हमारी भारतीय अर्थव्यवस्था का बहुत बड़ा हिस्सा कृषि क्षेत्र पर निर्भर है। सालों से भारत देश को कृषि प्रधान देश ही कहा जा रहा है। देश की बढ़ती आबादी के कारण हर साल देश में अनाज की मांग बढ़ती ही रही है। देश की खाद्यपूर्ती और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए अच्छी किस्म की खेती बहुत जरुरी है। आइए जानते हैं Pradhan Mantri Krishi Sinchai Yojana के बारे में.. in Hindi.. पूरी जानकारी।
प्रधानमंत्री ने किसानों के हित के लिए अच्छी खेती के लिए पानी की बहुत जरूरत होती है, लेकिन आजकल मानसून का कोई भरोसा नहीं रह गया है। कई बार कई शहर सूखे के चपेट में आ जाते है, जिस वजह से किसानों की पूरी फसल खराब हो जाती है। किसानों के हित के लिए एक नई योजना ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’ की शुरूआत की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसानों को पानी की उपयोगिता के बारे में जागरूक कर सकें, और उन्हें सिंचाई के नए साधन के बारे में बताया जा सके।
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क्या है प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना?
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना एक उन्नत सिंचाई प्रणाली है जिसके द्वारा पौधे के जड़ क्षेत्र में विशेष रूप से निर्मित प्लास्टिक पाईपों द्वारा कम समय अन्तराल पर पानी दिया जाता है। तथा पारंपरिक सिंचाई की तुलना में 60 प्रतिशत कम जल की खपत होती है। इस प्रणाली अन्तर्गत ड्रीप सिंचाई पद्दति, स्प्रिंकलर सिंचाई पद्दति एवं रेनगन सिंचाई पद्दति उपयोग किया जाता है। जिसके अन्तर्गत जल वितरण लाइनों और साजो-समान कन्ट्रोल हेड प्रणाली एवं उर्वरक टैंक रहते हैं।
इस प्रणाली को अपनाकर यदि उर्वरक का व्यवहार इसके माध्यम से किया जाए तब इससे लगभग 25 से 30 प्रतिशत उर्वरक की बचत होती है। इस सिंचाई प्रणाली से फसल के उत्पादकता में 40 से 50 प्रतिशत की वृद्धि तथा उत्पाद की गुणवता उच्च होती है। इस सिंचाई प्रणाली से खरपतवार के जमाव में 60 से 70 प्रतिशत की कमी होती है जिसके कारण मजदूरों के लागत खर्च में कमी तथा पौधों पर रोगों के प्रकोप में भी कमी आती है।
वर्ष 2015-16 में भारत सरकार द्वारा इस सिंचाई प्रणाली को बढ़ावा देने हेतु प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना प्रारंभ की गई है। वर्तमान में बिहार में इस सिंचाई प्रणाली लगभग कुल आच्छादित क्षेत्र का 0.5 प्रतिशत क्षेत्र में ही अपनाया जा रहा है। कृषि रोड मैप 2017-22 में इस प्रणाली को कम से कम कुल आच्छादित क्षेत्र के लगभग 2 प्रतिशत क्षेत्रों में प्रतिष्ठापित किये जाने का लक्ष्य है, ताकि बिहार के सब्जी एवं फल का उत्पादकता एवं उत्पादन में बढ़ोतरी हो। इस योजना अन्तर्गत किसानों को राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त टॉप-अप प्रदान करते हुये सभी श्रेणी के कृषकों को ड्रीप अन्तर्गत 90 प्रतिशत एवं स्प्रिंकलर अन्तर्गत 75 प्रतिशत सहायता अनुदान देने का प्रावधान है।
Pradhan Mantri Krishi Sinchai Yojana का लाभ लेने के लिए पात्रता
- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लाभ के पात्र हर वर्ग के किसान हो सकते हैं।
- योजना के अंतर्गत पात्रता प्राप्त करने के लिए किसान के पास खुद की भूमि सहित जल स्त्रोत का साधन भी उपलब्ध होना चाहिए।
- योजना के तहत सेल्फ हेल्प ग्रुप्स, ट्रस्ट, सहकारी समिति, इंकॉपोर्रेटेड कंपनियां, उत्पादक कृषकों के समूहों के सदस्यों और अन्य पात्रता प्राप्त संस्थानों के सदस्यों को भी लाभ प्रदान किया जायेगा।
- उन संस्थानों और लाभार्थियों को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का लाभ मिलेगा जो न्यूनतम सात वर्षों से लीज एग्रीमेंट के तहत उस भूमि पर खेती करते हो। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से भी यह पात्रता प्राप्त की जा सकती है।
- लाभार्थी को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का लाभ अगले सात वर्षों बाद ही भूमि के लिए प्राप्त हो सकता है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का कुछ लक्ष्य
