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World Cancer Day
दुनिया में व्याप्त खतरनाक बीमारियों में कैंसर एक जानलेवा और खतरनाक बीमारी है। कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है और यह एक हिस्से से किसी दूसरे हिस्से में बड़ी ही आसानी से फैल सकता है। शरीर के किसी एक हिस्से में सबसे पहले होने वाले कैंसर को प्राइमरी ट्यूमर कहते हैं। जिसके बाद शरीर के दूसरे हिस्सों में होने वाला ट्यूमर मैटास्टेटिक या सेकेंडरी कैंसर कहलाता है। अगर पहली स्टेज में कैंसर का पता चल जाता है तो काफी हद तक संभावना होती है कि पीड़ित को बचाया जा सके। (World Cancer Day)
डब्ल्यूएचओ की मानें तो दुनिया में हर साल होने वाली 8 मौतों में 1 मौत की वजह कैंसर ही है। रिपोर्ट के अनुसार ब्रेस्ट, सर्वाइकल, प्रोस्टेट, मुंह और बड़ी आंत के कैंसर के मामले सबसे ज्यादा सामने आते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले भारत में कैंसर रोग से प्रभावितों की दर कम होने के बावजूद यहां 15 प्रतिशत लोग कैंसर के शिकार होकर अपनी जान गंवा देते हैं। डब्लूएचओ की सूची के मुताबिक 172 देशों की सूची में भारत का स्थान 155वां है। नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, साल दर साल जिस तरह से कैंसर के मामलों में इजाफा देखा जा रहा है, ऐसे में आशंका है कि साल 2025 तक भारत में मामले 1.39 (13.9 लाख) मिलियन से बढ़कर 1.57 मिलियन (15.7 लाख) से अधिक हो सकता है।
लोगों को कैंसर से बचाव के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से विश्वभर में हर साल 4 फरवरी को ‘विश्व कैंसर दिवस’ (World Cancer Day) मनाया जाता है। हमारे देश में 7 नवम्बर को राष्टÑीय कैंसर जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व कैंसर दिवस सबसे पहले साल 1993 में जिनेवा, स्विट्जरलैंड में यूनियन फॉर इंटरनेशल कैंसर कंट्रोल के द्वारा मनाया गया था और इसके बाद ये सिलसिला लगातार आगे बढ़ता गया।
भारत में कैंसर के शिकार लोग:
फिलहाल भारत में यह प्रतिलाख 70.23 व्यक्ति है। डेन्मार्क जैसे यूरोपीय देशों में यह संख्या दुनिया में सर्वाधिक है। यहां कैंसर प्रभावितों की दर प्रतिलाख 338.1 व्यक्ति है। नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम की एक रिपोर्ट की मानें तो साल 2020 में भारत में 13.9 लाख लोग कैंसर से पीड़ित थे। अनुमान लगाया जा रहा है कि ये आंकड़ा 2025 तक 15.7 लाख तक पहुंच जाएगा। वहीं पूर्व के आंकड़ों पर ध्यान दिया जाए तो वर्ष 1990 के मुकाबले वर्तमान में प्रोस्टेड कैंसर के मामले में 22 प्रतिशत और महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के मामले में 2 प्रतिशत और वेस्ट कैंसर के मामले में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
एक अनुमान के मुताबिक भारत में 42 प्रतिशत पुरुष और 18 प्रतिशत महिलाएं तंबाकू के सेवन के कारण कैंसर का शिकार होकर अपनी जान गंवा चुके हैं। राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के एक प्रतिवेदन के अनुसार देश में हर साल इस बीमारी से 70 हजार लोगों की मृत्यु हो जाती है, इनमें से 80 प्रतिशत लोगों के मौत का कारण बीमारी के प्रति उदासीन रवैया है। उन्हें इलाज के लिए डॉक्टर के पास तब ले जाते हैं, जब स्थिति लगभग नियंत्रण से बेकाबू हो जाती है।
