती से आगे नहीं सोच पाया था, लेकिन शाह सतनाम जी शिक्षण संस्थान में आने के बाद पूज्य गुरु जी ने खेलों के प्रति जागरूक किया, तो मैंने भी खेलना शुरू कर दिया। अब तक अनेक एथलेटिक्स चेंपियनशिप में 25 से अधिक मेडल जीत चुका हूं। – जसपाल, मिर्जापुर थेहड़, सरसा
नेशनल एथलेटिक्स खिलाड़ी

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