career veterinary science

पशु चिकित्सा विज्ञान में करियर: पशु चिकित्सा विज्ञान जीव विज्ञान की ही एक शाखा है। इसमें पशुओं से संबंधित बहुत-सी बातों की जानकारी दी जाती है। इसमें उनकी शरीरिक रचना, उनकी बीमारियां और पशु-पक्षियों से मनुष्य में होने वाली बीमारियों का अध्ययन किया जाता है। उनका इलाज भी इसमें शामिल है। उनकी जीवन क्रिया और रहन-सहन की भी इसमें जानकारी दी जाती है। पशु चिकित्सा विज्ञान में बायोक्रोमिस्ट्री, एनाटमी, माइक्रोबायोलाजी, माइक्रोसर्जरी न्यूट्रीशन, मेडिसिन आदि विषयों का अध्ययन करवाया जाता है।

पाठ्यक्रम:-

पशु चिकित्सा विज्ञान के पाठ्यक्रम एलोपैथी पर आधारित हैं। स्रातक व स्रातकोत्तर दोनों ही स्तर पर यह पाठ्यकम 5 वर्ष का है, जिसे 10 सेमेस्टरों में बांटा गया है। शुरू के 3 सेमेस्टरों में प्राकृतिक विषयों की जानकारी दी जाती है। इसके बाद पशु चिकित्सा का अध्ययन करवाया जाता है।

पढ़ाने का आधे से ज्यादा काम प्रेक्टिकल के रूप में होता है या फिर छात्र को खुद करना पड़ता है। इस पढ़ाई में लेक्चर, प्रयोग, ग्रुप डिस्कशन, सेमिनार, समस्या दूर करना, पशु चिकित्सालय में काम आदि शामिल हैं। 5 वर्षों के अध्ययन काल में 6 महीने की टेनिंग भी शामिल होती है। इसमें बैचलर आफ वेटरनरी साइंस एंड एनिमल हसबेंडरी (बीवी एससी एंड ए. एच.) की उपाधि दी जाती है। यह पाठ्यक्रम एमबीबीएस के बराबर है।

स्रातकोत्तर पाठ्यक्रम 2 साल का होता है। दूसरे विषयों की तरह वेटरनरी साइंस में भी एम. वी. एससी. की उपाधि मिलती है। शोध के लिए पोस्ट ग्रेज्युएट डिग्री जरूरी है। ये दोनों पाठ्यक्रम देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों व संस्थानों में उपलब्ध हैं और भारतीय पशु चिकित्सा परिषद से मान्यता प्राप्त हैं।

शैक्षणिक योग्यता:-

स्रातक स्तर के पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए उम्मीदवार का विज्ञान विषय (भौतिकी, रसायन व जीव विज्ञान) में 12वीं पास होना आवश्यक है। कहीं-कहीं अंग्रेजी भी प्रवेश परीक्षा का एक विषय हो सकती है। इसके लिए कम से कम 50 प्रतिशत अंक होने चाहिए। प्रवेश के समय उम्मीदवार की आयु कम से कम 17 साल होनी चाहिए।

पोस्ट ग्रेज्युएट कोर्स में प्रवेश के लिए ग्रेज्युएट होना जरूरी है। इसके लिए कम से कम 50 प्रतिशत अंक होने चाहिए। आमतौर पर इसमें भी चयन प्रवेश परीक्षा के द्वारा होता है। कहीं-कहीं स्रातक स्तर के अंकों के आधार पर भी प्रवेश दिया जाता है।

प्रवेश प्रक्रिया:-

स्रातक स्तर पर इस पाठ्यक्रम में प्रवेश दो प्रकार से हो सकता है:-

  • अखिल भारतीय स्तर पर प्रवेश परीक्षा का आयोजन भारतीय पशु चिकित्सा परिषद करती है। इसके द्वारा उम्मीदवारों को देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों या संस्थानों में प्रवेश मिलता है। हरेक महाविद्यालय में 15 प्रतिशत सीटें परिषद के द्वारा भरी जाती हैं, जिसमें चयन अंकों के आधार पर किया जाता है।
  • प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन विभिन्न विश्वविद्यालय व संस्थान भी करते हैं। इनमें भी चयन प्रवेश परीक्षा के अंकों से ही होता है। ज्यादातर सीटें उसी राज्य के उम्मीदवारों के लिए रिजर्व रहती हैं। एम. वी. एससी. पाठयक्रम के लिए प्रवेश परीक्षा सीधे संस्थान या विश्वविद्यालय द्वारा ली जाती है। भारतीय पशु चिकित्सा परिषद इस परीक्षा का आयोजन नहीं करती।

रोजगार के अवसर:-

इस पाठ्यक्रम को करने के बाद रोजगार की बहुत संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में पैसा भी है और मेंटल सैटिस्फेक्शन (मानसिक संतुष्टि) भी।

इसके विभिन्न क्षेत्र इस प्रकार हैं:-

सरकारी रोजगार:-

राज्य सरकार के अधीन पशु चिकित्सालयों व टीका संस्थानों में पशु चिकित्सा अधिकारी या पी. सी. एस. अधिकारी के रूप में।

केंद्रीय सरकार:-

भारतीय सेना, सीमा सुरक्षा बल आदि में।

  • केंद्रीय प्रजनन फार्मों जैसे पशु/गो फार्म, मुर्गी फार्म आदि में।
  • लोक सेवा आयोग द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा तथा दूसरी समान सेवाओं में।
  • इंटेलिजेंस ब्यूरो में कुत्तों के इलाज के लिए।

अर्द्ध सरकारी रोजगार:-

बीमा कंपनियों में

बैंकों में ल्ल प्रादेशिक डेरी फेडरेशन में।

स्वायत्तशासी संस्थाएं:-

राष्ट्रीय  डेरी विकास बोर्ड में।

  •  शिक्षा व अनुसंधान, राज्य कृषि विश्वविद्यालय, पशु चिकित्सा महाविद्यालय में।
  • अनुसंधान संस्थान, जैसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में।

निजी संस्थाएं:-

  • पशु एवं मुर्गी फार्म
  • घोड़ा फार्म ल्ल औषधि व टीका बनाने की संस्थाएं ल्ल पशु आहार तथा मुर्गीदाना बनाने के उद्योग
  • औषधि निर्माण के उद्योग

ट्रस्ट के अस्पताल।

वेतनमान:-

इस पाठ्यक्रम से जुड़े व्यक्तियों के वेतनमान काफी अच्छे हैं। एक पशु चिकित्सक को एमबीबीएस चिकित्सक के समान वेतन मिलता है।

अनुभव व योग्यता के आधार पर प्रमोशन होता रहता है। स्वरोजगार वालों के लिए आमदनी की कोई सीमा नहीं।

संस्थान:-

भारत में 4 पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय हैं- चेन्नई, कोलकाता, मथुरा और नागपुर। देश में पशु चिकित्सा कॉलेजों की संख्या कुल 36 हैं। ये राज्य विश्वविद्यालयों के अधीन हैं।

अखिल भारतीय स्तर पर होने वाली प्रवेश परीक्षा में भाग लेने के लिए उम्मीदवार पशु चिकित्सा परिषद के निम्न

कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं:-

भारतीय पशु चिकित्सा परिषद् ए-विंग, अगस्त क्रांति भवन, भीकाजी कामा प्लेस, नई दिल्ली।
– नरेंद्र देवांगन

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