डिप्रेशन को भगाएं ऐसे
जीवन के उतार चढ़ाव, अकेलापन, काम या जिम्मेदारियों का दबाव झेलते-झेलते डिप्रेशन में आने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसा ही एक बार हैरी पॉटर की लेखिका जे. के रॉलिंग के साथ भी हुआ था। सिंगल पैरेंट होने के नाते उनके सामने कई चुनौतियां थीं, जिससे वे डिप्रेशन का शिकार हो गयी थीं।
अक्सर दुखी या निराश महसूस होना, किसी काम में मन न लगना, फोकस न कर पाना, छोटी-छोटी बातों में गुस्सा आना या चिड़चिड़ा होना और सामजिक मौकों में शामिल होने से कतराना आदि लक्षण डिप्रेशन के हो सकते हैं। इसके लिए कई कारण ज़िम्मेदार हो सकते हैं। लेकिन इससे निपटने के लिए साइकेट्रिस्ट की मदद लेना ज़रूरी है।
सलाह देते समय साइकेट्रिस्ट सबसे पहले यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि मूड प्रभावित होने पर पीड़ित के दिमाग में सबसे पहले कौन से विचार आते हैं। ऐसी गलत धारणाओं का भी पता किया जाता है जो बार-बार पीड़ित को नकारात्मक विचारों की ओर ले जाते हैं। साथ ही पिछली ज़िंदगी का पूरा ब्यौरा लिया जाता है। इसके बाद उन विचारों को सकारात्मकता में बदलने की कोशिश भी की जाती है।
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ऐसी स्थिति में मनोचिकित्सक इन बातों पर गौर करता हैः
१. कुछ भी बुरा होने पर क्या व्यक्ति खुद को ही दोषी ठहरा रहा है, भले ही उसका इस पर कंट्रोल न हो।
२. क्या बिगड़े हालात को सुधारने का हल तलाशने की बजाय यह सोचता है कि हालात ऐसे नहीं, कुछ वैसे होने थे?
३. डिप्रेशन के हर केस में काउंसलिंग नहीं दी जाती है। इस थेरेपी में पीड़ित से कॉन्ट्रैक्ट होता है कि वह नियमित रूप से सेशन में शामिल हों.
डिप्रेशन एक ऐसा मनोविकार है, जिससे कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की आशंका भी बढ़ती है। जैसे भूख बढ़ना या कम होना, वजन बढ़ना या कम होना, थकान लगना, नींद सम्बन्धी गड़बड़ियाँ और अक्सर आत्महत्या करने जैसे ख्याल आना आदि।
डिप्रेशन होना गंभीर समस्या है।
डिप्रेशन से गुजरना मतलब एक पूरे बुरे हफ्ते या महीने से कहीं ज्यादा बुरे दौर से गुजरना है। डिप्रेशन एक ऐसी कमज़ोरी है जो आपके लिए अपनी ज़िंदगी हंसी-ख़ुशी से जीना नामुमकिन बना देती है। यदि आप अपनी ज़िंदगी को दोबारा उसी तरह ख़ुशी के साथ गुजारना चाहते हैं और डिप्रेशन पर काबू पाना चाहते हैं तो इन बातों को आज़माकर देखें।
खुद को व्यस्त रखेंः-
एक बिज़ी शैड्यूल बनाकर आप सारा वक्त सक्रिय रहेंगे, केंद्रित रहेंगे और आपके मन में सिर्फ आगे क्या करना है, उस अगले काम का विचार ही रहेगा तो डिप्रेशन आपको परेशान नहीं करेगा। आप चाहें तो हफ्ते की शुरुआत में ही अपने हर एक दिन का शेड्यूल बनाकर रख सकते हैं या फिर हर रात को अपने अगले दिन का शैड्यूल बना सकते हैं। आप जिस भी तरीके को चुनते हैं, बस उस पर डटे रहने का लक्ष्य निर्धारित करें।
