स्कूल छोड़ चुके बच्चों को भी प्रतिभा दिखाने का अवसर देती है -राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस

वर्ष 1993 में विद्यार्थियों को अपनी रचनात्मकता और नवीनता का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच उपलब्ध करवाने के साथ-साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एनसीएसटीसी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग,

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नई दिल्ली द्वारा राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस की शुरूआत की गई। यह कार्यक्रम केवल स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों (10 -17 वर्ष के आयु वर्ग) के लिय ही नहीं है, बल्कि ऐसे बच्चे जो स्कूल छोड़ चुके हैं और दिव्यांग बच्चे भी इस कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं। इस प्रोग्राम के तहत 10 -17 वर्ष के आयु वर्ग के दो बच्चों का एक समूह बनाया जाता है।

ये आयु समूह जूनियर (10-14 वर्ष) वर्ग तथा सीनियर (14 -17 वर्ष) वर्ग के होते हैं। यह समूह फोकल थीम के तहत स्थानीय विशिष्ट समस्या का चयन करता है और समस्या का समाधान ढूंढता है। मार्गदर्शक शिक्षक की देखरेख में काम होता है। यह कार्यक्रम वैज्ञानिक अध्ययन की भावना के साथ-साथ वैज्ञानिक रूप से किसी समस्या का विश्लेषण भी करता है।

बाल विज्ञान कांग्रेस बच्चों में जिज्ञासा उत्पन्न करने और उनकी रचनात्मकता को उजागर करने एवं उनकी कल्पना को साकार करने का मौका प्रदान करती है। जिला स्तर से चयनित विद्यार्थी राज्य स्तर की प्रतियोगिता में शामिल होते हैं। राज्य स्तर से चयनित बाल वैज्ञानिक प्रतिवर्ष दिसम्बर के माह में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में भाग लेते हैं। जिले से शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों से अधिक से अधिक बच्चों को इस कार्यक्रम में भाग दिलवाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा संस्था प्रमुखों को निर्देश दिए जाते हैं, ताकि प्रतिभाशाली विद्यार्थी अपनी प्रतिभा को दिखाने से वंचित न रह जाए।

बाल विज्ञान कांग्रेस द्वारा प्रत्येक वर्ष एक मुख्य विषय निर्धारित किया जाता है। विद्यार्थी मुख्य विषय एवं चिन्हित उप-विषयों से जुड़ी हुई परियोजना गतिविधि करते हैं। प्रोग्राम से सम्बन्धित मार्गदर्शक पुस्तिका विद्यार्थियों एवं मार्गदर्शक शिक्षकों के लिए उपलब्ध रहती है। जिला स्तर पर मार्गदर्शक शिक्षकों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया जाता है, जिसमें जिला स्तर के नोडल अधिकारी एवं उनकी टीम के द्वारा सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों के मार्गदर्शक शिक्षकों को मुख्य विषय एवं चिन्हित उपविषयों से सम्बन्धित शोध कार्य के विभिन्न पहलुओं से अवगत करवाया जाता है।

विद्यार्थी अपने मार्गदर्शक शिक्षक के निर्देशन में अपना शोध का कार्य पूर्ण करते हैं। वर्ष 2021 में 29वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का मुख्य विषय था ‘सतत् जीवन हेतु विज्ञान’ और उपविषय थे ‘सतत् जीवन हेतु पारितंत्र, सतत् जीवन हेतु उपयुक्त प्रौद्योगिकी, सतत् जीवन हेतु समाजिक नवाचार, सतत् जीवन हेतु अभिकल्पना, विकास, मॉडलिंग एवं योजना, सतत् जीवन हेतु पारम्परिक ज्ञान प्रणाली ’ वर्ष 2021 में कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण समय में बाल विज्ञान कांग्रेस के अंतर्गत प्रतियोगिता का आयोजन आॅनलाइन माध्यम से किया गया था।

अगर बात करें हरियाणा राज्य के सिरसा जिला की तो वहाँ राजकीय माध्यमिक विद्यालय, फिरोजाबाद खंड रानियाँ से लगातार पिछले पांच वर्षों से विद्यार्थी मार्गदर्शक शिक्षक सूर्य शर्मा के मार्गदर्शन में राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर अपना शोध कार्य प्रस्तुत कर रहे हैं। राजकीय माध्यमिक विद्यालय, फिरोजाबाद से सत्र 2017-18 में कक्षा 8वीं के छात्र हरप्रीत सिंह ने झज्जर में राज्य स्तर की प्रतियोगिता में ‘चोटी का रहस्य-सच या झूठ’ विषय पर अपना शोध कार्य प्रस्तुत किया। इसी स्कूल से सत्र 2018-19 में कक्षा 8वीं के छात्र अनमोल ने भुवनेश्वर (उड़ीसा) में राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में ‘नहाने में प्रयुक्त जल को बचाना’ विषय पर अपना शोध कार्य प्रस्तुत किया।

सत्र 2019-20 में उक्त स्कूल से कक्षा 8वीं की छात्रा ममता ने तिरुवनंतपुरम (केरल) में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में ‘गोबर निपटाओ, लकड़ी बचाओ’ विषय पर अपना शोध कार्य प्रस्तुत किया। सत्र 2020-21 में उक्त स्कूल की 7वीं कक्षा की छात्रा खुशी का शोध कार्य ‘बिजली की बर्बादी, देश की बर्बादी’ राष्ट्रीय स्तर के लिए चयनित हुआ। सत्र 2021-22 में 29वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के तहत ग्रामीण जूनियर से रा. मा. वि. फिरोजाबाद से 8वीं कक्षा की छात्रा खुशी का ‘कचरा प्रबन्धन, भविष्य के लिए स्वछता का विकल्प’ विषय पर शोध कार्य राष्ट्रीय स्तर के लिए चयनित हुआ।

क्रियाशीलन समय – तालिका

गतिविधि के विषय चुनकर टीम / ग्रुप का पंजीकरण: जून-जुलाई प्रति वर्ष।
सम्बन्धित परियोजनाओं पर क्रियाशीलन: अगले 2-3 महीनों तक।
जिला स्तरीय सम्मेलन: सितम्बर-अक्टूबर तक।
राज्य स्तरीय सम्मेलन: नवम्बर तक।
राष्ट्रीय सम्मेलन: 27-31 दिसम्बर।
इंडियन साईस कांग्रेस: 03-07 जनवरी।
किशोर वैज्ञानिक सम्मेलन (इंडियन साईस कांग्रेस): 04-06 जनवरी।

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