केन्द्रीय बजट 2020-21 Union Budget 2020-21
रोजगार, मजबूत कारोबार, महिला कल्याण का लक्ष्य निर्धारित
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2020 को वित्त वर्ष 2020-21 का केन्द्रीय बजट पेश किया। 21वीं सदी के तीसरे दशक के इस बजट में वित्त मंत्री ने दीर्घकालिक प्रभाव वाले कई सुधारों की घोषणा की, जिनका उद्देश्य लघु अवधि, मध्यम अवधि और दीर्घ अवधि के उपायों के जरिए भारतीय अर्थव्यवस्था को ऊजार्वान बनाना है। वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत, सरकार ने 2014-19 के दौरान राजकाज में व्यापक बदलाव किए। हमारे लोगों के पास रोजगार होना चाहिए। यह बजट उनकीआय सुनिश्चित करने और उनकी क्रय शक्ति को बढ़ाने के लिए है। उन्होंने कहा कि ये बजट देश की आकांक्षाओं का बजट है।
Table of Contents
बजट की बड़ी बातें
- कृषि, सिंचाई और ग्रामीण विकास के लिए 16 सूत्री कार्य योजना
- योजना के लिए 2.83 लाख करोड़ रुपये का आबंटन
- कृषि, सिंचाई और संबंधित गतिविधियों के लिए 1.60 लाख करोड़ रुपये।
- ग्रामीण विकास और पंचायती राज केलिए 1.23 लाख करोड़ रुपये।
- 2020-21 के लिए 15 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य तय।
- पीएम-किसान लाभार्थियों को केसीसी योजना के तहत लाने का प्रस्ताव।
किसान रेल:
- सार्वजनिक और निजी भागीदारी के माध्यम से भारतीय रेल द्वारा किसान रेल सेवा शुरू करने का प्रस्ताव बागवानी क्षेत्र में ‘एक उत्पाद, एक जिला’ की नीति:\
- पारम्परिक जैविक और नवोन्मेषी उवर्रकों का संतुलित इस्तेमाल।
- जैविक, प्राकृतिक और एकीकृत खेती को बढ़ावा।
- जैविक खेती पोर्टल- जैविक उत्पादों के आॅनलाइन राष्ट्रीय बाजार को मजबूत बनाना।
- जीरो बजट प्राकृतिक खेती- (जैसा कि जुलाई 2019 के बजट में दशार्या गया) को शामिल करना।
- सिंचाई के लिए वर्षा, जल आधारित क्षेत्रों में एकीकृत खेती प्रणाली का विस्तार।
- गैर फसल मौसम में बहुस्तरीय फसल, मधुमक्खी पालन, सौर-पंपों तथा सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देना।
वेलनेस, जल एवं स्वच्छता:
- समग्र स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 69,000 करोड़ रुपये का आवंटन।
- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम जय) के लिए 6400 करोड़ रुपये (69,000 करोड़ रुपये में से) का आवंटन :
- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम जय) के अंतर्गत 20,000 से भी अधिक अस्पतालों को पैनल में पहले ही शामिल किया जा चुका है।
- उद्योग, वाणिज्य एवं निवेश
- उद्योग और वाणिज्य के विकास एवं संवर्धन हेतु 27,300 करोड़ रुपये आवंटित।
निवेश मंजूरी प्रकोष्ठ स्थापित करने का प्रस्ताव है :
- पांच नवीन स्मार्ट सिटी को विकसित करने का प्रस्ताव।
- मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और सेमी-कंडक्टर पैकेजिंग के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए योजना शुरू करना।
- राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन के तहत वर्ष 2023-24 तक की चार वर्षीय कार्यान्वयन अवधि के साथ 1480 करोड़ रुपये का अनुमानित परिव्यय।
- भारत को तकनीकी वस्त्रों के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाया जाएगा।
- ज्यादा बीमा कवरेज
- छोटे निर्यातकों के लिए प्रीमियम में कमी
- दावों के निपटान के लिए सरल प्रक्रिया।
- गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जेम) के कारोबार को बढ़ाकर 3 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचाने का प्रस्ताव।
अवसंरचना अगले 5 वर्षों के दौरान अवसंरचना पर 100 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
राजमार्ग:
- राजमार्गों के तेजी से विकास पर ध्यान दिया जाएगा, इसमें शामिल हैं
- पहुंच नियंत्रण राजमार्ग- 2500 किलोमीटर
- आर्थिक गलियारा- 9000 किलोमीटर
- तटीय और भूमि पत्तन सड़के- 2000 किलोमीटर
- रणनीतिक राजमार्ग- 2000 किलोमीटर
- दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे और दो अन्य पैकेज 2023 तक पूरे हो जाएगे।
- चेन्नई-बेंगलुरु एक्सप्रेस-वे की शुरूआत होगी।
- 6000 किलोमीटर से अधिक की लम्बाई वाले 12 राजमार्ग समूहों के मुद्रीकरण का प्रस्ताव।
विद्युत:
- स्मार्ट मीटर को बढ़ावा।
- बिजली वितरण कम्पनियों में सुधार के लिए विभिन्न उपाय।
सरकारी भर्ती में प्रमुख सुधार:
- एक स्वतंत्र, पेशेवर, विशेषज्ञ संगठन के रूप में एक राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) की स्थापना का प्रस्ताव। यह एजेंसी अराजपत्रित पदों की भर्ती के लिए कम्प्यूटर आधारित आॅनलाइन सामान्य पात्रता परीक्षा का आयोजन करेगी।अनुबंध अधिनियम को मजबूत बनाया जाएगा।
बैंकिंग नियमन अधिनियम में संशोधन द्वारा सहकारिता बैंकों का सशक्तिकरण:
पेशेवरवाद में वृद्धि।
पूंजी तक पहुंच में आसानी।
शासन में सुधार तथा भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से ठोस कारोबार के लिए निर्देश ।
ऋण वसूली के लिए एनबीएफसी की पात्रता सीमा घटाई गई:
500 करोड़ रुपये से 100 करोड़ रुपये का संसाधन।
1 करोड़ रुपये से 50 लाख रुपये का ऋण।
बैंकिंग प्रणाली में निजी पूंजी:
सरकार स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से आईडीबीआई बैंक में अपनी शेष हिस्सेदारी को निजी, खुदरा तथा संस्थागत निवेशकों को बेचेगी।
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