कैंसर रोग विशेषज्ञों की मानें तो इस रोग के शिकार लोगों की जान बचाई जा सकती है, अगर रोग का पता शुरूआती चरणों में ही लगा लिया जाए। पर समस्या यही है कि ज्यादातर लोगों में इसका निदान ही आखिरी चरणों में हो पाता है। यही कारण है कि सभी लोगों को कैंसर के लक्षण और इससे बचाव के उपायों को लेकर अलर्ट रहना चाहिए। इसलिए आइये जानते हैं कैंसर के लक्षण व बचाव के उपायों के बारे में:
कैंसर और उसके लक्षण:
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में अनियंत्रित रूप कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं। कैंसर, मानव शरीर में कहीं भी शुरू हो सकता है। ये कोशिकाएं ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि फेफड़े, स्तन, कोलोरेक्टल, अग्नाशय और प्रोस्टेट को कैंसर का सबसे घातक रूप माना जाता है। सभी लोगों को कैंसर के लक्षणों पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। यदि इनमें से दो-तीन लक्षण आपमें लगातार बने रहते हैं, तो इस बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर लें-
- त्वचा के नीचे असामान्य रूप से गांठ महसूस होना।
- अनपेक्षित रूप से शरीर के वजन में कमी होना।
- त्वचा में परिवर्तन, जैसे त्वचा का पीला, काला पड़ना या लाल होना, घावों का ठीक न होना।
- लगातार खांसी या सांस लेने में तकलीफ होना।
- खाने के बाद लगातार अपच या बेचैनी महसूस होना।
कैंसर से बचाव के लिए तंबाकू से करें परेहज:
किसी भी प्रकार से तंबाकू का सेवन आपको कैंसर का मरीज बना सकता है। धूम्रपान को विभिन्न प्रकार के कैंसर से जोड़ा गया है – जिसमें फेफड़े, मुंह, गले, अग्न्याशय, मूत्राशय, गर्भाशय ग्रीवा और गुर्दे का कैंसर शामिल है। वहीं, चबाने वाले तंबाकू को मौखिक गुहा और अग्न्याशय के कैंसर से जोड़ा गया है। यहां तक कि सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क में आने से भी आपके फेफड़ों के कैंसर का खतरा हो सकता है।
हेल्दी डायट लें:
हेल्दी रहने के लिए हेल्दी डायट लेना बहुत जरूरी होता है। ऐसे में प्लांट बेस्ड फूड का सेवन सेहत के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। साथ ही ऐसे खाने के विकल्पों को चुनें, जो स्वस्थ्य व वजन को बनाए रखने में मदद करते हैं। इसके अलाव प्रोसेस्ड फूड या मीट का सेवन न करें, क्योंकि यह कैंसर के जोखिम को बढ़ाने का काम करते हैं।
नियमित एक्सरसाइज करें:
नियमित शारीरिक गतिविधि स्तन, प्रोस्टेट, कोलन, एंडोमेट्रियम और अग्नाशय कैंसर सहित कई प्रकार के कैंसर के जोखिम को कम करता है। इसलिए सुबह-सवेरे व संभव हो तो शाम को भी थोड़ा-थोड़ा एक्सरसाइज जरूर करें।
वैक्सीनेशन कराएं:
एचपीवी टीका कई प्रकार के कैंसर को रोक सकता है। इसके साथ ही हेपेटाइटिस-बी टीका लीवर कैंसर को रोकने में मदद कर सकती है।
रेग्युलर मेडिकल चेकअप करवाएं:
विभिन्न प्रकार के कैंसर के लिए नियमित स्व-परीक्षा और जांच करवानी चाहिए। जैसे कि त्वचा, कोलन, गर्भाशय ग्रीवा और स्तन के कैंसर की नियमित जांच करवाते रहने पर जल्द पता लगाया जा सकता है। जिससे कैंसर से ठीक होने की संभावना भी कई गुना तक बढ़ जाती है। यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।