गर्मियों में रहें फिट और तरोताजा
ग्रीष्म ऋ तु सब ऋतुओं से अधिक लंबी होती है जो अप्रैल से अक्तूबर तक चलती है। दिन लंबे और रातें छोटी होती हैं। गर्मियों में तेज धूप रहने से दिन भर शरीर से पसीना निकलता है और प्यास लगती रहती है। गर्मियों में पानी गंदा आने से अपने साथ कई बीमारियां लाता है।
चिलचिलाती धूप में बाहर निकलने पर भी लू लगने का खतरा बना रहता है और रात्रि में मच्छर तंग करते रहते हैं। ग्रीष्म ऋ तु अपने साथ कई समस्याएं लेकर आती है पर समझदारी से इसका मुकाबला करना चाहिए।
गर्मी के मौसम में अधिक से अधिक पानी पिएं जिससे शरीर में पानी की मात्रा में कमी न हो और त्वचा में निखार भी बना रहे पर ध्यान रखें कि हर जगह का पानी न पिएं, न ही बर्फ वाला मशीनी पानी पिएं। बाहर जाते समय पानी की बोतल साथ रखें।
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बाहर दूर जाते समय बोतलबंद पानी ही पिएं।
- गर्मी में दोपहर के समय कोशिश करें कि बाहर न निकलें। तेजÞ धूप में बाहर निकलने से लू लग सकती है। सुबह और शाम में बाहर के काम निपटाएं। आवश्यकता होने पर दोपहर में बाहर निकलते समय छाता व चश्मे का प्रयोग करें। चश्मा अच्छी कंपनी का पहनें जो व्यक्तित्व को भी निखारेगा और अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से आपकी आंखों को भी बचाएगा।
- गर्मियों में मेकअप बिल्कुल हल्का रखें। गर्मियों में मेकअप करने से पहले चेहरे पर बर्फ मल लें ताकि पसीना कम आए। हल्के रंग की लिपस्टिक लगाएं और धूप पर जाते समय सन स्क्र ीन लोशन का प्रयोग खुली त्वचा पर करें। गर्मियों में डियो वही प्रयोग करें जो आपके पसीने की दुर्गन्ध रोक सके और तीखी खुशबू वाले न हों।
- ग्रीष्म ऋतु में प्रात: जल्दी टहलने निकल जाएं ताकि ताजी हवा का आनन्द उठाया जा सके। हो सके तो हल्के फुल्के व्यायाम भी करें ताकि दिनभर चुस्ती बनी रहे।
- ग्रीष्म ऋतु में दिन में दो बार ठंडे जल से स्रान करें। पानी की बाल्टी में नींबू के रस की कुछ बूंदें, गुलाबजल की कुछ बूंदें, उबले हुए नीम के पत्तों का पानी मिलाकर स्रान करें। इससे आप दिनभर ताजÞगी महसूस करेंगे और नीम की पत्तियां आपकी त्वचा पर गर्मी से होने वाली खुजली को भी दूर रखेंगी।
- ग्रीष्म ऋतु में कपड़े सूती पहनें और कपड़ों का रंग हल्का होना चाहिए। सूती वस्त्र त्वचा को नुकसान भी नहीं पहुंचाते, पसीना सोखने में भी मदद करते हैं। क्र ीम, गुलाबी, सफेद, हल्के नीले रंग गर्मियों में आंखों को शीतल लगते हैं, भड़कीले रंग आंखों में चुभते हैं।
- कपड़े शरीर को कसने वाले न पहनें। ढीले वस्त्र ही गर्मियों में शरीर को आराम पहुंचाते हैं।
- गर्मियों में बंद जूते मत पहनें। पुरूषों को खुले सैंडल और स्त्रियों को चप्पल व सैंडल पहनने चाहिएं। यदि बंद जूते पहनें तो सूती जुराबें अवश्य पहनें ताकि पैरों में आने वाले पसीने से उंगलियों में फंगल इन्फेक्शन न हो सके।
- मच्छरों से स्वयं को बचा कर रखें। आस पास पानी न रूकने दें। रात्रि में मच्छरों को दूर रखने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें, शरीर के खुले भागों पर मच्छर दूर रखने वाली क्र ीम लगाएं, मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती, टिकिया, मैटस, तरल दवा, गुड नाइट आदि जलाएं। सप्ताह में एक बार नीम के सूखे पत्तों को जलाएं। खिड़कियों में जाली लगवायें ताकि बाहर से मच्छर प्रवेश न कर सकें। शाम से ही खिड़की व दरवाजेÞ बंद रखें।
- ग्रीष्म ऋतु में खाना ताजा बना हुआ ही खाएं। बासी खाना और गंदा पानी लेने से कई बीमारियों को अनजाने में निमंत्रण मिल जाता है। भोजन बनाते और खाते समय बर्तन साफ सुथरे होने चाहिए। भोजन अधिक समय तक बाहर न रखें। जितना भोजन बच जाए, उसे फ्रिज में ढक कर संभाल दें।
- रात्रि में भोजन हल्का लें ताकि नींद आराम से आ सके और भोजन पचने में परेशानी न हो। गर्मियों में पाचन शक्ति कमजÞोर होती है। कभी-कभी रात्रि में फलाहार व सलाद लें।
- गर्मियों में ताजे फलों का रस जैसे तरबूज, फालसे का रस या शरबत आदि लें। नींबू पानी, दही की लस्सी (फीकी) लें। रस वाले फलों का सेवन करें जैसे खीरा, तरबूज, खरबूजा आदि। ध्यान दें उस पर पानी न पिएं। अल्कोहल युक्त पेय पदार्थों का सेवन न करें। बाजार में उपलब्ध शीतल पेय पदार्थों के सेवन से बचें। यह शरीर को अनावश्यक शुगर देते हैं जिनसे मोटापा बढ़ता है। लाभ कुछ नहीं होता। हो सके तो लस्सी में भूना जीरा डालें।
- रात्रि में सोने से पहले और शाम को भी ताजे पानी से नहायें या हाथ, पांव, मुंह अच्छी तरह धोकर सोयें ताकि दिन भर आये पसीने की दुर्गन्ध से छुटकारा मिल सके।
नीतू गुप्ता