प्लीज, अभी मैं व्यस्त हूं

प्लीज, अभी मैं व्यस्त हूं

दुनिया में तरह-तरह के टैंपरामेंट के लोग हैं। कई लोग जहां वर्क इज वर्शिप में विश्वास करते हुए काम पूरी एकाग्रता से करने में जुटे रहते हैं, वहीं कई लोग स्वयं तो काम को गंभीरता से लेते नहीं हैं तथा दूसरों को भी काम गंभीरता से नहीं करने देते, और उन्हें डिस्टर्ब करने पहुंच जाते हैं। कई बार एटीकेट्स के कारण आप उन्हें कुछ कह नहीं पाते, जिसका वे पूरा फायदा उठाते हुए आपका समय बर्बाद कर देते हैं।

ऐसे टाइम-पास दोस्त या रिश्तेदारों से आॅफिस-टाईम में कैसे निपटें, हम बताते हैं-

दोस्त या रिश्तेदार ही नहीं, कई बार कुछ क्लाइंट्स भी काम की बातों के अलावा दुनिया-भर की बातों में आपको उलझाकर अपना टाइम पास करते हैं, ऐसे लोगों को टू-द-पॉइंट ही रखें। उन्हें, जिस काम के लिए वे आए हैं, उसके लिए प्राप्ट करें और शॉर्ट में बात करके उन्हें चलता करें। आप काम में मसरूफ दिखेंगे तो वे आपके रुड हुए बिना ही खिसक लेंगे।

मोबाइल कभी-कभी बहुत बड़ा डिस्टर्बेंस फैक्टर बन जाता है। कभी बीवी को आपकी याद आ जाती है, कभी किसी दोस्त रिश्तेदार को आपके टच में रहने का ख्याल आ जाता है! जबकि वे अच्छी तरह जानते हैं कि यह आपके आॅफिस का व्यस्त समय है। क्या करेंगे आप? क्या पता कोई इमरजेंसी आ जाए और यहां आपने सेल फोन स्विच आॅफ करके रखा है? उसके लिए आॅफिस के अन्य टेलीफोन नंबर्स हैं न! आप अपने सेल पर ’अभी व्यस्त हूं‘ का रिकॉर्डेड मैसेज भी इस्तेमाल कर सकते हैं!

डिस्टर्ब करने वालों की प्रॉब्लम से हर कंपनी में कर्मचारियों का कभी न कभी वास्ता पड़ता रहता है और कंपनी भी इससे बेखबर नहीं रहती। उन्होंने इसका एक बढ़िया सोल्युशन यह निकाला है कि एक्सट्रा चेयर ही मत रखो! ‘न होगा बांस न बजेगी बांसुरी।’ गपशप के लिए जब बैठने की सुविधा ही नहीं होगी तो कोई कब तक टिकेगा!

अब कंपनी इतनी अनहॉस्पिटेबल भी नहीं कि दूर से आने वाले का ख्याल ही न रखें। आॅफ्टर-आॅल वो उनके यहां के एंप्लोयी का परिचित दोस्त हैं या शायद रिश्तेदार भी हो सकता है। उसके लिए उनके यहां हैं न विजिटर्स रूम या वेटिंगरूम, जहां एसी, ठंडा पानी आदि सब कुछ है। अब आपके पास जब उनका मैसेज आता है तो आप एक्स्ट्रा वार्मथ न दिखाएं, लेकिन रूड भी न हों। बस अपने हाथ और चेहरे के हाव भाव से उसे यह अहसास करा दें कि वह गलत टाइम पर आया है!

‘सॉरी यार, तुझे डिस्टर्ब तो नहीं किया?’ टिपीकल इंडियन कर्टसी बरतते हुए ये न कहें, ‘अरे नहीं-नहीं, दोस्त भी कभी डिस्टर्ब करते हैं!’ इससे तो उसे बढ़ावा मिलेगा और आपकी हो जाएगी छुट्टी! आप इस पर बस इतना कहें, इन फैक्ट मजबूरी है। बहुत ज्यादा व्यस्त हूं और इस समय काम का पूरा प्रेशर भी है।

वे खुद समझ जाएगा और हैंडशेक कर के बाय कहता हुआ अपसे विदा ले लेगा। – विक्रमजीत सिंह

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