Indian Air Force air fighters

भारतीय वायुसेना के हवाई लड़ाके Indian Air Force air fighters
भारतीय वायुसेना में पायलट का एक बेहतरीन करियर है। वायुसेना पायलट को हमेशा सजग रहना होता है। देश की हवाई सुरक्षा की जिम्मेदारी इन्हीं पायलटों के जिम्मे होती है। इन्हें हर तरह के हवाई मारक क्षमता वाले हथियारों के प्रयोग का प्रशिक्षण दिया जाता है। यह एक ऐसा करियर है, जो हर तरह की सुविधाओं से भरा, शानदार जीवन शैली और देश के लिए कुछ करने के सम्मान से भरा है।

कैसे करें तैयारी

एयरफोर्स पायलेट बनने के लिए हिम्मत और जज्बा सबसे ज्यादा जरूरी है। इसके लिए मानसिक और शारीरिक, दोनों तरह से स्वस्थ होना आवश्यक है।

फ्लाइंग आॅफिसर बनने के लिए क्वालिफिकेशन के आधार पर दो तरह की परीक्षा आयोजित की जाती है, एक ग्रेजुएट स्तर की और दूसरी अंडर-ग्रेजुएट स्तर की। ग्रेजुएट स्तर की परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को चाहिए कि वे ग्रेजुएशन या इंजीनियरिंग स्तर पर पढ़ाए जाने वाले विषयों का गंभीरता से अध्ययन करें और अंडर ग्रेजुएट छात्रों को दसवीं और बारहवीं के गणित और विज्ञान विषयों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। परीक्षा के दौरान रीजनिंग और सामान्य ज्ञान से संबंधित सवाल भी पूछे जाते हैं, इसलिए उनकी तैयारी भी जरूरी है। आप चाहें तो कोचिंग भी ले सकते है।

एयरफोर्स पायलट बनने के रास्ते

भारतीय वायुसेना में पायलट बनने के कई रास्ते हैं। पहला नेशनल डिफेन्स एकेडमी, दूसरा कंबाइंड डिफेंस सर्विस यानि (सीडीएसई), तीसरा एनसीसी स्पेशल एंट्री और चौथा एसएससी  परीक्षा द्वारा।

नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए)

कोई भी भारतीय नागरिक, जिसकी उम्र 16 से 19 वर्ष के बीच है और जो भौतिक विज्ञान, गणित और अंग्रेजी विषयों से बारहवीं पास या उसके समकक्ष है, एनडीए परीक्षा में बैठने योग्य है।

आवेदन का समय

यूपीएससी द्वारा साल में दो बार मई और दिसम्बर महीने में विज्ञापन जारी किया जाता है।

किस तरह की टेÑनिंग

बहादुर नौजवान भारतीय वायुसेना का हिस्सा बन सकते हैंं। एनडीए के बाद शुरूआती चयन प्रक्रिया के बाद उम्मीदवार को भारतीय वायुसेना के लिए चयनित किया जाता है। उसके बाद तीन साल की ट्रेनिंग के लिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के खड़गवासला स्थित प्रशिक्षण केंद्र में भेजा जाता है। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षु पायलटों को हर तरह के हथियार और विमान चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद प्रशिक्षु-पायलटों को वायुसेना में परमानेंट कमीशंड अधिकारी का दर्जा प्राप्त हो जाता है और देश में मौजूदा किसी भी एयरफोर्स स्टेशन में पोस्टिंग दे दी जाती है।

एसएससी परीक्षा (पुरुष और महिला, दोनों के लिए)

भारतीय वायुसेना की फ्लाइंग ब्रांच के लिए एसएससी परीक्षा द्वारा भी आवेदन किया जा सकता है। जिनकी नियुक्ति इस रास्ते से होती है, उन्हें भी इंडियन एयरफोर्स में 14 सालों के लिए शार्ट सर्विस कमीशन दिया जाता है।

योग्यता

कोई भी अविवाहित भारतीय नागरिक, जिसकी उम्र 19 से 23 वर्ष के बीच है और जो किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से 60 प्रतिशत अंकों के साथ भौतिक विज्ञान, गणित और अंग्रेजी विषयों से ग्रेजुएट, बीटेक, बीई या उसके समकक्ष है, साथ ही जिसके पास एनसीसी के एयर विंग सीनियर डिविजन से सी-सर्टिफिकेट प्राप्त है, इस परीक्षा में बैठने के योग्य है। जो छात्र ग्रेजुएशन के फाइनल सेमेस्टर की परीक्षा दे रहे हैं, वे भी इस परीक्षा में बैठने योग्य हैं।

इसके लिए बारहवीं और स्नातक, दोनों स्तरों पर आपके पास विज्ञान विषय होना अनिवार्य हैं। ऐसे कमर्शियल पायलट, जिनकी उम्र 25 साल है, उनके लिए भी इस परीक्षा में सुनहरा मौका है। ऐसे उम्मीदवारों को डीजीसीए द्वारा कमर्शियल पायलट होने का लाइसेंस मिला होना चाहिए।

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