PPF Retirement Fund Scheme सब जानते हैं कि रिटायरमेंट के बाद आय का एक बड़ा नियमित स्रोत बंद हो जाता है। इसलिए रिटायरमेंट फंड की आवश्यकता होती है, ताकि रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों को पूरा करने के लिए हमारे पास पर्याप्त धन हो। हालांकि, मौजूदा समय में भविष्य के लिए धन जुटाना काफी मुश्किल हो गया है। यह ऐसा समय है, जिसमें लोगों की आय घट रही है और मांग की कमी के चलते कारोबार प्रभावित है। PPF Retirement Fund Scheme
ऐसे में एक ऐसी निवेश योजना का होना बहुत जरूरी होता है, जिसके जरिए छोटी-छोटी बचत कर एक बड़ा रिटायरमेंट फंड तैयार किया जा सके। इस लिहाज से पब्लिक प्रोविडेंट फंड काफी फायदेमंद निवेश योजना है। पीपीएफ अकाउंट सभी निवेशकों के लिए सबसे बेहतर विकल्पों में से एक है। इसकी वजह है मौजूदा टैक्स सिस्टम के तहत सेक्शन 80 सी के तहत पीपीएफ में निवेश पर मिलने वाली टैक्स छूट। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पीपीएफ एक ईईई कैटेगरी का निवेश आॅप्शन है। ईईई का मतलब है कि इसमें निवेश राशि, मैच्योरिटी राशि और मिलने वाली ब्याज राशि तीनों पर टैक्स से आजादी मिलती है।
PPF Retirement Fund Scheme पीपीएफ एक सरकारी योजना है इसलिए ये सुरक्षित है। साथ ही अच्छा रिटर्न भी मिलता है। अगर आप भी पीपीएफ में निवेश करने की सोच रहे हैं तो आपको पहले इसके नियमों को जानना होगा। पीपीएफ को लेकर इस तरह नहीं सोचना चाहिए कि इस खाते में साल में कभी एक बार पैसा डालना है। यदि थोड़ी बहुत प्लानिंग के साथ निवेश किया जाए, तो पीपीएफ आपके फाइनेंशियल पोर्टफोलियो का अच्छा निवेश साबित हो सकता है।
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पीपीएफ अकाउंट कैसे खोलें PPF Retirement Fund Scheme
PPF Retirement Fund Scheme पीपीएफ अकाउंट पोस्ट आॅफिस, राष्ट्रीयकृत बैंक और प्रमुख निजी बैंक जैसे आईसीआईसीआई और एक्सिस में खोले जा सकते हैं। आईसीआईसीआई और एक्सिस जैसे कई बैंकों में आप नेट बैंकिंग के माध्यम से भी आॅनलाइन पीपीएफ अकाउंट खोल सकते हैं। एक बार अकाउंट खोलने के बाद, पासबुक जारी हो जाती है। सभी ट्रांजेक्शन इस पासबुक में दर्ज किए जाते हैं। कुछ बैंक केवल पासबुक जारी करने के बजाय पीपीएफ एंट्री को आॅनलाइन देखने की अनुमति देते हैं।
पीपीएफ अकाउंट खोलने का लाभ PPF Retirement Fund Scheme
बेहतर ब्याज दर PPF Retirement Fund Scheme
पीपीएफ अकाउंट पर ब्याज दर को केंद्र सरकार हर तिमाही में संशोधित करती है। पीपीएफ पर ब्याज दर हमेशा 7 फीसदी से 8 फीसदी रही है। यह आर्थिक स्थिति को देखते हुए थोड़ी कम या बढ़ सकती है। वर्तमान में अप्रैल से जून 2020 की तिमाही के लिए पीपीएफ पर ब्याज दर 7.1 फीसदी है, जो सालाना तौर पर चक्रवृद्धि है। इसकी तुलना बहुत से बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट से की जाए, तो पब्लिक प्रोविडेंट फंड, पीपीएफ अपने सब्सक्राइबर्स को ज्यादा ब्याज देती है।
टेन्योर का विस्तार
स्कीम में सब्सक्राइबर्स के लिए 15 साल की अवधि है जिसके बाद टैक्स छूट के तहत आने वाली राशि को विद्ड्रॉ कर सकते हैं, लेकिन सब्सक्राइबर्स इसे 5 साल और बढ़ाने के लिए अप्लाई कर सकते हैं और वे यह चुन सकते हैं कि योगदान को जारी रखना चाहते हैं या नहीं।
टैक्स बेनेफिट
पब्लिक प्रोविडेंट फंड में आईटी एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स बेनेफिट मिलता है। इसमें स्कीम में निवेश की गई राशि पर 1.5 लाख रुपये तक का डिडक्शन लिया जा सकता है। पीपीएफ में कमाई गई ब्याज और मेच्योरिटी की राशि दोनों पर टैक्स छूट मिलती है।
