Rainforest

प्रकृति का उपहार वर्षावन Rainforest -विश्व की 20 प्रतिशत से भी ज्यादा आॅक्सीजन इन्हीं वनों से प्राप्त होती हैं। अमेजन वर्षावन ब्राजील, पेरू, वेनेजुएला, इक्वाडोर, कोलंबिया, गुयाना, बोलिविया, सूरीनाम और फ्रेंच गुयाना में फैला हुआ है।

प्रकृति ने मनुष्य को बहुत सारे उपहार दिए हैं जिसमें मनुष्य के लिए कई तरह के अलग-अलग संसाधन उपलब्ध हैं। इनमें सबसे कीमती और खूबसूरत वर्षावन संसाधन है। वर्षावन (सदाबहार वन) पृथ्वी के जीवन संतुलन को बनाए रखने में सहायक हैं। ये वे इलाके होते हैं, जहाँ औसत से ज्यादा बारिश होती है। कई वर्षा वन तो इतने घने होते हैं कि सूरज की रोशनी धरती तक नहीं पहुंच पाती।

वर्षा वनों का महत्व ऐसे समझा जा सकता है कि दुनिया के करीब चालीस प्रतिशत जीव-जंतु और पेड़-पौधे वर्षा वन की ही देन हैं। माना जाता है कि इसके अनछुए और अंधेरे हिस्सों में आज भी करोड़ों प्रकार के पौधे, जीव और बूटियां, बहुत से ऐसे इंसानी कबीले भी हैं जिनके विषय में हमें आज भी कुछ नहीं पता। यह दुनिया का सबसे बड़ा दवाखाना या दवाएं बनाने के लिए कच्चे माल का सप्लायर है।

Tree houseवर्षा वन पूरे विश्व में फैले हैं। जीव और प्रकृति वैज्ञानिक अंधेरे, सीलन से भरे पर प्राकृतिक खजानों के भंडार, वर्षा वनों से कुछ न कुछ नया खोज लाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालते रहते हैं। हर साल इन वनों में होने वाली अधिक बारिश की वजह से इसका नाम वर्षावन पड़ा है। हर साल यहाँ औसत रूप से 254 सेंटीमीटर बारिश होती है। इसका मतलब यह है कि अगर आप बारिश में एक बड़ा डिब्बा रखते हैं तो यह 254 सेंटीमीटर की ऊंचाई तक भरेगा। यहां की गर्मी और उमस की वजह से वर्षावन को चार परतों में बांटा जाता है।

आकस्मिक परत:

यह वर्षावन की ऊपरी परत होती है। यह पौधों से बनी होती है जो गरम तापमान और तेज हवाओं को रोकती है। यह 80 मीटर की ऊंचाई यानि लगभग 20 मंजिल इमारत के बराबर तक पहुंच सकती है। इस परत में गरूड़, बंदर, तितलियां, चमगादड़, सांप और कीड़े-मकोड़े रहते हैं।

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छतरी या पत्तेदार छत:

यह 60 मीटर की ऊंचाई यानि लगभग 15 मंजिल इमारत के बराबर तक पहुंच सकती है। यह वर्षावन की सबसे संपन्न परत है। कई वैज्ञानिकों के अनुसार यह परत पृथ्वी पर आधे से अधिक जीवन की रक्षा कर सकती है लेकिन अभी इस बात की खोजबीन की जा रही है। इस परत पर होने वाली बारिश 10 मिनट के अंदर ही धरती पर तेजी से प्रहार कर सकती है। इस परत पर पक्षी, बंदर, मेंढक, छिपकलियां, सांप और कई अन्य प्रकार के कीड़े-मकोड़े रहते हैं।

निचला तल:

यह परत छतरी और वन धरातल के बीच का हिस्सा है। इस परत पर घने पेड़-पौधे, कई तरह के पक्षी, सांप जैसे अजगर, छिपकली, जगुआर, तेंदुआ और कीड़ों की संख्या सबसे ज्यादा है।

वन धरातल:

यह वन की सबसे निचली परत होती है जहां काफी अंधेरा होता है। धूप का केवल 2 प्रतिशत भाग ही जमीन तक पहुंचता है।

