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घर में व्यवस्थित जीवन का आनंद उठाएं

हमारे देश के बड़े शहरों में जब हम एंट्री करते हैं तो हमें भीड़भाड़ वाला एरिया, जगह-जगह कूड़े व मलबे के ढेर, फुटपाथ पर तरह-तरह के स्टॉल लगाकर लोग नीचे बैठे होते हैं, सड़क की दोनों तरफ रेहड़ियां वगैरह लगी होती हैं, यानि शहर का निर्माण ही सबकुछ नहीं होता। शहर में सबसे महत्वपूर्ण बात होती है व्यवस्था बनाना।

मंडियों के लिए अलग जगह अलॉट की जाती है, फिर भी जगह-जगह पर सब्जी बेचने वाले ठेले मिल जाएंगे। आप दिल्ली के राजपथ क्षेत्र का उदाहरण ही ले लें। वहां सब कुछ बिखरा हुआ सा दिखेगा। वीआईपी क्षेत्र होने की वजह से जगह-जगह नो एंट्री के बोर्ड लगे हैं। सड़कें दूर-दूर तक खुदी हुई हैं। जगह-जगह मलबे का ढेर और अस्त-व्यस्त सा आलम है। गाड़ियों को घुमा-घुमाकर ले जाना पड़ता है। इससे भी बदत्तर नजारा होता है जब किसी क्षेत्र में नई मेट्रो लाइन या फ्लाईओवर आदि का निर्माण कार्य शुरू होता है।

हर तरफ मलवों का ढेर, लोहे की छड़ें और क्रेन जैसी बड़ी-बड़ी गाड़ियां सड़कों पर नजर आती हैं।

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जनता की तकलीफें सहजता से कम हों

निर्माण कार्य चलने से मिट्टी और पानी से सड़कों पर कीचड़ की भरमार हो जाती है और इस वजह से लोगों का उन रास्तों से आना-जाना मुहाल हो जाता है। ट्रैफिक जाम और गाड़ियों के शोर से जिंदगी बद से बदतर हो जाती है। सवाल उठता है कि इस तरह के निर्माण कार्यों में जब मनचाहा पैसा कमाया जा रहा है तो भी सब कुछ व्यवस्थित क्यों नहीं है? यदि थोड़ा सा ध्यान रखा जाए और पूर्व योजना और व्यवस्था के साथ काम किया जाए तो जनता की तकलीफों को बहुत सहजता से कम किया जा सकता है।

अस्त-व्यस्त जीवन हमारी आदत बनी

दरअसल यह भारतीय मनोवृति है। देश हो, समाज हो या छोटा सा घर, हर तरफ लोगों को अस्त-व्यस्त रहने की आदत है। घरों में प्रत्येक व्यक्ति अपना सामान इधर-उधर पटकने का आदी होता है। पति हो या बच्चे, स्कूल/आॅफिस से घर आते ही अपना बैग टेबल/बेड/सोफे पर पटकते हैं और मोबाइल चलाने में लग जाते हैं। बच्चे एक जूता एक कमरे में तो दूसरा दूसरे कमरे में उतारकर और मोजों को कहीं दूर फेंकते हुए, बिस्तर पर आ गिरते हैं। बाहर से आकर अपने कपड़े भी बाथरूम या बिस्तर पर छोड़कर अपनी दुनिया में मगन हो जाते हैं।

पुरुष व बच्चे भी व्यवस्थित रहें

सामान्यतया यह काम गृहिणी का माना जाता है कि वह सबका सामान व्यवस्थित करके रखें। यदि गृहिणी कहीं से चूक जाए तो सुबह भागम-भाग मच जाती है।
साधारणत: ऐसे घरों में सुबह का दृश्य बड़ा ही मनोरम होता है। पति टाई/फाइल वगैरह ढूंढते दिखते हैं तो बच्चे मोजे और किताबें। मां टिफिन बनाने के बीच-बीच में सामान खोजने के लिए दौड़ती है। ऐसे में कभी रोटी जल जाती है, तो कभी बस छूट जाती है और कभी आॅफिस पहुंचने में देर हो जाती है। यह सब परिणाम है अस्त-व्यस्त रहने की आदत का। जीवन की आपाधापी और परेशानियों से बचना है तो जीवन में व्यवस्थित करने की आदत बहुत जरूरी है। यह आदत घर के हर सदस्य में होनी चाहिए वरना किसी एक की लापरवाही के कारण परिवार के दूसरे सदस्यों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