निवेश की सुरक्षा
सरकार द्वारा समर्थित सेविंग्स स्कीम होने से सब्सक्राइबर्स को इसमें निवेश करने पर पूरी सुरक्षा मिलती है। इसमें कमाए गए ब्याज पर सॉवरेन गारंटी होती है जो इसे बैंक के ब्याज के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित बनाती है। इसकी तुलना में बैंक डिपॉजिट पर डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन द्वारा एक लाख रुपये तक की राशि पर बीमा मिलता है।
आवश्यक दस्तावेज
पीपीएफ अकाउंट खोलने का फॉर्म (फॉर्म-ए), इसे बैंक शाखाओं से प्राप्त किया जा सकता है या आॅनलाइन डाउनलोड किया जा सकता है। इसके अलावा पहचान पत्र, पते का प्रमाण, खाताधारक का फोटोग्राफ, नॉमिनेशन फॉर्म इत्यादि चाहिए।
पीपीएफ के लिए योग्यता शर्तें
PPF Retirement Fund Scheme कोई भी व्यक्ति जो भारत का निवासी है, वह पीपीएफ अकाउंट खोल सकता है। माता-पिता द्वारा अपने नाबालिग बच्चों के लिए भी पीपीएफ अकाउंट खोले जा सकते हैं। एनआरआई पीपीएफ अकाउंट नहीं खोल सकते हैं। हालांकि, एक भारतीय निवासी जो पीपीएफ अकाउंट खोलने के बाद एनआरआई बन गया है, वह अकाउंट मैच्योरिटी तक अकाउंट रख सकता है। जॉइंट अकाउंट खोलने की अनुमति नहीं है।
पीपीएफ लॉग-इन व रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
- सबसे पहले आपके पास किसी बैंक में अकाउंट होना चाहिए।
- उस अकाउंट की नेट-बैंकिंग में लॉग-इन करें।
- Open पीपीएफ Account विकल्प पर क्लिक करें
- self Account (व्यक्तिगत अकाउंट) और Minor Account (नाबालिग अकाउंट) में से कोई एक विकल्प चुनें।
- मांगी गई जानकारी भरें जैसे नॉमिनी, बैंक जानकारी आदि।
- जानकारी वेरीफाई करें, इसके बाद वो राशि दर्ज करें जिसे आप जमा करना चाहते हैं।
इसके बाद आपको अपने बैंक अकाउंट में standing instructions को एक्टिव करने के लिए कहा जाएगा ताकि तय समय पर आपके बैंक अकाउंट से खुद ही राशि कट जाए।
इसके बाद आपके रजिस्टर मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा। ओटीपी दर्ज करने के बाद, आपका पीपीएफ खुल जाएगा। कुछ बैंक आपसे दी गई जानकारी के दस्तावेज और रेफरेंस नंबर जमा करने की मांग भी कर सकते हैं।
ध्यान रहे कि पीपीएफ अकाउंट खोलने की हर बैंक की अपनी अलग प्रक्रिया है, लेकिन कुछ मूल बातें समान रहती हैं।
पीपीएफ पासबुक
पीपीएफ लम्बी अवधि के लिए किया जाने वाला तय आय निवेश है। इसलिए, पीपीएफ आपको अनुमति देता है कि आप अपने निवेश का रिकॉर्ड रख सकें। पीपीएफ पासबुक में आपके निवेश की सभी जानकारी होती है।
पीपीएफ ब्याज
पीपीएफ एक निश्चित आय निवेश है। पीपीएफ अकाउंट पर ब्याज दर प्रति तिमाही (हर तीन महीनों में) केंद्र सरकार द्वारा तय की जाती है। पीपीएफ पर ब्याज हर महीने दिया जाता है और महीने की पांच तारीख से पहले जो राशि पीपीएफ अकाउंट में होती है उस पर ब्याज लगता है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए, महीने की 1 और 5 तारीख के बीच राशि जमा कर दी जानी चाहिए।
अटैचमेंट इम्यूनिटी
पीपीएफ अकाउंट पहले सार्वजनिक भविष्य निधि अधिनियम, 1968 द्वारा नियंत्रित किया गया था, जिसने पीपीएफ अकाउंट को किसी भी अदालत द्वारा अटैचमेंट से संरक्षित किया था। बजट 2018 ने पीपीएफ अधिनियम को निरस्त कर दिया और सरकारी बचत बैंक अधिनियम, 1873 के तहत पीपीएफ अकाउंट शुरू हुआ।
