World's first hospital train - Life Line Express -sachi shiksha hindi

दुनिया की पहली हॉस्पीटल ट्रेन -लाइफ लाइन एक्सप्रेस

हम आए दिन बजट ट्रेन, सीजन ट्रेन, स्पेशल ट्रेन और लग्जरी ट्रेनों के बारे में सुनते रहते हैं। इन्हीं में से एक हॉस्पिटल ट्रेन भी है, जिसकी शुरूआत सन 1991 में दूर-दूर के गाँव में रह रहे गरीब, सुविधा से वंचित और बीमार लोगों के लिए हुई थी। यह ट्रेन भारतीय संस्था के प्रभाव से मुंबई के ही एक गैर सरकारी संगठन द्वारा चलाई गयी। इस पहल की शुरूआत भारतीय रेलवे और स्वास्थ मंत्रालय के सहयोग से हुआ।

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भारत के पिछड़े इलाकों में लोगों को अस्पतालों से जुड़ी सेवा देने के लिए एक ट्रेन को ही अस्पताल का रूप दिया गया है। यह ट्रेन पर्याप्त चिकित्सा सेवा के साथ भारत के लगभग सारे हिस्सों का सफर तय करती है, और हर स्टेशन में लगभग 21 से 25 दिनों के लिए रुकती है। इस ट्रेन को लाइफ लाइन एक्सप्रेस के नाम से जाना जाता है।

अब तक ये ट्रेन 15 लाख से ज्यादा लोगों का मुफ्त इलाज कर चुकी है। ट्रेन की प्रत्येक बोगी एयर कंडीशन्ड है। पटरी पर चलता फिरता यह अस्पताल देश के लोगों के लिए काफी लाभदायक साबित हो रहा है। इसे दुनिया की पहली हॉस्पिटल ट्रेन होने का गौरव प्राप्त है।

पिछले 23 सालों में इस ट्रेन ने बिहार, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, असम से लेकर बंगाल और केरल सहित पूरे भारत का सफर तय किया है। भारत के अलग-अलग हिस्सों से गुजरती यह ट्रेन इम्पैक्ट इंडिया फाउंडेशन भारतीय रेलवे के साथ मिलकर चलती है. ये 7 डिब्बों की ट्रेन है। यह ट्रेन अपने शेड्यूल के हिसाब से अलग-अलग स्टेशनों पर रुकती है और वहां के लोग इसमें अपना इलाज करवा पाते हैं। इस दौरान ये सर्जरी, आॅपरेशन जैसे कई काम किए जाते हैं।

सभी आॅपरेशन किए जाते हैं फ्री

देश के दूर-दराज के इलाकों में लोगों को फ्री इलाज देने के लिए बनाई गई लाइफ लाइन एक्सप्रेस वास्तव में ग्रामीण इलाके के लोगों की बड़ी सेवा कर रही है। यह ट्रेन देश के दुर्गम इलाकों तक पहुंच करती हैं, जहां मेडिकल सुविधाएं नहीं हैं। बच्चे और बुजुर्ग अस्पताल तक नहीं पहुंच सकते। ऐसे लोगों को त्वरित उन्नत सर्जिकल इलाज मुफ्त उपलब्ध कराना है। ट्रेन के स्टेट-आॅफ-द-आर्ट आॅपरेशन थिएटर में कटे होठ, पोलियो, मोतियाबिंद और नसबंदी जैसे आॅपरेशन किए जाते हैं।

सभी आधुनिक सुविधाएं हैं उपलब्ध

इस हॉस्पिटल ट्रेन में अत्याधुनिक तकनीकी उपकरण और डॉक्टर की टीम है, जिसमें दो मॉर्डन आॅपरेशन थिएटर और 5 आॅपरेटिंग टेबल समेत तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं। ट्रेन की बोगियों में मेडिकल वार्ड के अलावा पॉवर जेनरेटर, पैंट्री कार और चिकित्सीय सामग्री का स्टोर है। आॅपरेशन थियेटर में क्लोज्ड सर्किट टेलिविजन भी लगाए गए हैं। इसका मकसद है कि यह रूरल एरिया में वहां के स्थानीय डॉक्टरों को ट्रेनिंग दे। इतना ही नहीं मेडिकल टीम के आराम का भी ट्रेन में पूरा ख्याल रखा गया है। इस ट्रेन में सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं।

यात्रा के साथ-साथ सेवा करते हैं डॉक्टर

ट्रेन में उपलब्ध स्वास्थ्य क्षेत्र संबंधी टीम गाँवों में रह रहे अन्य ग्रामवासियों के लिए, कई अन्य जागरूक कार्यक्रम और स्वास्थ सेवाओं का आयोजन भी करते हैं। यहाँ तक कि इस ट्रेन में अन्य जगहों के कई लोग, डॉक्टर की सेवा प्रदान कर जरूरतमंद लोगों की मदद करने आते हैं।

जब देश के अन्य लोग देश के एक कोने से दूसरे कोने की यात्रा करते हैं नयी जगह को देखने और वहाँ मजे करने के लिए, तब लोगों का कुछ ऐसा समुदाय भी है, जिसमें डॉक्टर और टेक्नीशियन्स सरकार की मदद से, उन जगहों की यात्रा करते हैं जहाँ के लोगों को उनकी सेवा की जरूरत होती है। अभी भी कुछ ऐसे लोग हैं, जो दूसरों की जान बचाने और बनाने के लिए मुफ़्त में सेवा प्रदान करते हैं। लाइफलाइन एक्सप्रेस की ये सारी विशेषताएँ इसे सबसे यूनीक ट्रेनों की सूची में शामिल करती है।

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