आपको सकारात्मक और मददगार दोस्तों के लिए, एक्सरसाइज़ के लिए, अपनी रुचियों या शौक के लिए दबाव को कम करने, कुछ लिखने या मेडिटेट करने, ऐसा कुछ मज़ेदार करने के लिए जो आपको खुश कर सके, घर से बाहर निकलकर कुछ करने के लिए वक्त निकालना चाहिए। सारा वक्त घर के किसी कमरे में रहकर ही वक्त न बिताएं। इसकी जगह पर बाहर जाएँ, धूप में निकलें या किसी कॉफी शॉप में जाकर अपना पढ़ाई या मनोरंजन करें ताकि आप खुद को दूसरों से अलग महसूस न कर सकें।
परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताएंः-
समय के अभाव के कारण दोस्ती और बातचीत सिर्फ सोशल नेटवर्किंग वेब साइट्स व मोबाइल फ़ोन तक ही रह गयी है। ऐसे में अकेलापन कुछ इस तरह बढ़ गया है कि यह हमारे तनाव का कारण होता जा रहा है। ऐसे में अपने रूटीन को ऐसे मैनेज करें कि दोस्तों और परिवार के साथ क़्वालिटी टाइम बिता सकें।
नया पैशन तलाशेंः-
हो सकता है कि आपको अपनी नौकरी न पसंद हो, लेकिन अभी आप इस स्थिति में नहीं हैं कि अपना करियर बदल सकें। अपनी ज़िंदगी में कुछ नए पैशन तलाशें। इससे आपको ज़िंदगी में जीने के लिए नया मकसद मिल जाएगा। यह पैशन कुछ भी हो सकते हैं, जिसे आप दिल से करना चाहते हैं, फिर भले ही यह ऐसी कोई गतिविधि हो, जिसके बारे में आपको थोड़ी ही जानकारी हो।
अपने कलात्मक पक्ष को खोजें। वाटर कलर पेंटिंग करें, ड्राइंग या पॉटरी क्लास ज्वाइन कर सकते हैं। यदि आप डायरी लिखना शुरू कर देंगे, तो इससे अपने मनोभाव की ओर ज्यादा और डिप्रेशन की ओर कम ध्यान दे पाएंगे।
हो सके तो दिन में कम से कम एक बार अपनी डायरी में लिखने का लक्ष्य निर्धारित करें। विशेष रूप से शाम को, जब आप पूरे दिन भर में अपनी साथ हुई घटनाओं व भावनाओं को लिख सकें उसी वक्त लिखना आपके लिए बेहतर होगा।
डिप्रेशन के बाद खुद में करें बदलावः-
१. अपने किसी करीबी दोस्त की मदद करें। ऐसा ज़रूरी नहीं हैं कि आपको उसे कोई बड़ी मदद देनी है।
२. आपके बेस्ट फ्रेंड का पूरा एक हफ्ता बुरा गुज़रा है, तो आप उसे लंच पर ले जा सकते हैं या उसे कोई फिल्म दिखाने के लिए ले जा सकते हैं। मदद करके आपको बेहतर महसूस होगा।
३. अपनी स्थानीय लाइब्रेरी को ज्वाइन कर सकते हैं। वहाँ नए विचारों के लोगों से मिलकर आपको अच्छा लगेगा और नई जानकारी मिलेगी।
४. पार्क को साफ़ करके अपनी कम्युनिटी की मदद करें। प्रकृति के साथ वक्त बिताकर आपको मूड में सुधार लाने में मदद मिलेगी।
५. अगर आपकी संगीत में रूचि है तो किसी प्रकार का वाद्ययंत्र बजाना सीख सकते हैं। इससे आपको डिप्रेशन दूर करने में काफी मदद मिलेगी।
डिप्रेशन भी आपको कई तरह से घेरता है, जैसे निराशा कुंठा, हीनता। अधिकतर यदि आप सूर्य उगने के बाद उठते हैं तो आपको सब तरफ ग्रे ही दिखेगा यानि की अन्धकार।
इससे बचने का सबसे सही उपाय है आप थोड़ा जल्द उठें। जब आप बंद घर में कुछ कार्य शुरू कर संयत हो जाते हैं और तब बाहर का दरवाजा खोलते हैं तो तब तक आप इस अवस्था से बाहर आ चुके होते हैं।
डिप्रेशन में, आप जितना ज्यादा डॉक्टर को सहयोग देते हैं उतनी जल्दी आप इस अवस्था से बाहर आते जाते हैं। याद रखें इसमें बहुत ज़रूरी है आपका स्वयं के प्रति सहयोगी होना।
रीता देसाई
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