महंगाई में जरूरी है बचत, खर्चों पर लगाएं लगाम
बचत करना बहुत बड़ी बात नहीं है। लेकिन बचत का प्रबंधन करना बहुत बड़ी बात है। इसकी मुख्य वजह यह है कि कमा रहे दिनों में बचत के प्रबंधन में जो भी थोड़ी-बहुत ऊंच-नीच होती या की जाती है, उसका सीधा असर व्यक्ति के जीवन के साथ-साथ रिटायरमेंट पर भी दिखता है।
लेकिन बहुत सधे बचतकर्ता निवेशक भी अक्सर यह मान बैठते हैं कि पूरी बचत किसी सुरक्षित जगह पर निवेश करें तो रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी आराम से कट जाएगी। लेकिन ऐसा हो नहीं पाता, क्योंकि आपकी मुद्रा यानी रुपये का चढ़ता-गिरता भाव आपकी गाढ़ी कमाई को भी चट करता रहता है। ऐसे में आपके पास एक ही विकल्प बचता है कि निवेश की रकम कम से कम इतनी हो कि उससे प्राप्त कमाई महंगाई दर को पछाड़ते हुए भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हो।
आखिर यह कैसे हो सकता है महंगाई के दौर में घर का बजट संभालना भी मुश्किल हो जाता है लेकिन जहां चाह वहां राह। इसी को ध्यान में रखते हुए हम आपको कुछ सरल सुझाव बता रहे हैं जिसे ध्यान रखकर आप अपने घर का बजट सुधार सकते हैं। बचत नहीं कर पाने का कारण कम सैलरी बिल्कुल नहीं है। कई लोग ठीक-ठाक सैलरी पाने के बाद भी कुछ नहीं जोड़ पाते हैं।
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यहां हम ऐसे नौ कारण बता रहे हैं जो आपको बड़ी बचत करने से रोकते हैं।
घटती कीमत वाले एसेट खरीदना:
डेप्रिसिएटिंग एसेट उन्हें कहते, जिनकी कीमत समय के साथ कम हो जाती है। आप इसे बेचने की कोशिश करते हैं तो आपको खरीद मूल्य से कम दाम मिलता है। यदि आप ऐसी संपत्ति जुटा रहे हैं तो निवेश नहीं, खर्च कर रहे हैं। कार, बाइक, लैपटॉप, फर्नीचर या महंगा फोन खरीदना पैसे का सही इस्तेमाल नहीं होता है, बशर्ते वह आपके काम के लिहाज से जरूरी हो।
क्या कर सकते हैं
ऐसी चीजें खरीदिए जिनकी कीमत समय के साथ बढ़ती है जैसे कि घर, सोना या शेयर। इनसे आप बचत कर सकेंगे। व्हीकल या फोन के बिना काम नहीं चलता है। लेकिन, कोशिश करें कि इनके लिए आपको कर्ज नहीं लेना पड़े। ऐसा करने से खरीद मूल्य बढ़ जाती है।
निवेश का गलत तरीका अपनाना:
यदि आपको लगता है कि पैसे बैंक अकाउंट में डालने या परंपरागत इंश्योरेंस प्लान खरीदने से आप बचत कर रहे हैं तो आप गलत हैं। पैसा यदि महंगाई से अधिक दर पर नहीं बढ़ रहा है तो आप उसकी कीमत समय के साथ घटा रहे हैं। साथ ही बैंक अकाउंट या घर में पैसे रखने से खर्च करने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
क्या कर सकते हैं
बैंक अकाउंट या घर में कैश रखकर उसकी कीमत नहीं घटानी चाहिए। आपको इस तरह निवेश करना चाहिए ताकि महंगाई से 6-7 फीसदी तेजी से आपके पैसे में ग्रोथ हो सके। आप इसके लिए इक्विटी, डेट और रियल एस्टेट निवेश का सहारा ले सकते हैं जिनसे ऊंचा रिटर्न मिलता है।
फिजूल खर्च करना:
यदि आप बिना बजट बनाए घर का खर्च चला रहे हैं या मन को खुश करने के लिए खुलकर शॉपिंग करते हैं तो आप फिजूलखर्ची के शिकार हो रहे हैं। शॉपिंग मॉल या आॅनलाइन प्लेटफॉर्म पर बिना सोचे-समझे खरीदारी करने से आप फिजूल खर्च को बढ़ावा देते हैं।
क्या कर सकते हैं
आपको वित्तीय लक्ष्य तय करने चाहिए। लक्ष्य के तहत राशि और उसे प्राप्त करने की समय सीमा तय होनी चाहिए। उसके मुताबिक ही निवेश करना चाहिए। जब आपको पता होगा कि हर महीने तय रकम निवेश करनी है और बचे हुए पैसों से घर चलाना है तो फिजूलखर्ची पर खुद-ब-खुद लगाम कसेगी।
इच्छाओं को जरूरत समझना:
बजट बनाने का एक अहम पहलू इच्छा और जरूरत का अंतर समझना है। जरूरत में घर, खाना, स्वास्थ्य, ट्रांसपोर्टेशन और यूटिलिटी से जुड़े खर्च शामिल होते हैं। वहीं, घूमना-फिरना, बाहर खाने जाना, एंटरटेनमेंट या ब्रांड पर खर्च करना आदि इच्छा के तहत आते हैं। कई लोगों का मानना है कि किसी की इच्छा किसी दूसरे व्यक्ति की जरूरत भी हो सकती है। हालांकि, अपनी आय के आधार पर इनका अंतर समझना मुश्किल नहीं है।
क्या कर सकते हैं
