नौकरी तय करेगा रिज्यूम

नौकरी तय करेगा रिज्यूम ,आपका रिज्यूम आपको बयां करता है

इसे बनाते समय किसी तरह की लापरवाही न बरतें।
पहली या नई जॉब ढूंढने के लिए एक अच्छे रिज्यूम का होना जरूरी है। अपने हिसाब से हम सभी एक बेहतरीन रिज्यूम बनाकर तैयार रखते हैं. आपको बयां करता है आपका रिज्यूम। इसे बनाते समय कुछ भी अव्यवसायिक लिखने से बचें। कुछ कैसी गलतियों को जानते हैं, जो हमें नहीं करनी चाहिए।

शार्ट टर्म जॉब्स:

यह सच है कि रिज्यूम में लिखी बातें एक के बाद एक सवाल पैदा करती हैं। ध्यान रहे आपने कोई नौकरी इस वजह से छोड़ी, क्योंकि उसमें बेहतर भविष्य नजर नहीं आ रहा था, तो उसे रिज्यूम में न लिखें। इसका सामने वाले व्यक्ति या संस्थान पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ेगा। वो आप पर भरोसा नहीं कर पाएंगे। ज्यादा शार्ट टर्म जॉब्स हैं तो उनमे से एक दो को लिखें जिनकी समयावधि ज्यादा हो।

जो न जुड़े वो न लिखें:

पहले किया गया काम संभावित जॉब से अलग है, तो उसे रिज्यूम में न लिखें। इससे साक्षात्कार लेने वाल व्यक्ति की रूचि आपसे हैट जायेगी, क्योंकि आपका अनुभव प्रस्तावित जॉब जैसा नहीं है। इसका मतलब यह नहीं कि उसकी जगह आप झूठ या मनगढंत बाते लिखें। ऐसा न करें।

इसकी जगह आप भविष्य में क्या करना चाहते हैं का पॉइंट बनाएं और महत्वपूर्ण हिस्सों को हाईलाइट करें। जो काम आप पहले कर चुके हैं और उसका आज के काम से कोई संबंध नहीं है तो उसे लिखने से बचें। हाँ अपनी एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में आप संक्षेप में उसकी चर्चा कर सकते हैं।

बेस्ट को दे जगह:

रिज्यूम में अपने अनुभवों और काम की विस्तृत जानकारी न दें। इसकी जगह सिर्फ महत्वपूर्ण पॉइंट्स को हाईलाइट करें। जानकारी को विस्तार से लिखने की बजाय संक्षिप्त में लिखा जाता है। ध्यान रहे, जो सर्वोपरि हो और प्रस्तावित नौकरी से मेल खाता हो, उसी को यहां शामिल करें। बेवजह की जानकारी साक्षात्कार लेने वाले व्यक्ति का निर्णय बदल सकती है। आप झूठ से सदैव बचें। ज्यादा ढींगे हांकने के चक्कर में ने रहें पर अपना बेस्ट देने में पीछे न हटें। आपका बेस्ट ही आपको बेस्ट दिलवाएगा।

पहचान की दुहाई न दें:

कोई भी काम अपने हुनर और अनुभव पर मिले तो ही फबता है। आप किन किन हस्तियों को जानते हैं और आपकी पहुँच कहाँ तक है, यह सब बातें रिज्यूम में भूलकर भी न लिखें। आपकी इस लिस्ट का सरोकार सामने वाले से नहीं होता। ये आपकी छवि तो धूमिल करेगा ही, साथ ही साथ में आपके भविष्य के लिए भी घातक साबित हो सकता है। पहचान बहुत ही कम सकारात्मक बन पाती है। यदि आपने किसी बहुत बड़े वाले की पहचान बता दी तो हो सकता है नियोक्ता इस बात की ग्रंथि पाल ले कि कहीं आप उसका दवाब न बनाने लगें अपने नियोक्ता पर।

झूठी न हो जानकारी:

आपके उठने बैठने का तरीका आपका सलीका बताता है। इसी तरह रिज्यूम में शामिल ‘हॉबीज सेक्शन’ आपकी पर्सनैलिटी जाहिर करने में मददगार होता है। उदहारण के लिए शतरंज के खिलाडी का दिमाग तेज होना तय ही। यह आपका प्लस पॉइंट बन सकता है। इसलिए हॉबीज में लिखी गयी जानकारी पूर्ण रूप से सही होनी चाहिए। झूठ के पाँव नहीं होते।