दक्षिण अमेरिका के जगुआर, अफ्रीका के गोरिल्ला और तेंदुआ, एशिया के टैपीरस, बाघ और हाथी इसी परत में रहते हैं। लगभग 3 करोड़ पेड़-पौधे तथा जानवरों की प्रजातियां और 25 प्रतिशत से ज्यादा प्राकृतिक दवाएं इन्हीं वनों से मिलती हैं।

ये वन पृथ्वी पर आॅक्सीजन बनाते हैं इसीलिए इन्हें ‘ग्रह का फेफड़ा‘ भी कहा जाता है। दक्षिण अमेरिका का अमेजन क्षेत्र विश्व का सबसे बड़ा ऊष्णकटिबंधीय वर्षावन है। विश्व की 20 प्रतिशत से भी ज्यादा आॅक्सीजन इन्हीं वनों से प्राप्त होती हैं। अमेजन वर्षावन ब्राजील, पेरू, वेनेजुएला, इक्वाडोर, कोलंबिया, गुयाना, बोलिविया, सूरीनाम और फ्रेंच गुयाना में फैला हुआ है। अमेजन वर्षा वन में चिड़ियों की प्रजातियों का 20 प्रतिशत और इंडोनेशिया वर्षा वन में 14 प्रतिशत रहता है।

अमेजन वर्षावन Rainforest में आप इन्हें देख सकते हैं:

  • विश्व की 10 प्रतिशत जानवरों की प्रजातियां।
  • विश्व की 20 प्रतिशत पक्षियों की प्रजातियां।
  • 20 लाख से ज्यादा विभिन्न कीड़ों की प्रजातियां।
  • तितलियों की अलग-अलग 2 हजार प्रजातियां।
  • कॉगर, जगुआर, अजगर जैसे जंगली जानवरों की प्रजातियां।
  • 3 हजार से ज्यादा खाने वाले फलों की प्रजातियां जबकि लोग केवल 200 प्रकार के ही फल खाते हैं जो वर्षावनो से आते हैं।
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इन्हीं वनों से आती हैं ढेरों चीजें:

वैज्ञानिकों का मानना है कि वर्षावन में ऐसे लाखों पौधों और कीड़े-मकोड़ों की प्रजातियां हैं जिनकी अभी भी खोज करना बाकी है। हालांकि ये वन मानव जीवन से काफी दूर हैं लेकिन हम प्रतिदिन जिन चीजों का प्रयोग करते हैं, वे चीजें इन्हीं वनों से आती हैं।

  • वर्षावन के पौधों से 120 प्रकार की दवाइयां प्राप्त होती हैं।
  • अदरक, काली मिर्च, दालचीनी, हल्दी, लाल मिर्च इत्यादि मसाले वर्षावन से ही प्राप्त होते हैं।
  • रबर, बांस जैसे उपयोगी सामान वर्षावन की ही देन है।
  • अनन्नास, अमरूद जैसे फल भी यहां होते हैं।
  • मक्का (मकई), शकरकंद जैसी सब्जियां भी यहां होती हैं।

विश्वभर में वर्षा वन एक करोड़ 60 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले थे पर 1975 के आते-आते घट कर केवल एक करोड़ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में ही रह गए। खाद्य एवं कृषि संगठन के अनुसार 1981 से 85 के दौरान प्रतिवर्ष 40 लाख हेक्टेयर वर्षा वन समाप्त हो गए जो कि कुल वर्षा वन का एक प्रतिशत है। जाहिर है कि इससे जैविक विभिन्नता की भी व्यापक तबाही हुई है। अनुमान है कि यदि निर्वनीकरण इसी रफ्तार से चलता रहा तो वर्ष 2025 तक केवल अमेजन, गुयाना व जैरे में ही घने जंगल बचेंगे। इस कारण 2025 तक अकेले पौधों की ही 60 हजार प्रजातियां खत्म हो जाएंगी।

वर्षावन पृथ्वी के 14 प्रतिशत भाग पर फैला होना चाहिए लेकिन यह कम हो कर केवल 6 प्रतिशत ही रह गया है और हर सैकंड धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। इन्हें आज बहुत तेजी से नष्ट किया जा रहा है, हर मिनट 2 हजार से ज्यादा पेड़ नष्ट हो रहे हैं। इसी के साथ लोगों को यह भी अहसास हो रहा है कि ये जंगल नष्ट करने के लिए नहीं हैं बल्कि हमारे बच्चों के लिए उपहार हैं।