रिश्तों में हमेशा मिठास रहे
अपने संबंधों को और करीब लाने के लिए हमें सुख और दु:ख दोनों में साथ रहना चाहिए क्योंकि सुख और दुख दोनों जीवन से जुड़े हुए हैं। यदि आप हर दुख सुख में साथ हैं तो रिश्ता और गहरा हो जाएगा। जब कभी आपको उनकी आवश्यकता होगी तो वे भी आपकी मदद करेंगे।
अपने करियर के जुनून में अपनों को न भुलाएं, नहीं तो एक दिन आप अकेले रह जायेंगे। यह तब महसूस होगा जब आप तन्हा हो जायेंगे। यदि आप रिश्तों को जीवित रखना चाहते हैं तो थोड़ा समय रिश्तों को अवश्य दीजिए।
कभी अपने संबंधी की बात बुरी लग जाए तो उसे दिल में न लगाकर, उससे मिलकर बात स्पष्ट कर लें, बात भी साफ हो जाएगी और हो सकता है उनका उस बात को कहने का उद्देश्य कुछ और हो। सभी गिले शिकवे दूर हो जाएंगे।
रिश्तों में मजबूती लाने के लिए कभी-कभी एक दूसरे को कुछ गिफ्ट देना अच्छा है। यदि कोई रूठा होगा तो मान सकता है या फिर किसी को विशेष अपनापन जाहिर करना हो, तब भी प्यारा-सा तोहफा काम आ सकता है। गिफ्ट का चुनाव करते समय उनकी पसन्द और उम्र का ध्यान अवश्य रखें।
रिश्तों को लम्बी उम्र देने के लिए छोटी-छोटी बातों को अनदेखा करना सीखें, नहीं तो आप किसी के साथ भी रिश्ता बनाने में कामयाब नहीं होंगे। हर बात को इज्जत का सवाल न बनाएं।
रिश्तों में खटास न आए, इसके लिए वायदा खिलाफी न करें। वादा करने से पूर्व स्वयं से पूछें कि इस वादे को पूरा कर सकने की स्थिति में हैं या नहीं। वायदा-खिलाफी से विश्वास भी समाप्त होगा और आपका प्रभाव भी गलत पड़ेगा।
मुसीबत के समय जो इंसान आपके साथ खड़ा है तो समझें, वही इंसान आपके नजदीक है। ऐसे रिलेशनशिप बहुत मुश्किल से बनते हैं, इन्हें संभाल कर रखें। दु:ख में दूसरे का साथ निभाना रिश्तों को अधिक करीब लाना होता है।
रिश्तों में दूरी लाता है अपनी चीज पर घमंड करना और दूसरों की चीज को छोटा समझना। किसी भी चीज का दिखावा न करें, न ही अपना बखान करें। दूसरों की बात सुनें और अच्छी बात की सराहना करें।
दूसरों पर आरोप लगाने से खटास आती है। जब तक आपके पास ठोस सबूत न हों या खुद आंखों से न देख लें, किसी पर आरोप न लगाएं। यह आवश्यक नहीं कि जैसा हम उनके बारे में सोच रहे हों वह हकीकत ही हो! इसलिए पहले देखें, तोलें और फिर कोई निर्णय लें। ऐसा करने से रिलेशनशिप मजबूत होती हैं।
किसी से कोई राज की बात करनी हो तो पहले यह विश्वास कर लें कि उसे बात बता कर कहीं आप उसकी नजरों में गिर तो नहीं जाएंगे। उसी पर विश्वास करें जो बात जानकर आपकी बात का और आपका सम्मान करें।
रिश्ते बनाने और कायम करने और निभाने के लिए वक्त जरूर दें। एक या दो बार मिलकर किसी के व्यक्तित्व और विचारों के बारे में नहीं जाना जा सकता। समय दें, समझें, फिर रिलेशन कायम रखना है या नहीं, तय करें।
अपनों को उनके जन्मदिन पर विश करना न भूलें क्योंकि इस दिन हर कोई स्वयं को विशेष महसूस करता है और अपनों से विश न किए जाने पर कमी महसूस करता है औश विश करने पर वह आपके और करीब हो जाता है। इसलिए जन्मदिन विश करना न भूलें।
सबकी पसंद अलग-अलग होती है। यह आवश्यक नहीं है कि आप जिसको चाहते हों, उसकी पसंद भी आप जैसी ही हो। इसका अर्थ यह नहीं कि वो आपको प्यार नहीं करते! अपनी पसंद उन पर न थोपें। अलग अलग पसन्द वाले लोग भी साथ रह सकते हैं और रिलेशन्स अच्छे बना सकते हैं।
यदि आप अपनों से रूठना जानते हैं तो मनाना भी जानें। वैसे तो रूठने और मनाने का अधिकार भी अपनों का होता है, यदि आपसे कोई रूठा हो तो उसे सॉरी कहकर या एक छोटा सा पत्र लिखकर मनायें, रिश्ते और सुधरेंगे। – भारती सिंह