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रक्तदान में डेरा सच्चा सौदा के नाम रिकार्ड
- 7 दिसम्बर 2003 क ो 8 घंटों में सर्वाधिक 15,432 यूनिट रक्त दान।
- 10 अक्त ूबर 2004 क ो 17921 यूनिट रक्त दान।
- 8 अगस्त 2010 को मात्र 8 घंटों में 43,732 यूनिट रक्त दान।
- सेवादारों ने किया 5 लाख 20 हजार यूनिट से अधिक रक्तदान
खून की बूंद गर गर्म है तो जिंदगी है, वरना दुनिया से रुखस्त होते देर नहीं लगती। सामान्य जिंदगी जीने वाले लोगों से अलग भी एक दुनिया होती है जिसमें खून की कदरोकीमत समझ में आती है। इस दुनिया में खून लेने वाले से ज्यादा खून देने वाले की अहमियत होती है। बेशक खून देने वाला यानि रक्तदाता दूसरे की जिंदगी बचाने के लिए ही अपने शरीर में जमा खून की पूंजी को दूसरे को दान करता है, लेकिन यह दान कोई आम नहीं है।
इसकी अहमियत वही जानता है जिसे दूसरे के खून की चंद बूंदें फिर से जीवन बख्श देती हैं। खूनदान करना जितना महान कार्य है, उससे भी बढ़कर महानता है इन्सान में खूनदान का जज्बा पैदा करना। रक्तदाता दिवस पर आवश्यक हो जाता है उस महान व्यक्तित्व का उल्लेख करना, जिनकी पावन प्रेरणा की बदौलत आज एक आवाज-भर लगाने से हजारों लोग ब्लॅड बैंक के सामने लाइनों में आ खड़े हो जाते हैं। वे ना किसी का धर्म पूछते हैं, ना किसी की जात। बस! उनका एकमात्र मकसद होता है दूसरे के जीवन को बचाना।
‘इन्सां’ में ऐसी प्रेरणा भरने वाले पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने हमेशा ही परोपकार करने की बात कही है। दूसरों के दुख-दर्द को सांझा करते हुए उसे दूर करने की सीख दी है। बीमार-लाचार की पीड़ा हरने का प्रयास करने की बात समझाई है। जीते-जी रक्तदान, गुर्दादान और मरणोपरांत नेत्रदान व देहदान की अनूठी रीत चलाकर पूज्य गुरूजी ने डेरा सच्चा सौदा की देश-विदेश में बैठी करोड़ों की संख्या में साध-संगत को जीवन जीने का नया ढंग सिखाया है। इसी का अनुसरण करते हुए संगत आज रक्तदान जैसे महान कार्यों में अपनी भागीदारी को अपना सौभाग्य मानती है।
डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत के रक्तदान के प्रति जज्बे को देखते हुए पूज्य गुरु जी ने उन्हें चलता-फिरता ब्लॅड पंप (ट्रयू ब्लॅड पंप) की संज्ञा दी है, जिसे समय-समय पर संगत चरितार्थ भी करती रहती है। यहां के अनुयायी मई-2020 तक 5 लाख 20 हजार यूनिट से भी ज्यादा रक्त मानवता की सेवा के लिए दान कर चुके हैं।
कोरोना महाकाल में लॉकडाउन के दौरान डेरा प्रेमियों ने अंतर्राष्टÑीय रक्तदान दिवस के उपलक्ष्य में भारत वर्ष में रक्तदान शिविरों का बड़े स्तर पर आयोजन किया। यह ऐसा दौर था, जब लोग घरों से बाहर गली में निकलना भी मुनासिफ नहीं समझते थे, लेकिन डेरा प्रेमियों ने मौत के डर को मात देते हुए ब्लॅड बैंकों में जाकर रक्तदान किया। एक दिन में हजारों यूनिट रक्तदान हुआ।
