उपलब्धि: खंडहर हो चुके सरकारी स्कूल को पंजाब के टॉप श्रेणी स्कूल तक पहुंचाया – मा. राजेंद्र सिंह इन्सां को मिला राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार
‘अवार्ड पूज्य गुरु जी को समर्पित है’ National Teacher Award
मेरे सच्चे सतगुरु रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं व शिक्षण क्षेत्र के प्रति ईमानदारी और लगन से काम करने की पावन प्रेरणाओं की बदौलत ही यह राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है। मैं भविष्य में भी ऐसी भावना एवं समर्पण भाव के साथ समाजसेवा के लिए हमेशा समर्पित रहूंगा।
-राजेन्द्र सिंह इन्सां
स्कूल की दीवारें बेरंग हो चुकी थी, हर जगह से पलस्तर उखड़ा हुआ था, भवन की छत भी इतनी जर्जर हो चुकी थी कि बच्चे नीचे बैठने से कतरा रहे थे, और इससे भी बड़ी विडंबना कि स्कूल में हर वर्ष बच्चों की संख्या लगातार घट रही थी, मानो स्कूल बंद होने की कगार पर हो। कुछ ऐसा ही भयावह मंजर था पंजाब के जिला भटिंडा के गांव कोठे इंद्र सिंह वाला के राजकीय प्राइमरी स्कूल का। किंतु दिल में समाजसेवा का जज्बा संजोए मास्टर राजेंद्र सिंह इन्सां ने 9 वर्ष पूर्व जब इस स्कूल में बतौर टीचर ज्वाइन किया तो देखते ही देखते यहां के वारे-न्यारे हो गए।
उनकी कड़ी मेहनत ने तब सबको चौंका दिया, जब 16 गांवों के अभिभावक प्राइवेट स्कूलों से अपने बच्चों को हटाकर इस स्कूल में दाखिल करवाने के लिए पहुंचे। यही कारण है कि इस स्कूल ने कुछ ही सालों में 627 फीसदी नए दाखिले कर पूरे पंजाब स्तर पर रिकॉर्ड कायम किया है। मास्टर राजेंद्र सिंह इन्सां की इस मेहनत का प्रतिफल उन्हें राष्टÑीय शिक्षक पुरस्कार के रूप में मिला, जिन्हें नई दिल्ली के विज्ञान भवन में देश की माननीय राष्टÑपति द्रौपदी मुर्मू ने इस बेहतरीन कार्य के लिए उन्हें राष्टÑीय शिक्षक पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
जब सभागार में शिक्षा क्षेत्र में उम्दा एवं प्रशंसनीय कार्य करने के लिए मास्टर राजेंद्र सिंह इन्सां का नाम पुकारा गया तो पूरा पंडाल करतल ध्वनि से गुंजायमान हो उठा। यह पल डेरा सच्चा सौदा के नजरिए से भी बहुत विलक्षण था, जो पूज्य गुरु संत डॉ. एमएसजी जी की पावन प्रेरणाओं का अनुसरण करते हुए अध्यापक राजेंद्र सिंह इन्सां ने इस मुकाम पर पहुंचकर पंजाब प्रांत का नाम देशभर में रोशन करते हुए समाजसेवा का अनूठा उदाहरण पेश किया।
उपलब्धियां व इनाम National Teacher Award
अध्यापक राजेंद्र सिंह इन्सां मूल रूप से गोनियाना मंडी जिला भटिंडा (पंजाब) के रहने वाले हैं। वे अपने 20 साल के सेवा कार्यकाल के दौरान अब तक चार सरकारी खस्ताहाल स्कूलों की कायाकल्प कर चुके हैं। वर्तमान में वे कोठे इन्द्र सिंह वाला के सरकारी प्राईमरी स्कूल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने इस स्कूल में वर्ष 2015 में ज्वाइन किया था, उस वक्त स्कूल की हालत बहुत खस्ता थी। लेकिन अध्यापक राजेंद्र सिंह इन्सां की लगन एवं मेहनत के बलबूते आज यह स्कूल शिक्षा, स्वास्थ्य, सुंदरता एवं अनुशासन में पूरे प्रदेश में अग्रणी स्कूलों में शुमार हो चुका है।
अध्यापक राजेन्द्र सिंह को अब तक 9 राज्य अवार्ड मिल चुके हैं। यह सम्मान बिना किसी सरकारी ग्रांट के खस्ताहाल स्कूल को स्मार्ट बनाने, पंजाब स्तर पर दो बार दाखिला रिकॉर्ड कायम करने, कोविड-19 के दौरान आॅनलाइन शिक्षा प्रसार के तौर पर दूरदर्शन के लिए टीवी प्रोग्राम तैयार करने, नन्हे उस्ताद बाल कार्यक्रम की एंकरिंग करने, अपने बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ाने, विद्यार्थियों के लिए स्मार्ट शिक्षा शुरू करने, विद्यार्थियों को प्राथमिक स्तर पर इंग्लिश मीडियम की सुविधा प्रदान करने, छुट्टियों के दौरान समर कैंप लगाने और राज्य स्तरीय प्राईमरी स्कूलों की खेलों में भाग लेने के लिए प्रदान किए गए हैं। वर्ष 2020 में राजेन्द्र सिंह को बेमिसाल अध्यापन सेवाओं के चलते पूरे पंजाब में पहले रैंक पर आने के लिए पंजाब के शिक्षा विभाग द्वारा उन्हें स्टेट अवार्ड से सम्मानित किया गया।