घातक है कोरोना वायरस Corona virus
बचाव के लिए डाइट व सावधानियां जरूरी
इन दिनों पूरी दुनिया कोरोना वायरस के खतरे से जूझ रही है। चीन, इटली, ईरान जैसे देश इस खतरनाक वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। भारत में इस वायरस ने अब पैर फैलाना शुरू कर दिया है और प्रारंभिक जांच के कुछ संदिग्ध मरीज मिले हैं। वैसे कई मेडिकल रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना वायरस इतना खतरनाक नहीं, जितना कि उसका खौफ फैला हुआ है। इसके अलावा कोरोना वायरस के अटैक के मामले में मौत का प्रतिशत 1 से 2 प्रतिशत है, जबकि स्वाइन फ्लू के मामले में मौत का प्रतिशत इससे कहीं ज्यादा 8 से 10 फीसदी तक है।
डॉ. लक्ष्मीदत्ता शुक्ला के अनुसार, कोरोना जैसी किसी भी बीमारी से लड़ने में रोग प्रतिरोधक क्षमता निर्णायक भूमिका निभाती है और यह रोग प्रतिरोधक क्षमता आहार, व्यायाम, उम्र, मानसिक तनाव जैसे अन्य कारणों पर निर्भर करती है। जरूरी है कि रोज थोड़ा-थोड़ा व्यायाम करें, वजन संतुलित रखें, ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखें, पूरी नींद लें।
डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण से फैलता है और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्ति को जल्द ही आक्रमण करता है। ऐसे में कोरोना से बचने के लिए सबसे पहले तो अपने आसपास हाइजीन का ध्यान रखें और साथ ही अपनी शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खानपान का सेवन करें।
साफ-सफाई व हाइजीन का ध्यान रखना एक बाह्य सुरक्षा का मामला है, लेकिन शरीर की आंतरिक सुरक्षा बढ़ाने के लिए हमें अपने डाइट प्लान का विशेष ध्यान रखना होगा तो आइए जानते हैं कोरोना से बचने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाएं:
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पौष्टिक आहार लें:
हमारी खानपान की आदतों का शरीर के इम्यून सिस्टम पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। पौष्टिक आहार शरीर की रक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। यदि ज्यादा प्रोटीन व कम फैट वाला आहार लेंगे तो शरीर बाहरी कीटाणु व वायरस का आक्रमण झेलने में सक्षम हो जाता है और बिना एंटीबायोटिक दवाओं के भी शरीर को सुरक्षित रखा जा सकता है।
खाने में प्रोटीन की मात्रा हो ज्यादा:
इस बात का विशेष ध्यान रखें कि इम्यून सिस्टम को ठीक करने के लिए शरीर में हमेशा अधिक प्रोटीन की आवश्यकता होती है। यह सभी जानते हैं कि बहुत ही सूक्ष्म कोशिकाओं से मिलकर हमारे शरीर का निर्माण होता है। शरीर में प्रतिदिन हजारों लाखों कोशिकाओं का निर्माण होता है और खत्म भी होती है। ऐसे में कोशिकाओं की निर्माण प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए अधिक प्रोटीन की जरूरत होती है।
डाइट में शामिल करें ये जरूरी विटामिन:
विटामिन ई टी-सेल की सक्रियता को बढ़ाने में काफी मदद करता है। विटामिन-ई तेल, नट्स, बीज आदि में पाया जाता है। इसके अलावा विटामिन सी शारीरिक कोशिकाओं को संगठित रखने में काफी मदद करता है और रोगों से लड़ने में विशेष भूमिका निभाता है। खाने में विटामिन सी तो अनिवार्य रूप से शामिल करना चाहिए। संक्रामक बीमारियों से बचने के लिए भी विटामिन सी जरूर खाना चाहिए। इसके अलावा विटामिन ए, जिंक, सिलनियम, आयरन वाली डाइट भी जरूर लेना चाहिए।
एक दिन में नहीं बढ़ता इम्यून सिस्टम
इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता एक दिन में नहीं बढ़ती है। प्रतिदिन खानपान में पौष्टिक आहार लेना चाहिए। साथ ही नियमित व्यायाम भी जरूर करना चाहिए। एम्स के डॉ. अजय मोहन के अनुसार, कोरोना वायरस संक्रमण का अभी कोई इलाज उपलब्ध नहीं है। सामान्य वायरल की तरह यह अपने आप भी ठीक हो सकता है, लेकिन इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता अहम भूमिका निभा सकती है। जिस तरह कोरोना से दूर रहने के लिए साफ-सफाई का ख्याल रखने की सलाह दी जा रही है, उसी तरह प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी साफ-सफाई जरूरी है। मसलन, जो सब्जियां खा रहे हैं, उन्हें बहुत अच्छी तरह साफ करके बनाएं। तेल, मसाले व अन्य चीजों की साफ-सफाई पर अच्छी तरह ध्यान दें।
क्या है कोरोना वायरस?