व्यवस्थित रहने से घटेगा तनाव

ज्यादातर लोगों को व्यवस्थित रहना बिल्कुल भी आसान नहीं लगता है। याद रखिए व्यवस्थित रहने की आदत डालने में वक्त लग सकता है लेकिन एक बार जब आप ऐसा करना शुरू करते हैं तो फिर यह आप की आदत में शुमार हो जाता है। इससे आपका जीवन काफी आसान बन जाता है। अपने रहने की जगह को व्यवस्थित करने के साथ ही आपको हर काम व्यवस्थित तरीके करने की आदत बनानी चाहिए, ताकि आप कम वक्त में भी कई काम पूर्णता से निपटा सकें। व्यवस्थित रहने से आप के तनाव और चिंताएं भी कम हो जाती हैं।

वक्त के साथ चलें:

सबसे पहले अपने वक्त को व्यवस्थित करें। एक कलेंडर लें और सभी महत्वपूर्ण तारीखों जैसे परिवार के सदस्यों या दोस्तों के बर्थडे, एनिवर्सरीज आदि को नोट कर लें। इसे अपने किचन में, बेड के सामने या अपने होम आॅफिस की दीवार जैसी किसी ऐसी जगह पर लगा लें जहां आपकी नजर उस पर रोजाना पड़े। आप चाहें तो कंप्यूटर डेस्कटॉप पर भी एक कलेंडर लगाकर रख सकते हैं। रोजाना दूसरी जरूरी तारीखों, अपोइंटमेंट्स और मीटिंग्स डेट्स भी टिक करते जाएं, ताकि यह लगातार अपडेटेड रहे और आपको आसानी हो।

जरूरी कामों की लिस्ट बनाएं

कई दफा हम कोई जरुरी काम करना भूल जाते हैं और फिर बाद में पछताते हैं कि इतना जरूरी काम भूल कैसे गए। इस टेंशन से बचने के लिए लिस्ट बनाना शुरू करें। रोजाना सुबह में उस दिन जो काम करने हैं उनकी एक लिस्ट बनाएं। इसे दो हिस्सों में विभाजित करें। पहला हिस्सा घर के कार्यों की लिस्ट का हो और दूसरे हिस्से में उन कार्यों की लिस्ट बनाएं जिन्हें आपको आॅफिस में करने हैं या फिर आॅफिस से घर लौटते समय रास्ते में निपटाने हैं। पहले लिस्ट को किचन या बैडरूम में रखें और दूसरे लिस्ट को आॅफिस बैग में। जो काम निपट जाए उस पर क्रॉस लगा दें।

घर को व्यवस्थित करें

सबसे पहले अपने बेडरूम को व्यवस्थित करें। इसे साफ और सजाकर रखें। यहां मौजूद हर एक आइटम को सही जगह पर रखें, तभी बाहर निकलें और तब घर के दूसरे काम करें। अपने बेडरूम में मौजूद सामान जितना हो सके कम करते रहें। इसके बाद अपने होम आॅफिस और डेस्कटॉप को व्यवस्थित करें। अपने डेस्क पर मौजूद सारे पेपर्स और बिल्स को देखें। इन वस्तुओं को किसी फोल्डर में या एक फाइलिंग कैबिनेट में रख दें। उन सभी पेपर्स को हटा दें जिनकी आपको आवश्यकता नहीं पड़ने वाली। आॅफिस फाइल्स को ड्रायर या कैबिनेट में रख दें। सारे पेन, पेंसिल, स्टेपलर और हाइलाइटर आदि को एक पेन होल्डर में रखें।