इसे समझने का एक आसान तरीका यह है कि बजट में 50-30-20 का नियम अपनाया जाए। सबसे पहले आमदनी का 20 फीसदी हिस्सा बचत के लिए अलग कर दें। अब आय का 50 फीसदी हिस्सा जरूरतों और 30 फीसदी इच्छाओं पर खर्च करना चाहिए। इस आदत को पहली सैलरी के समय से ही अपनाने पर अपको बचत करने में भी मुश्किल नहीं होगी।
फाइनेंशियल गोल तय नहीं करना:
बचत नहीं कर पाने का एक सीधा सा कारण यह होता है कि आप बेहिसाब खर्च करते हैं। इससे यह पता चलता है कि आप भविष्य की चिंता किए बिना पैसे उड़ा रहे हैं। ऐसे में कल को हर छोटे-बड़े अवसरों पर आपके लिए खर्च संभालना मुश्किल हो सकता है। बच्चे के लिए छोटा फंक्शन हो, उनकी शादी या आपका रिटायरमेंट, यह समस्या कभी भी खड़ी हा सकती है। फिर आपको महंगा कर्ज, परिवार-दोस्तों से बड़ा उधार लेना या संपत्ति बेचकर पैसा जुटाना पड़ता है।
क्या कर सकते हैं
आपको शॉर्ट टर्म और लांग टर्म के हिसाब से फाइनेंशियल गोल तय करने होंगे। चाहे आपको घूमने जाना हो या बच्चे के लिए बाइक खरीदनी हो, हर खर्च के लिए प्लानिंग करें और पहले से बचत शुरू कर दें। कितने पैसे चाहिए होंगे और उन्हें कब तक खर्च करना होगा, इसका हिसाब लगाकर निवेश करना सही होगा।
लोन को लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाना:
बेबी बूमर (1946-1964 के बीच पैदा हुए लोग) और जेन एक्स (1961-1981) वाले लोग जहां संपत्ति तैयार करने और जरूरतों को पूरा करने के लिए कर्ज लेते थे। वहीं, मिलेनियल अपनी लाइफस्टाइल आरामदेह बनाने के लिए कर्ज का सहारा ले रहे हैं। दूसरों से पीछे छूट जाने के डर से वे क्रेडिट कार्ड और पर्सनल, व्हीकल या होम लोन लेने से नहीं हिचकिचाते हैं। जरूरतों के अलावा वे इच्छाओं पर भी खुलकर खर्च करते हैं।
क्या कर सकते हैं
अच्छे और बुरे कर्ज का अंतर समझना जरूरी है। अच्छा कर्ज संपत्ति तैयार करने में मदद करता है। वहीं, बुरे कर्ज से केवल इच्छाएं पूरी होती हैं और कोई रिटर्न नहीं मिलता है। इनमें सबसे खतरनाक क्रेडिट कार्ड डेट और पर्सनल लोन है,जिनसे हर कीमत पर बचना चाहिए। होम लोन हो या पर्सनल लोन, कुल मिलाकर कर्ज आपकी आय के 50 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए।
छोटे खर्च को तवज्जो नहीं देना:
यदि आप अंधाधुंध खरीदारी करते हैं तो शायद आप छोटे-मोटे खर्चों की चिंता भी नहीं करते होंगे। हर छोटा खर्च आपकी बचत पर बड़ा असर डाल सकता है। हर दूसरे दिन खरीदी गई कोक की 20 रुपये की बोतल से लेकर आॅफिस में रोजाना के नाश्ते पर खर्च किया गया हर पैसा मिलकर एक बड़ा फंड तैयार कर सकता है। यदि आप हर महीने स्नैक्स पर 500 रुपये खर्च करते हैं तो इसके बदले 20 साल की अवधि में पांच लाख रुपये का फंड तैयार किया जा सकता है। इस पर 12 फीसदी की दर पर रिटर्न भी मिलेगा।
क्या कर सकते हैं
सबसे पहले दिनभर के हर छोटे-बडे़ खर्च का हिसाब करना जरूरी है। इससे आपको फिजूल खर्च का अंदाजा लगेगा और आप उसमें कटौती कर सकते हैं। आप इस तरह के खर्च के लिए अपने बजट में एक अमाउंट भी तय कर सकते हैं। इस तरह आप बेहिसाब पैसा बहाए बिना इच्छाओं को भी पूरा कर सकेंगे।
दिखावे के लिए खर्च करना:
बचत नहीं कर पाने का एक बड़ा कारण होता है दोस्तों या परिजनों का मुकाबला करने की कोशिश में पैसे लुटाना। हर साल महंगी विदेश यात्रा पर जाने से लेकर बड़ा घर, ब्रांडेड सामान, महंगी कार आदि के दिखावे में लोग अक्सर आमदनी से अधिक खर्च कर बैठते हैं। यदि आप भी इस धारणा के साथ जिंदगी जी रहे हैं तो फाइनेंशियल गोल हासिल करने में असफलता हाथ लगना मुमकिन है।
क्या कर सकते हैं
आपके पास भले ही कितना भी पैसा हो, यदि आप आय से अधिक खर्च करते रहेंगे तो अंत में आपकी जेब खाली हो जाएगी। दूसरों के टक्कर की जिंदगी जीने की सोच से बचने के लिए आप सोशल मीडिया पर दिखावे का सहारा ले सकते हैं। मुमकिन है कि आपके ‘अमीर’ दोस्त सोशल मीडिया पर तो मौज करते दिख रहे हैं, पर असल में उनकी माली हालत खस्ता हो रही हो। यदि खर्च करने के बजाय आप बचत करेंगे तो हो सकता है कि आप सच में उतने अमीर हो जाएं जितनी की इच्छा है।