कोरोना वायरस (सीओवी) का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है, जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है। इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था। डब्लूएचओ के मुताबिक, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं। अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है।
कोरोना वायरस के लक्षण:
- कोरोनावायरस (कोवाइड-19) में पहले बुखार होता है।
- इसके बाद सूखी खांसी होती है और फिर एक हफ्ते बाद सांस लेने में परेशानी होने लगती है।
- इन लक्षणों का हमेशा मतलब यह नहीं है कि आपको कोरोना वायरस का संक्रमण है।
- कोरोना वायरस के गंभीर मामलों में निमोनिया, सांस लेने में बहुत ज्यादा परेशानी, किडनी फेल होना और यहां तक कि मौत भी हो सकती है।
- उम्रदराज लोग और जिन लोगों को पहले से ही कोई बीमारी है (जैसे अस्थमा, मधुमेह, दिल की बीमारी) उनके मामले में खतरा गंभीर हो सकता है।
क्या हैं इससे बचाव के उपाय?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बचने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इनके मुताबिक, हाथों को साबुन से धोना चाहिए। अल्कोहल आधारित हैंड रब का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। खांसते और छींकते समय नाक और मुंह रूमाल या टिश्यू पेपर से ढककर रखें। जिन व्यक्तियों में कोल्ड और फ्लू के लक्षण हों उनसे दूरी बनाकर रखें।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी कुछ बेसिक गाइडलाइन्स:
वर्क स्टेशन को साफ-सुथरा रखें :
आॅफिस में आप 8-9 घंटे बिताते हैं, ऐसे में यहां इंफेक्शन होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। वहीं, आॅफिस में चाहे कितनी भी साफ-सफाई क्यों न हो लेकिन आपको आॅफिस पहुंचते ही सबसे पहले अपना वर्क स्टेशन साफ करना चाहिए। वर्क स्टेशन के साथ आपको कीबोर्ड, माउस जैसी चीजों जहां पर बार-बार सभी के हाथ लगते हैं, उसे भी साफ करना चाहिए।
रेग्युलर हैंड वॉशिंग और सैनिटाइजिंग:
हैंड सैनिटाइजर्स को वर्कप्लेस पर भी कैरी करना चाहिए। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने का सबसे बेस्ट तरीका यही है कि आप हाथों की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। अगर आपके हाथ साफ हैं तो सिर्फ कोरोना वायरस ही नहीं बल्कि किसी भी वायरस और बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है।
डिस्पोजेबल वाइप्स का इस्तेमाल करें
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन की मानें, तो आॅफिस में कर्मचारियों को डिस्पोजेबल वाइप्स दिए जाने चाहिए ताकि वे कॉमन जगहें जैसे-दरवाजों का हैंडल, डोर नॉब, लिफ्ट का बटन, रिमोट कंट्रोल, डेस्क आदि को छूने से पहले वाइप्स से साफ कर लें। ऐसा करने से भी कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सकता है।
खांसी-जुकाम होने पर ध्यान दें
आपको अगर खांसी, जुकाम या कफ की समस्या है या आपके आॅफिस में किसी को यह समस्या है, यह न समझें कि यह कोरोना वायरस ही है बल्कि तुंरत चेकअप कराएं। साधारण फ्लू होने पर भी मास्क, टिश्यू, जैसी चीजों का इस्तेमाल जरूर करें।
तबियत ज्यादा खराब हो, तो घर पर रहें
आप हैं, तो जहां है। इस बात को ध्यान रखते हुए अगर आपकी तबियत ज्यादा खराब है, तो घर पर रहने में ही भलाई है।
कुछ अन्य सावधानियां भी बरतें
परिजनों से सावधानी पर करें चर्चा
परिजनों, रिश्तेदारों और मित्रों को जीवनशैली से जुड़ी सावधानियों के बारे में बताएं। पड़ोसियों के साथ मिलकर आपातकालीन स्थिति की योजना बनाएं। बीमारी की स्थिति में संपर्क करने वाले लोगों की सूची बनाएं और साथ के लोगों के साथ साझा करें।
मुलाकात से बचें:
बीमार लोगों से मिलने पर परहेज करें। यदि खुद बीमार हैं तो डॉक्टर से मिलने के अलावा बाहर निकलने से बचें। खांसी और जुकाम होने पर टिश्यू का इस्तेमाल करें। परिजनों के साथ कम बैठें।
घरों में रोजाना पूरी सफाई करें:
घर पर जिन वस्तुओं का रोजाना इस्तेमाल हो रहा है। उनकी सफाई रोजाना करें। कुर्सी, मेज, लाइट के स्विच, दरवाजे और हत्थे को घर के सभी लोग इस्तेमाल करते हैं, इन्हें रोजाना साफ करें।
20 सेकेंड्स तक साफ करें हाथ:
पानी और साबुन का इस्तेमाल करते हुए हाथों को 20 सेकेंड्स तक रगड़कर साफ करें। खाने के पहले और बाद, शौचालय के इस्तेमाल के बाद अवश्य साबुन से हाथ धुलें। ऐसे सेनेटाइजर का इस्तेमाल करें जिसमें 60 प्रतिशत एल्कोहल हो।
बच्चों के लिए सतर्कता, स्कूल प्रबंधन को करें सूचित:
यदि बच्चे को खांसी या जुकाम है तो स्कूल के प्रबंधन को सूचित करें। साथ ही बच्चों के लिए घर पर की जाने वाली प्रैक्टिस और अध्ययन की मांग करें।
समूह से दूर रहने को करें प्रेरित:
यदि बच्चा स्कूल जा रहा है तो उसे समूह से परहेज करने के लिए कहें। साथ ही एकल खेल में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करें।
अपनों से संपर्क में रहें:
खुद व परिजनों से लगातार संपर्क में रहें। मुलाकात न सही तो भी फोन और ईमेल के जरिए उनसे बातचीत करते रहें। बच्चों से स्नेह से बात करें और उन्हें सकारात्मक रहने को प्रेरित करते रहें।
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