- उपजिला/जिला तथा राज्य स्तर पर सिंचाई योजना तैयार कर किसानों के खेतों तक जल को पहुंचाना।
- कृषि योग्य भूमि का विस्तार करना। विस्तारित भूमि के लिए सिंचाई का प्रबंधन करना।
- जलाशयों को दोबारा भरना, वर्षा जल का संचयन, पानी के बहाव को रोककर उपयोग में लाना, ड्रिप एवं स्प्रिंकलर कार्यक्रम को लागू करना।
- पानी की पुरानी टंकियों या स्रोतों की दोबारा मरम्मत, इन्हें रेनोवेट करके उसमें दोबारा जल संचयन कर पानी को बचाकर ज्यादा से ज्यादा उपयोग में लाना।
- जहां भी सिंचाई के लिए पानी कम है, वहां वितरण को ठीक करना। भूजल विकास, लिफ्ट इरिगेशन के माध्यम से पानी पहुंचाने का लक्ष्य।
कृषि सिंचाई योजना के लाभ
- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत किसानों को सब्सिडी प्रदान की जाती है।
- नए उपकरणों को सीखने के लिए 2 दिन के प्रशिक्षण में प्रणाली और योजना की तकनिकी जानकारी साझा की जायेगी।
- नए उपकरणों की प्रणाली के इस्तेमाल से 40-50 प्रतिशत पानी की बचत हो पाएगी और उसके साथ ही 35-40 प्रतिशत कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी एवं उपज के गुणवत्ता में तेजी आएगी।
योजना के मुख्य कार्य
- पानी का प्रबंधन और आवंटन की ओर मुख्य रूप से ध्यान दिया जायेगा। खेती के मुख्य क्षेत्र जैसे जल मंदिर, दोंग, एरी, ऊरानिस, कुहल आदि पानी के भंडार और जलाशय को विकसित किया जायेगा, जिससे सिंचाई को बढ़ावा मिल सके।
- खेती की जमीन के पास ही जल स्त्रोत्र को बनाया जायेगा या उसे बड़ा किया जायेगा।
- किसानों को यह सिखाया जायेगा कि वर्षा के पानी को कैसे एकत्र किया जाता है और कैसे उसे सिंचाई के लिए उपयोग कर सकते है। इससे सिंचाई के लिए अधिक से अधिक जल स्त्रोत किसानों को मिल सकेंगे। कृषि से जुड़े लोगों को इसकी पूरी जानकारी दी जाएगी, जिससे वे अधिक फसल पैदा कर सकेंगें और सिंचाई के लिए मानसून पर निर्भर नहीं रहेंगे।
योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आवेदक का आधार कार्ड
- पहचान पत्र
- किसानों की जमीन के कागजात
- जमीन की जमाबंदी (खेत की नकल)
- बैंक अकाउंट पासबुक
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर
- किसान टोल फ्री किसान कॉल सेंटर 1800-180-1551 से भी जानकारी ले सकते हैं।
योजना में होने वाला खर्च
इस योजना (Pradhan Mantri Krishi Sinchai Yojana)के अंतर्गत पहले पांच वर्षों में 50 हजार करोड़ की राशि खर्च करने की घोषणा की गई है। देश के सभी राज्यों को इस योजना में जितना खर्चा होगा उसका 75% दिया जायेगा, बाकि का 25% का खर्च राज्य सरकार को खुद उठाना होगा। राज्य सरकार को केन्द्रीय सरकार द्वारा दी गई राशि के अलावा अतिरिक्त खर्च करना जरुरी होगा, जिससे विकास कार्य अच्छे से हो सके।
देश के ऊंचाई वाले स्थान उत्तरी पूर्व के राज्यों में केन्द्रीय सरकार इस योजना के तहत 90% खर्चा देगी, उस राज्य को सिर्फ 10% का भार उठाना होगा। देश में ऐसे बहुत से किसान है जो खेती करना छोड़ देते है, क्योंकि उन्हें सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है, लेकिन इस योजना के द्वारा केन्द्रीय एवं राज्य सरकार खेती के नए रास्ते खोलेगी, साथ ही बेहतर सिंचाई की सुविधा मुहैया कराएगी। भारत में इस योजना के अंतर्गत 69.5 हेक्टेयर भूमि लाने की क्षमता है। अभी के लिए इस योजना के अंतर्गत केवल 10 हेक्टेयर भूमि को लिया गया है। केंद्र सरकार ने आगामी वर्षों में इस योजना के अंतर्गत अधिकतम भूमि लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया
योजना की जानकारी हर किसान तक पहुंचाने के लिए आधिकारिक पोर्टल www.pmksy.gov.in स्थापित किया गया है। यहां पर योजना से सम्बंधित हर जानकारी विस्तारपूर्वक तरीके से बताई गई है । पंजीकरण या आवेदन के लिए राज्य सरकारें अपने अपने प्रदेश के कृषि विभाग की वेबसाइट पर आवेदन ले सकती हैं। अगर आप योजना में आवेदन के इच्छुक हैं तो अपने प्रदेश की कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन सम्बंधित जानकारी लें।