In summer nectar is like peppermint

In summer nectar is like peppermintगर्मियों में अमृत समान है पुदीना In summer nectar is like peppermint
पुदीना यूं तो साल भर स्वास्थ्य के लिए अच्छा है मगर पाचन तथा शीतल गुणों के कारण यह गर्मी के मौसम में विशेष रूप से लाभदायक है।

आजकल पेट की गड़बड़ी 90 प्रतिशत लोगों को हो जाती है।

ऐसे में पुदीना सर्वाधिक सस्ता और सुरक्षित उपचार साधन है। इसे हर घर में उगाना चाहिए। न जाने किस वक्त इसकी जरूरत पड़ जाए।

इसे उगाने के लिए न तो कोई खर्चा होता है, न मेहनत लगती है, न इसे विशेष देखभाल की जरूरत होती है। घर के अहाते में यदि कहीं हाथ भर खाली जगह हो तो रेतली मिट्टी में गोबर के कंपोस्ट खाद मिलाकर पुदीने की जड़ें रोप कर पानी दे दें। इसे प्रात: या सायंकाल पानी देते रहें बस। इतने से ही यह बढ़ता रहेगा।

आइये इसके औषधीय उपयोगों के बारे में जानें।

  • गर्मी के मौसम में खाने में ऊंच-नीच हो जाए तो अजीर्ण की शिकायत हो जाती है। ऐसे में पुदीने की पत्तियां कूटकर उनका रस निचोड़ लें, मामूली सा काला नमक डाल कर पी लें। इससे जल्दी ही अजीर्ण से मुक्ति मिल जाएगी।
  • पुदीने के पत्ते, काली मिर्च, हरी मिर्च, टमाटर, जीरा, किशमिश, हींग और सेंधा नमक पीसकर चटनी बना लें। इसे भोजन के साथ खाएं तो न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ेगा और भोजन आसानी से पचेगा बल्कि अनेक रोगों से बचाव होगा और साथ ही स्वास्थ्य व सौंदर्य भी बेहतर होगा।
  • अक्सर गर्मी के मौसम में उल्टी-दस्त की समस्या हो जाती है। यह जब शुरू हो जाते हैं तो बार बार होते हैं और घंटे दो घंटे में ही पीड़ित व्यक्ति अत्यधिक कमजोर हो जाता है। इसका शुरू में ही उपचार कर लिया जाए तो बेहतर होगा। जैसे ही लगे कि जी घबरा रहा है, तभी पुदीने की 10-15 पत्तियां पीस कर उनका रस निचोड़ लें और आधा गिलास पानी में डालें। इसमें दो चम्मच चीनी घोल कर पी लें। दही में पुदीने का रस और नमक डालकर खाने से भी समस्या दूर हो जाएगी।
  • गर्मी में पेशाब का जलन के साथ आना या रुक-रुक कर आने की समस्या भी पैदा हो जाती है। सूखा धनिया और पुदीने के पत्ते बारीक पीसकर रस निचोड़ लें। पानी में मिश्री घोलकर रस भी इसी में मिलाकर पीने से लाभ होगा।
  • पुदीने का शर्बत पीने से लू के प्रभाव से बचे रह सकते हैं। शर्बत के लिए 15-20 पुदीने के पत्ते, मुनक्का, मिश्री, बर्फ और पानी का उपयोग करें।
  • लगातार हिचकियां आ रही हों तो चीनी और पुदीने के पत्ते पान की तरह चबाकर चूसें।
  • खांसी में अदरक के साथ पुदीने के पत्ते चबाकर चूसें।
  • पैर के तलुओं में जलन हो रही हो तो मुट्ठी-भर पुदीने के पत्ते पीस कर फ्रिज में कुछ देर रखें। फिर इसे तलुओं पर रगड़ें।
  • पेट में जलन हो रही हो तो पुदीने की पत्तियों को कच्चे आम के साथ पीसकर रस निचोड़ लें। इसे बहुत हल्के नमक के साथ दही या छाछ में मिलाकर लें।
  • टांसिल सूज कर परेशान कर रहे हों तो गुनगुने पानी में पुदीने का रस मिलाकर गरारे करें।
  • जहरीला कीड़ा काट ले तो उस भाग पर पुदीना पीसकर लगाएं और पान की तरह पुदीने की पत्तियां चबाकर चूसें।
  • चेहरे पर कील-मुंहासे और अन्य तरह के दाग-धब्बे हों तो रात को रोजना सोते समय पुदीने के पत्तों का रस निकालकर उसमें नींबू का रस और गुलाबजल मिलाकर चेहरे पर लगाकर सो जाएं। प्रात: ताजे जल से चेहरा धोएं। तीन चार सप्ताह के नियमित इस्तेमाल से चेहरा दाग-धब्बे रहित होकर निखर जाएगा।
  • खट्टी डकारें आ रही हों तो पुदीने के पत्ते पीसकर दही में मिलाएं और थोड़ा सा काला नमक डालकर खाएं।
  • काली मिर्च, पुदीना, छुहारा, जीरा, काला नमक, सेंधा, मुनक्का पीसकर दैनिक भोजन के साथ खाएं जिन्हें भूख न लगने की शिकायत हो वह इसके नियमित इस्तेमाल से दूर हो जाएगी और पाचन क्षमता में वृद्धि होगी।

-ए.पी.भारती

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