यहां पंजाब के पटियाला, जालंधर और हरियाणा के सरसा जिले का जिक्र लाजमी हो जाता है, जहां के डेरा सच्चा सौदा के सेवादार रक्तदाता के रूप में नजदीकी ब्लॅड बैंकों के द्वार पर एक महीने तक लगातार तैयार खड़े मिले। इसकी खास वजह थी इन क्षेत्रों में थैलेसीमिया पीड़ितों के लिए रक्त की आ रही किल्लत। इन सेवादारों ने रक्तदान को एक आदर्श मानते हुए प्रण लिया कि ‘खून बिन जाने न देंगे कोई भी जान’ यानि लॉकडाउन में थैलेसीमिया पीड़ितों के लिए डेरा सच्चा सौदा के सेवादार फरिश्ता बनकर आए। इस नेक कार्य की बुद्धिजीवी वर्ग ने भरपूर प्रशंसा की। एक आवाज-भर लगाने पर ही नंगे पांव रक्तदान के लिए दौड़कर आने वाले ऐसे रक्तदानी योद्धाओं को हमारा सलाम्।
“रक्तदान क रके अगर कि सी की जान बचाई जा सक ती है, तो यह बहुत पुण्य क ा क ाम है। मानवता के नाते मनुष्य क ो रक्तदान क रना चाहिए। रक्त दान क रने से शरीर में क ोई कमजोरी नहीं आती, बल्कि पहले क ी अपेक्षा अच्छा रक्त बनता है और शरीर में ताजगी महसूस होती है।’’
-पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां।”
भटिंडा की सेवादार बहनों ने लिखी नई इबारत
ब्लॉक भटिंडा की शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग की सेवादार बहनों ने रक्तदान कैंप का आयोजन कर महिला शक्ति का नया नमूना पेश किया है। बता दें कि महिला सेवादारों की ओर से तीन रक्तदान कैंप लगाए जा चुके हैं। विंग की राष्टÑीय सदस्य ऊषा इन्सां व कुलदीप इन्सां ने बताया कि कोरोना को लेकर जारी नियमों की पालना करते हुए बहनों ने कुल 53 यूनिट रक्तदान किया।
वहीं बठिंडा के ब्लॉक बालियांवाली ने भी गांव के सरकारी अस्पताल में रक्तदान कैंप लगाया, जिसमें शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैलफेयर फोर्स विंग के सेवादारों की ओर से 42 यूनिट रक्तदान किया गया।
जिम्मेवार जगजीत सिंह इन्सां ने बताया कि बीते दिनों पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की 7 मई 2020 की चिट्ठी अनुसार मिले सन्देश पर अमल करते हुए कोरोना महामारी के चलते डेरा सच्चा सौदा के वॉलंटियरों की ओर से अलग-अलग स्टेटों में जहां भी कहीं रक्त की मांग की जाती है, रक्तदान कैंप लगा कर ब्लॅड बैंकों को बड़े स्तर पर रक्तदान किया जा रहा है। रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव दर्शन कुमार ने कहा कि मैं जिला प्रशासन व रेडक्रास की ओर से डेरा सच्चा सौदा का बहुत आभारी हूँ, जिन्होंने हमारी अपील स्वीकार करते हुए रक्तदान करने की पहलकदमी की है।
पीजीआई में मशहूर हैं ट्रयू ब्लॅड पंप
रक्तदान के क्षेत्र में जरूरतमंदों की सेवा के लिए ट्रयू ब्लॅड पंप के नाम से मशहूर चंडीगढ़ के डेरा सच्चा सौदा के सेवादार लगातार पीजीआई एवं अन्य अस्पतालों में मरीजों के लिए रक्तदान कर रहे हैं। गौरव इन्सां, हरजीत सिंह, हरप्रीत सिंह, राहुल इन्सां, वरुण इन्सां, गुरजंट इन्सां, हरविंद्र इन्सां, हरी इन्सां, दर्शन इन्सां, जयपाल इन्सां, रोशन इन्सां इत्यादि ने जरूरतमंदों के लिए रक्तदान किया। वहीं कुछ यूनिट रक्त सेवादारों द्वारा मास्टर कार्ड के द्वारा भी मुहैया करवाया गया। बता दें कि चंडीगढ़ पीजीआई में इलाज करवाने के लिए आने वाले मरीजों में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड के लोग शामिल रहते हैं। ऐसे में मरीजों को यदि रक्त की जरूरत होती है तो सबसे पहले अस्पताल स्टॉफ या मरीज के परिजन डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों से संपर्क करते हैं।
