Attractive hill station of Kerala Thekkady - sachi shiksha hindi

केरल का आकर्षक हिल स्टेशन: थेक्कड़ी

केरल के इडुक्की जिले में स्थित थेक्कडी केरल का एक प्रमुख हिल स्टेशन है। यह स्थल थेक्कडी समुंद्र तल से लगभग 3300 फुट की ऊंचाई पर बसा है। प्रकृति के करीब होने का एहसास दिलाने वाली यह जगह लोगो को अपनी ओर आकर्षित करती है। हर साल देश विदेश के हजारो सैलानी यहा आते है। यहा का सबसे बडा आकर्षण यहा का पेरियार वन्य जीव अभ्यारण्य है। वन्य जीवो को करीब से देखना सच में एक रोमांचक अनुभव है।

इसके अलावा मसालो के उत्पादन के लिए भी यह स्थान विश्वभर में प्रसिद्ध है। अगर आप प्रकृति के बेहद खूबसूरत नजारे बेहद करीब से देखना चाहते है तो थेक्कडी की सैर जरूर करनी चाहिए। गर्मियों के दौरान परिवार और दोस्तों के साथ एक क्वालिटी टाइम स्पेंड करने के लिए यह एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है।

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आइए जानते हैं थेक्कडी की सैर के दौरान आप कौन-कौन सी खास चीजों का आनंद जी भरकर ले सकते हैं-

पेरियार वन्यजीव अभयारण्य:

पेरियार वन्यजीव अभयारण्य भारत के चुनिंदा सबसे खास राष्ट्रीय उद्यानों में गिना जाता है। दक्षिण भारत घुमने आए पर्यटकों के बीच यह उद्यान काफी लोकप्रिय है। लगभग 925 वर्ग किमी में फैला यह वन क्षेत्र अंसख्य वन्य प्राणियों के साथ पहाड़ी वनस्पतियों को सुरक्षित आश्रय देने का काम करता है। वैसे तो आप यहां अनेकों जीव जन्तुओं के देख सकते हैं लेकिन यह उद्यान एक बड़े हाथी रिजर्व और एक बाघ अभयारण्य के लिए ज्यादा जाना जाता है। इन बड़े वन क्षेत्र को 1982 में एक राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया था।

यह उद्यान इलायची पर्वत के एक पहाड़ी क्षेत्र पर बसा है। यहां आप हाथी और बाघ के अलावा सांभर, जंगली सुअर, जंगली बिल्ली, नीलगिरि लंगूर, भारतीय विशाल गिलहरी, गौर आदि जीवों को देख सकते हैं। इसके अलावा यहां पक्षियों की 265 और मछलियों की 40 प्रजातियां निवास करती हैं। गर्मियों के दौरान एक रोमांचक सफर के लिए आप पेरियार वन्यजीव अभयारण्य की सैर का प्लान बना सकते हैं। नाव लेकर करीब से वन्यजीव देखने का अवसर भी आपको यहां मिल जाता है।

थेक्कडी झील की सैर:

थेक्कड़ी में आप वन्य जीवन ट्रेकिंग या हाथी सफारी के माध्यम से भी देख सकते हैं, लेकिन इनसे अलग अगर आप थेक्कडी झील की सैर के दौरान वन्य भ्रमण करें तो ज्यादा रोमांचक अनुभूति का एहसास करेंगे। थेक्कडी झील यहां के हिल स्टेशन और वन अभयाण्य की सबसे खास झील मानी जाती है। जो चारों तरफ से घने जंगलों से घिरी है। झील की सैर के दौरान आप जंगल के सबसे अद्भुत और दुर्लभ दुश्यों को देख पाएंगे। अगर आप चाहें तो अपने कैमरे से यहां की खूबसूरती को भी उतार सकते हैं। थेक्कडी भ्रमण के दौरान आप यहां की झील की सैर का प्लान जरूर बनाएं।

अनाकारा:

उपरोक्त स्थानों के अलावा आप अगर चाहें तो इडुक्की जिले के अनाकारा गांव की सैर का प्लान बना सकते हैं। इडुकी वन्यजीव अभयारण्य से यह खूबसूरत गांव 18 किमी की दूरी पर स्थित है। अनाकारा लगभग 50 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है जो अपने मसाले के बागानों और आकर्षक झरनों के लिए ज्यादा जाना जाता है। प्राकृतिक खूबसूरती का एक अनोखा रूप आप यहां आकर देख सकते हैं। इडुक्की जिले के इस खास गंतव्य में आप प्राकृतिक खूबसूरती के साथ-साथ एडवेंचर के शौक को भी पूरा कर सकते हैं। आप यहां ट्रेकिंग और पैराग्लाइडिंग का रोमांचक अनुभव ले सकते हैं।

पीरमेड:

यह थेक्कडी से 38 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एक हरा भरा क्षेत्र है। जिसका नाम पीर मोहम्मद नामक सूफी संत के नाम पर पड़ा है। उनकी याद में पीरू पहाड़ी पर एक बहुत बड़ा मकबरा बना हुआ है। माना जाता है कि इन सूफी संत ने त्रावणकोर के महाराज को बहुत प्रभावित किया था और यह जगह गर्मियो के मौसम में शाही आरामगाह के रूप में इस्तेमाल की जाने लगी। मकबरे के पास ही शाही परिवार की आरामगाह और त्रावणकोर के दीवान का घर है।

अब इनका प्रयोग पर्यटन विभाग के गेस्ट हाउस के रूप में होता है। यहा से पांच किलोमीटर की दूरी पर ग्रंपी नामक जगह है, जहां पर ट्रैकिंग का लुत्फ उठाया जा सकता है। यहा सह्याद्री आयुर्वेदिक केंद्र भी है। जो पीरमेड डवलपमेंट सोसायटी द्वारा चलाया जाता है। यहां पास ही एक आदिवासी बस्ती है जहां तक आप गाइड की सहायता से ट्रैकिंग करते हुए जा सकते हैं।

पुल्लुमेडू:

थेक्कडी से 43 किलोमीटर दूर यह पर्वतीय नगर पेरियार नदी के किनारे स्थित है। यहां की हरियाली पर्यटकों को बरबस अपनी ओर खींचती है। यहां मिलने वाली दुर्लभ वनस्पति और जन्तु इसके आकर्षण को और बढ़ा देते हैं। यहां केवल जीप में ही जाया जा सकता है। इस जगह से सबरीमला का अययप्पा मंदिर और मकर ज्योति भी दिखाई देती है। यह स्थान वर्जित वन क्षेत्र के अंतर्गत आता है, इसलिए यहां आने से पहले वन्य विभाग से अनुमति लेना जरूरी है। अनुमति के लिए आप वन्य जीव संरक्षक अधिकारी थेक्कडी या रेंज आफिसर वल्लाक्कडवु से संपर्क कर सकते हैं।

कुमीली:

थेक्कडी की यात्रा करने वाले किसी भी पर्यटक को एक बार कुमीली अवश्य घूमना चाहिए। थेक्कडी से चार किलोमीटर के बाहरी इलाके में स्थित, इलायची पहाड़ियों के बीच बसा यह खूबसूरत शहर मसाले और चाय के बागानों के लिए बेहद मशहूर है। स्पाइस-ट्रेडिंग ने इस स्थान को व्यावसायिक रूप से भी महत्वपूर्ण बना दिया है। पर्यटक इस शहर में केरल के विशिष्ट व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं।

बंबू राफ्टिंग:

आपने रिवर राफ्टिंग तो बहुत की होगी लेकिन क्या आपने राफ्टिंग के लिए बंबू बोट का इस्तेमाल किया है ? शायद नहीं.. अगर आप थेक्कडी के जंगलों बीच नदी में बंबू राफ्टिंग का रोमांचक आंनद लेना चाहते हैं तो यहा जरूर आएं। थेक्कडी में वाटर एक्टिविटी में बंबू राफ्टिंग काफी खास माना जाता है।

बंबू राफ्टिंग की सुविधा आपको यहां जंगल विभाग उपलब्ध कराएंगा, जिनके दिशा निर्देश में आप इस खास राफ्टिंग का आनंद ले सकते हैं। बंबू बोट के सहारे आप जंगल और यहां के वन्य प्राणियों को भी देख सकते हैं।

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