जैसे-जैसे हमारे देश की आबादी बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे रहने के लिए घर की समस्या उत्पन्न हो गई है। अब एक छोटे से घर में ही विभिन्न प्रकार के फर्नीचर का प्रयोग करके अपने सोने-बैठने की जगह कर लेते हैं।
शायद ही कोई ऐसा घर होगा जहां विभिन्न प्रकार के फर्नीचर पलंग, सोफा, अलमारी आदि न हो।
आजकल तो कार्यालयों में भी फर्नीचर की दीवार खड़ी मिलती है। Furniture ki Dekhbhal
अब इसकी सफाई का भी विशेष ध्यान रखना पड़ता है।
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विभिन्न प्रकार के फर्नीचर की देखभाल निम्न प्रकार से कर सकती हैं
- स्याही के दाग नमक के घोल से साफ करें।
- डिजाइनदार फर्नीचर को पहले साबुन का घोल (बु्रश में) लगाकर साफ करें। उसके बाद ही पालिश करें।
- पालिश वाले फर्नीचर को पहले सिरके में पानी मिलाकर धोएं। इसके उपरान्त ही पालिश करें।
- फर्नीचर की दरारों को मोम पिघला कर सलाई या चाकू की मदद से उसमें भरें। फिर ऊपर से वार्निश कर दें।
- फर्नीचर पर पड़े धब्बे जैतून के तेल में नमक मिलाकर साफ करें।
- कुर्सी, सोफा इत्यादि पर बैठने से सिर (ऊपर) वाला हिस्सा काला पड़ जाता है। स्प्रिट से उस स्थान को साफ करें।
- चमड़े के फर्नीचर को सिरके में अलसी के तेल की बूंदें डालकर उससे साफ करें।
- बांस के फर्नीचर को नमक में पानी मिलाकर उस पानी से साफ करें।
- बेंत का फर्नीचर नींबू साबुन मिलाकर साफ करें।
- फर्नीचर पर गरम बर्तन के निशान पड़ जाते हैं। तिल के तेल से रगड़ कर साफ करें। फिर भी साफ न हों तो तारपीन के तेल से साफ करें।
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फर्नीचर संबंधी कुछ अन्य जानकारी
- लकड़ी की अलमारी में सीलन न आए, इसके लिए एक डिब्बे में चूना भर कर रख दें। सारी सीलन को चूना सोख लेगा।
- दीमक लगने पर मिट्टी के तेल से साफ कर वार्निश कर दें।
- लकड़ी हो या स्टील का फर्नीचर, सभी पर पेन्ट अवश्य करें, जिससे किसी प्रकार के धब्बे पड़ने पर सफाई कर रंग रोगन किया जा सके।
- टेबल पर पहले अखबार बिछा लें। उसके बाद टेबल क्लाथ बिछायें। इससे टेबल गन्दा नहीं हो पाएगा।
फर्नीचर पर रंग रोगन समय-समय पर करती रहें। इससे आपको यह मालूम पड़ जाएगा कि कहीं दीमक तो नहीं लगी या कहीं से लकड़ी को घुन तो नहीं खा रही। कहीं दरारें खाली तो नहीं हो गई।
अगर इन सभी का आप ध्यान रखेंगे तो आपके फर्नीचर की उम्र बढ़ेगी, वहीं समय-समय पर देखभाल से टूटेंगे भी नहीं।
– नीलम गुप्ता