लगातार 5 दिन तक नहीं टूटने दी रक्तदान की लड़ी
लॉकडाऊन के चलते कोरोना महामारी के कारण लोगों में रक्तदान करने का उत्साह कम हो गया था, जिस कारण अस्पताल में आने वाले थैलेसीमिया और कैंसर के मरीजों के अलावा अन्य जरूरतमन्द मरीजों को बहुत मुश्किल का सामना करना पड़ रहा था, परंतु डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों ने ऐन वक्त पर रक्तदाता के रूप में पहुंचकर संकट में फंसी जिंदगियों में नया संचार कर दिया। यह कहना था
जालंधर के सिविल अस्पताल के डाक्टर गगनदीप सिंह का, जिन्होंने स्वयं डेरा अनुयाइयों से रक्तदान का आग्रह किया था। ब्लॉक जालंधर, ब्लॉक मुकन्दपुर, ब्लॉक अपरा, ब्लॉक नूरमहल के शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों की ओर से ‘एक मुस्कान’ के अंतर्गत जालंधर के 2 ब्लॅड बैंकों (सिविल अस्पताल व ओहरी अस्पताल के ब्लॅड बैंक) में डॉक्टरों की मांग पर लगातार पांच दिन तक रक्तदान किया। सेवादारों ने जालंधर के सिविल अस्पताल के ब्लॅड बैंक में 112 यूनिट व ओहरी अस्पताल के ब्लॅड बैंक में 54 यूनिट रक्तदान किया।
महाराष्टÑ सरकार के आह्वान पर उमड़े रक्तदानी
महाराष्ट्र राज्य में बाबा दीप सिंह नगर, नारी रोड नागपुर पर शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग के सेवादारों द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें सैंकड़ों सेवादारों ने भाग लिया। बता दें कि नागपुर के इंदिरा गांधी गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज द्वारा डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं से कोरोना महामारी में आई रक्तदाताओं की कमी को देखते हुए रक्तदान करने के लिए लिखित में पत्र जारी कर सहयोग की अपील की गई थी, जिस पर सेवादारों ने 40 यूनिट रक्तदान किया। महारष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने भी रक्तदान की किल्लत को लेकर रक्तदाताओं से आगे आने का आह्वान किया था।
… ये धर्म नहीं, दर्द देखते हैं
रंग-रंगीले राजस्थान में भी सेवादारों के खून का रंग सामने वाले का धर्म-मजहब या समुदाय नहीं देखता, अपितु सेवादारों का एक ही उद्देश्य होता है कि अपने खून की एक-एक बूंद देकर भी पीड़ित व्यक्ति के जीवन को बचाया जा सके तो यह उनका सौभाग्य होगा। चूरू (तारानगर) जोन के शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने क्षेत्र के स्टार सिटी इंटरनेशनल स्कूल में विश्व पर्यावरण दिवस व डेरा सच्चा सौदा के पूर्व सेवादार देहदानी स्व. मंगेजाराम इन्सां मीणा की प्रथम पुण्यतिथि पर रक्तदान शिविर लगाकर 113 यूनिट रक्त संग्रह किया। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अखिलेश शर्मा ने रक्तदानी सेवादारों की भरपूर प्रशंसा की।