पावन भंडारे पर 8 नवम्बर को लाँच हुआ गीत ‘जागो दुनिया दे लोको’
मात्र 6 दिनों में लगभग 70 लाख के आंकड़े को छू गया यह गीत
रूहानी संत महान समाज सुधारक के रूप में अपनी भुमिका निभाते हैं।

क्योंकि समाज में प्रचलित बुराईयों के प्रति उनके जैसे अथक प्रयास करना हर किसी के बस की बात नहीं होती। वो जो करते हैं मील का पत्थर होता है। ऐसे ही पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी आज के इस दौर में प्रचलित सामाजिक बुराईयों के विरुद्ध डटकर खड़े हैं। जैसे कि वर्तमान दौर में नशे का कार्राबार समाप्त हो चुका है। क्या युवा, क्या बच्चे हर कोई इन नशों की गिरफत में आ चुका है। हर प्रकार के नशों में ‘चिट्टा’ एक ऐसा शब्द है जिसको सुनते ही नशे का दैत्य दिखने लगता है।

समाज को इस ‘चिट्टे’ रूपी शब्द ने इतना खोखला कर दिया है कि इसके नाम से लोग भय खाने लगते हैं। इस चिट्टे ने पता नहीं कितने परिवार उजाड़ कर रख दिए हैं। इसका भयावह प्रसार हो चुका है और इर मां-बाप के लिए अब चिंता बन चुकी है। पूज्य गुरु जी ने जब इस ‘चिट्टे’ के बारे सुना व मां-बाप के जवान बेटों की हो रही मौतों के बारे में जाना, क्योंकि इसमें कई ऐसे भी परिवार हैं जिनके इकलौते बेटे इस ‘चिट्टे’ की भेंट चढ़ गए। चिट्टे के इस बिकराल रूप को जान कर पूज्य गुरु जी ने इसे जड़ से मिटाने का बीड़ा उठा लिया है। इसी कड़ी में दिन-रात पूज्य गुरु जी युवाओं से नशा छुड़वा रहे हैं। पूज्य गुरु जी से प्रभावित होकर आज लाखों लोग हर रोज नशा छोड़ रहे हैं और पूज्य गुरु जी से गुरमंत्र हासिल कर नया जीवन जीअ रहे हैं।


इस चिट्टे रूपी दैत्य को रोकने के लिए पूज्य गुुरु जी ने सत्संग के साथ ही अपने एक रूहानी गीत की रचना की है और इसे यूटयूब चैनल के माध्यम से लांच किया है। इस गीत से लोगों को इस भयानक दैत्य के खिलाफ खड़ा होने का जोरदार आह्वान किया है। अपने गीत के माध्यम से लोगों को बड़े प्रभावी व मार्मिक तरीके से इसके विरुद्ध एकजुट होने का संदेश दिया है। क्योंकि समाज में जैसा चल रहा होता है और बुराइयों के खिलाफ जो भी साधन अपनाए जाएं संत जन वो ही करते हैं। आज की युवा पीढ़ी को नशों से रोकने के लिए पूज्य गुरु जी ने संगीत का सहारा लिया है।

पूज्य गुरु जी चाहते हैं कि इस दानव को जैसे भी हो, रोको जाए, इसको लगाम डाली जाए। अपने इस गाने के जरीए पूज्य गुरु जी ने नशों के सौदागरों के कारोबार व नशे में लिप्त युवाओं का एक संजीव चित्रण प्रस्तुत करके लोगों को सचेत किया है और वहीं अपने इस गाने की स्टोरी के माध्यम से नशों को खत्म करने के लिए प्रबुद्ध जनों का भी उदाहरण प्रस्तुत किया। पूज्य गुरु जी ने बड़े ही अनूठे व सजीव ढंग से इस चिट्टे रूपी दैत्य को खत्म करने का बिगुल बजाया है। इस गाने का लोगों पर इतना प्रभाव देखा जा रहा है कि हर कोई इसे बड़े गौर से सुन-गा रहे हैं।

नशों पर कुठाराघात करते इस गाने को समाज के हर तबके का भरपूर समर्थन मिल रहा है। पूज्य गुरु जी ने अपने जिस मकसद के लिए यह गाना लांच किया है, वास्तव में वो पूरा होता दिख रहा है। क्योंकि पूज्य गुरु जी के लाईव प्रोग्राम के तहत हम देख रहे हैं कैसे लोग नशा छोड़ने आ रहे हैं। हर जुबां से नशे के खिलाफ पूज्य गुरु जी द्वारा किए गए इस साहसिक प्रयास की प्रशंसा हो रही है। डॉ. एमएस जी द्वारा फिल्माया गया यह गाना नशे के विरुद्ध एक कड़ाकेदार प्रहार साबित हो रहा है।

6 मिनट 42 सैकिंड के इस सॉन्ग में संदेश दिया गया है कि जो लोग सरेआम मौत का व्यापार करते हैं, उनकी राह यानी रास्ता बदलना होगा। साथ ही यह भी बताया कि गाँव-शहर में पवित्र गुरबाणी की चर्चा होनी चाहिए, न कि नशे की। इसलिए इन नशों को गाँव से भगाकर वहां राम-नाम की वर्षा की गंगा बहा दो। गांव-गांव ठीकरी पहरा लगाकर इन नशे के व्यापारियों को भगाने का आह्वान किया।

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