यदि आप सच बोलते हैं तो आपको कुछ याद करने की जरूरत नहीं होती। क्योंकि सच आज भी वही है, कल भी यही था और आगे कल भी यही रहेगा। जब आप झूठ बोलते हैं तो आपको हर समय उसे याद रखना पड़ता है कि आपने तब क्या लिखा था।

पहली जॉब छोड़ने का कारण:

पहली नौकरी छोड़ने का कारण रिज्यूम में न लिखें। इस सवाल को इंटरव्यू के दिन के लिए रहने दें। हाँ यदि जॉब एप्लीकेशन में इस सवाल का जवाब पूछा जाए तो अवश्य लिखें। मगर अपने मन से लिखने की गलती न करें। लिखने की स्थिति बने, तो खुद के प्रति नकारात्मक छवि न बनाते हुए सहज ढंग से कारण बताएं। इंटरव्यू के दिन इस विषय पर विस्तृत चर्चा करना बेहतर होगा। कई बार नियोक्ता पिछले आॅफिस से पूछताछ भी कर लेते हैं। यदि किसी सीधे हाथ आपका केस पहुँच गया तो ठीक नहीं तो हर जगह सभी लोग अच्छे नहीं होते। कोई अपने अगले पिछले हिसाब चुकाने के लिए आया तो आपका तो बनता हुआ कॅरियर चौपट हो जाएगा। वही बात हुई चौबे बनने गए थे छब्बे रह गए दुबे।

रिज्यूम और सीवी (करिकुलम वाइटा) में अंतर:

रिज्यूम संक्षिप्त और सीवी विस्तार जानकारी के साथ होता है। रिज्यूम एक या दो पन्नों का होता है, जिसमें आपकी योग्यता, अनुभव और शिक्षा का संक्षिप्त ब्यौरा होता है। दूसरी तरफ सीवी में शैक्षणिक योग्यता के साथ साथ व्यक्ति की उपलब्धियां। शोध, प्रकाशन, सम्मान, पुरुस्कार, रूचि,सम्बंधित क्षेत्र आदि की विस्तृत जानकारियां दी जाती हैं।

रिज्यूम भले छोटा होता है वह बीज है और उसी का विस्तार प्रोफाइल होता है। पर प्रोफाइल में भी ध्यान रहे कि फालतू का कचरा न भरते जाएँ। ऐसा न हो कि देखने वाला उस में इंटरेस्ट ही न ले और सरसरी तौर पर ही पड़ने लगें। उससे क्या होगा कि हो सकता है महत्वपूर्ण चीजें ध्यान में न आकर नजरअंदाज हो जाएँ।

पहली बार साक्षात्कार देने जा रहे हों तो कुछ सवालों के जवाब अच्छी तरह तैयार कर लें। हो सकता है कि यही चंद प्रश्न आपके साक्षात्कार को संवार दें।

यूँ तो साक्षात्कार में कई सवाल पूछे जाते हैं, लेकिन व्यक्तित्व व क्षमताओं से जुड़े कुछ प्रश्न हर बार होते हैं। बाबजूद इसके लोग इनके जवाब तैयार नहीं करते हैं।

रिज्यूम तो आपने भेज दिया है, पर कुछ जानकारियां जो आपको होनी चाहिए। आप कम्पनी के बारे में क्या जानते हैं।
ये सवाल भले साक्षात्कारकर्ता अपनी कम्पनी के बारे में पूछता है, लेकिन पड़ताल आपके व्यक्तित्व की करता है। वह पता करना चाहता है कि आप कितने सजग हैं।

यदि ख़ास तौर से आपसे सैलरी के बारे में न पूछा जाए, तो आप न लिखें। ऊंचे वेतन की अपेक्षा से जहां नौकरी मिलने के आसार कम हो जाते हैं, वहीं कम होने पर बाद में अफसोस होता हो। एक ऐसी राशि पहले से सोच लें, जिस पर आप संतुष्ट हो और एच आर भी आसानी से सहमत हो जाए। -दीक्षा तिवारी प्लेसमेंट अधिकारी

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