वित्त विधेयक, 2018 में संशोधन ने सरकारी बचत बैंक अधिनियम में अटैचमेंट के खिलाफ सुरक्षा को जोड़ा। पीपीएफ अकाउंट सरकारी बचत बैंक अधिनियम, 1873 के तहत किसी भी लोन या लायबिलिटी के लिए किसी भी अदालत का आदेश लागू नहीं होता। यह अकाउंट होल्डरों को आयकर विभाग सहित सभी लेनदारों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है।
पीपीएफ पर लोन की सुविधा PPF Retirement Fund Scheme
पीपीएफ अकाउंट पर लोन लेने की सुविधा अकाउंट खोलने की तारीख से तीसरे फाइनेंशियल वर्ष से लेकर छठे फाइनेंशियल वर्ष तक उपलब्ध होती है।
दूसरे शब्दों में, उस फाइनेंशियल वर्ष के अंत जिसमें अकाउंट खोला गया था, से एक वर्ष की समाप्ति के बाद किसी भी समय पीपीएफ को गिरवी रख लोन लिया जा सकता है, लेकिन यह उस फाइनेंशियल वर्ष के अंत जिसमें अकाउंट खोला गया था, से पांच वर्ष की समाप्ति से पहले होना चाहिए।
बंद पड़े पीपीएफ अकाउंट को फिर से एक्टिव करना
यदि प्रति वर्ष 500 रु. का न्यूनतम योगदान नहीं किया जाता है, तो पीपीएफ अकाउंट बंद हो जाता है। अकाउंट को दोबारा एक्टिव करने के लिए एक लिखित आवेदन उस डाकघर या बैंक शाखा में जमा करना होगा जहां पीपीएफ अकाउंट है।
बंद किए जा चुके अकाउंट के लिए प्रत्येक वर्ष 50 रुपए का भुगतान करना पड़ता है। एक्टिव करने के लिए जितने वर्षों के लिए अकाउंट बंद होता है प्रति वर्ष मुताबिक, 500 रु. बकाया देना पड़ता है।
पीपीएफ खाते से पैसा निकालना
PPF Retirement Fund Scheme पीपीएफ अकाउंट खोलने के पांच वर्ष बाद कुछ पैसा उसमें से निकाला जा सकता है। उदाहरण, यदि अकाउंट 1 जनवरी, 2012 को खोला गया था, तो फाइनेंशियल वर्ष 2017-18 के बाद पीपीएफ अकाउंट में मौजूद कुछ पैसा निकाला जा सकता है। एक वर्ष में केवल एक बार पैसा निकालने की अनुमति है। एक वर्ष में निम्नलिखित में से सबसे कम राशि भी निकाल सकते हैं।
जिस वर्ष में पैसे निकालने हैं उससे पिछले वर्ष में जो मौजूदा बैलेंस था, उसका 50% या जिस वर्ष में निकालना है उससे चार साल पहले मौजूदा बैलेंस का 50%। पीपीएफ अकाउंट से मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालने के लिए फॉर्म सी जमा करना आवश्यक है।
अकाउंट होल्डर की मौत
पीपीएफ अकाउंट होल्डर की मृत्यु की स्थिति में, पीपीएफ अकाउंट की राशि पर नॉमिनी/ कानूनी उत्तराधिकारी द्वारा दावा किया जा सकता है।
दावेदार को फॉर्म जी के साथ एक आवेदन पत्र प्रस्तुत करना होगा, फॉर्म जी में दावे से संबंधित जानकारी जैसे अकाउंट नंम्बर, नॉमिनी की जानकारी इत्यादि शामिल करने की आवश्यकता होती है। पीपीएफ अकाउंट में राशि का दावा करने के लिए
निम्नलिखित दस्तावेजों को प्रस्तुत करना आवश्यक है
ऐसी स्थिति जहां अकाउंटहोल्डर ने नॉमिनी बनाया है
- सभी नॉमिनी को फॉर्म-जी भरना होगा
- अकाउंटहोल्डर का मृत्यु प्रमाण पत्र
- ग्राहक की पासबुक
ऐसी स्थिति में जहां अकाउंट होल्डर द्वारा नॉमिनी नहीं बनाया गया है और कानूनी सबूतों के द्वारा दावे का समर्थन किया जाता है।
- कानूनी उत्तराधिकारियों द्वारा भरा गया – फॉर्म-जी
- अकाउंट होल्डर का मृत्यु प्रमाण पत्र
- उत्तराधिकार प्रमाणपत्र, प्रशासन का पत्र या वसीयत की कॉपी
- ग्राहक की पासबुक
ऐसी स्थिति में जहां अकाउंट होल्डर द्वारा नॉमिनी नहीं बनाया गया है और दावा राशि एक लाख रुपए से कम है।
- कानूनी उत्तराधिकारियों द्वारा भरा गया फॉर्म जी
- अकाउंट होल्डर का मृत्यु प्रमाण पत्र
- स्टाम्प पेपर पर अनुबंध 1 से फॉर्म-जी (क्षतिपूर्ति पत्र)
- स्टाम्प पेपर पर अनुबंध 2 से फॉर्म-जी (शपथ पत्र)
- स्टाम्प पेपर पर अनुबंध 3 से फॉर्म-जी (शपथ पत्र पर अस्वीकरण पत्र)।