अपने किचन को आॅर्गेनाइज करें

  • किचन आपके घर का सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण एरिया होता है। यहां के हर एक आइटम को खुद चेक करें। प्रयोग न होने वाले या एक्सपायर आइटम्स को बाहर निकालें। टूटे हुए किचन टूल्स या पुराने बर्तनों को भी बाहर निकाल दें। बेकार की भीड़ न बढ़ाएं। रखने वाली चीजों को साफ कर लें और फिर व्यवस्थित रूप से रखें। एक तरह के आइटम्स एक जगह रखें ताकि ढूंढने में सुविधा हो। चाहें तो डिब्बों पर कागज चिपका दें जिनमें अंदर रखी चीज का नाम लिखा हो। इससे कोई और शख्स भी किचन में कुछ काम करने को आए तो उसे वस्तु को ढूंढने में सुविधाजनक हो।
  • सारे जरूरी आइटम्स को ड्रायर या कबर्ड में रखें। अक्सर प्रयोग किए जाने वाले आइटम्स जैसे मसाले आदि को काउंटर पर मौजूद मसाले के रैक जैसी किसी आसान जगह पर रख सकते हैं। एक सामान की 2-3 बोतल या केन है तो एक्सपायरी डेट के हिसाब से उन्हें बाहर से अंदर की तरफ रखें ताकि जल्द खराब होने वाली वस्तुएं पहले प्रयोग कर सकें।

कपड़ों की अलमारी तरीके से रखें

  • अक्सर आॅफिस या कहीं और जाने की जल्दी में हम कई कपड़े निकालते हैं और फिर एक को सेलेक्ट कर बाकी ऐसे ही वापिस ठूंस देते हैं। न उन्हें फोल्ड करने की तकलीफ उठाते हैं और न ही सलीके से रखते हैं। यह आदत बहुत खराब है क्योंकि फिर हमेशा ही एक कपड़े निकालने की कोशिश में आपको सारे कपड़ों की भीड़ निकाल कर अपनी पसंद ढूंढनी होती है। इसमें समय भी बर्बाद होता है और कपड़ों की भी ऐसी-तैसी हो जाती है। इसलिए इसे व्यवस्थित रखना बहुत जरुरी है।
  • अपनी अलमारी में मौजूद आइटम्स को रोटेट करते रहें ताकि आप हमेशा अलग-अलग आइटम्स को पहन सकें और आपके सारे कपड़े भी यूज होते रहें। सारे शूज और सैंडल्स को एक शू रैक में या लेबल किए हुए बॉक्स में एकसाथ रखें। इस तरह से आप हर एक पेयर को देख सकेंगे और आपको यह भी मालूम रहेगा कि आपके पास क्या-क्या मौजूद है।

बैंक व अन्य आवश्यक कागजात

आधार कार्ड, पैन कार्ड, क्रेडिट कार्ड्स, एटीएम कार्ड्स, रेंट एग्रीमेंट, बैंक एफडीज, लोन पेपर्स जैसे कितने ही आवश्यक कागजात होते हैं जिन्हें संभाल कर रखना और समय पर तुरंत निकालना आवश्यक होता है। आपको इन्हें अलग फाइल में तरीके से रखना सीखना चाहिए।

कोई भी कागज बाहर निकालें तो बाद में उसी जगह वापिस रखें। हर कागज की फोटो कॉपीज भी अलग से रखें ताकि आवश्यकता पड़ने पर फोटोकॉपी कराने दौड़ना न पड़े। इस प्रकार की छोटी-छोटी सावधानियों और प्रयासों से आप अपने जीवन को ज्यादा व्यवस्थित और खूबसूरत बना सकती हैं और जीवन में सफलता का स्वाद चख सकती हैं।

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