डिजिटल मार्केटिंग में सुनहरा भविष्य
आजकल दिन भर हर किसी के मोबाइल पर कोई न कोई मैसेज आता रहता है जिसमें किसी न किसी प्रोडक्ट या सर्विस का प्रमोशन होता है। पहले ऐसे मैसेज या ईमेल देख कर हम हैरान हो जाया करते थे कि उक्त कंपनी का इनवाइट कैसे आ गया जिसे हम जानते तक नहीं मगर अब ऐसी हैरानी नहीं होती, क्योंकि कंपनियां अक्सर अपनी वस्तुओं की मशहूरी में लगी रहती हैं।
दरअसल, यह नई तरह की मार्केटिंग है। इसे ही डिजिटल मार्केटिंग कहा जाता है। यह इंटरनेट, मोबाइल और सोशल मीडिया के जरिए की जाने वाली मार्केटिंग है। इसके लिए सोशल मीडिया, मोबाइल, ईमेल, सर्च इंजन आॅप्टिमाइजेशन (एसईओ), सर्च इंजन मार्केटिंग (एसईएम), सोशल मीडिया मार्केटिंग (एसएमएम) और सोशल मीडिया आॅप्टिमाइजेशन (एसएमओ) जैसे विभिन्न टूल्स इस्तेमाल किए जाते हैं।
इनका मकसद भी परंपरागत मार्केटिंग की तरह उत्पाद या किसी सेवा के प्रति ग्राहकों में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता विकसित करना तथा ग्राहकों को उत्पाद या सेवा के प्रति आकर्षित करना होता है।
चूंकि डिजिटल मार्केटिंग में लक्षित विज्ञापन, लेख, चर्चाएं, लिंक्स, टिप्पणियां भी शामिल होती हैं, इसलिए इस काम के पीछे ढेरों एक्सपर्ट्स की मेहनत होती है। यही कारण है कि इस क्षेत्र में नौकरियां लगातार बढ़ रही हैं। इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन आॅफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 तक देश के इंटरनेट सेक्टर में करीब 15 से 20 लाख नई नौकरियां पैदा होने की संभावना है।
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नौकरियां कहां-कहां :
प्रोडक्ट या सर्विस सेक्टर में डिजिटल मार्केटिंग का महत्त्व जैसे-जैसे बढ़ रहा है, उसी तेजी से इस क्षेत्र में करियर के नए-नए अवसर भी सामने आ रहे हैं। खासतौर से पारंपरिक मार्केटिंग स्किल व टेक्नोलॉजी का ज्ञान रखने वाले युवाओं के बीच डिजिटल मार्केटिंग एक बेहतर करियर विकल्प बन कर उभरा है। वे कॉपीराइटर, स्टोरीबोर्ड आर्टिस्ट, एनिमेटर, प्रोग्रामर, वेब डिजाइनर, कैंपेन मैनेजर, आॅनलाइन एग्जीक्यूटिव, एसईओ मैनेजर, एसएमओ मैनेजर, ईमेल मैनेजर या सोशल मीडिया मैनेजर के रूप में किसी डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी या ई कॉमर्स कंपनी में आसानी से नौकरी पा सकते हैं।
इसके अलावा तमाम कंपनियां अपनी आॅनलाइन उपस्थिति बढ़ाने के लिए खुद की डिजिटल मार्केटिंग टीम बना रही हैं, जहां पर डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल्स को प्राथमिकता दी जाती है। आॅनलाइन कैब सर्विस देने वाली कंपनियों व रिटेल चेन्स में भी रोजगार के ढेरों अवसर उपलब्ध हैं। इसके अलावा आप खुद की मार्केटिंग कंपनी भी खोल सकते हैं।
सैलरी कितनी:
यह नए दौर का एक तकनीकी करियर क्षेत्र है, इसलिए यहां सैलरी भी आकर्षक मिलती है। डिजिटल मार्केटिंग के प्रोफेशनल्स को शुरूआत में किसी भी संस्थान से 15 से 25 हजार रूपए प्रति माह सैलरी मिल जाती है। एक-दो साल का अनुभव हो जाने पर और काम में आपकी स्मार्टनेस के आधार पर सैलरी 30 से 50 हजार रूपए प्रति माह तक पहुंच सकती है तथा 5 से 7 वर्ष का अनुभव हो जाने पर ऐसे स्मार्ट प्रोफेशनल्स को 10 से 12 लाख रूपए का सालाना पैकेज मिल सकता है। हालांकि इसके लिए आपको इस क्षेत्र का मल्टीटास्कर बनना होगा।
कार्यक्षेत्र :
इंस्टीट्यूट आॅफ मार्केटिंग कम्युनिकेशंस इंडिया(आईएमसीआई) के डायरेक्टर समर अब्बास के अनुसार, आज के समय में किसी भी कंपनी में डिजिटल मार्केटिंग स्पेशलिस्ट की बड़ी अहमियत होती है। ये मार्केटिंग टीम के अहम सदस्य होते हैं और इन्हीं पर डिजिटल मार्केटिंग कंटेंट को तैयार करने की जिम्मेदारी होती है। कंपनियों के लिए ये प्रोफेशनल वेब बैनर ऐड, ईमेल्स और वेबसाइट्स बना कर उनकी ब्रांडिंग करते हैं।
वे इंटरनेट और डिजिटल टेक्नोलॉजी के लिए मार्केटिंग कैंपेन तैयार करते हैं जिसे मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के जरिए प्रचारित व प्रसारित किया जाता है। इस क्षेत्र में काम करने वाले प्रोफेशनल्स की कम्युनिकेशन स्किल और इंटरनेट स्किल बहुत अच्छी होती है। इन्हें डायरेक्ट सेल्स और सभी डिजिटल मार्केटिंग प्लेटफॉर्म्स की भी अच्छी समझ होती है।
पर्सनल स्किल:
डिजिटल मार्केटिंग में सफल करियर बनाने के लिए सबसे जरूरी यह है कि आपको निरंतर अपने कौशल, मार्केटिंग व डिजिटल मीडिया के ज्ञान को बढ़ाना होगा। रचनात्मकता के अलावा आपको अच्छे तकनीकी कौशल की भी जरूरत होगी। तकनीकी कुशलता का मतलब यह है कि आपको वेब डिजाइन, सोशल मीडिया और वेब संबंधी सॉफ्टवेयर का अच्छा ज्ञान होना चाहिए और साथ ही नए-नए सॉफ्टवेयर्स से अपडेट रहना होगा।
इस काम में विश्लेषणात्मक कौशल, नेतृत्व कौशल व संचार कौशल भी अपेक्षित है। यहां आपको घंटों कंप्यूटर पर बैठने के लिए भी मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए। अगर फ्रीलांस कर रहे हैं तो प्रोजेक्ट डिलीवरी के हिसाब से घर पर भी घंटों, यहां तक कि देर रात तक भी सक्रिय रहना पड़ सकता है। 24 घंटे में कई बार साइट को अपडेट करने के लिए भी लगातार काम करना पड़ सकता है।
कोर्स व योग्यताएं:
डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आपको मार्केटिंग, आईटी, जनसंचार, विज्ञापन या सेल्स में डिग्री या डिप्लोमा की जरूरत होगी। कई संस्थान डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में पीजी डिप्लोमा और एग्जीक्यूटिव डिप्लोमा जैसे प्रोफेशनल कोर्स भी आॅफर कर रहे हैं। पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन डिजिटल मार्केटिंग में प्रवेश लेने के लिए अभ्यर्थी का ग्रेजुएट होना जरूरी है। जो युवा मार्केटिंग, मास कम्युनिकेशन या फिर ग्राफिक डिजाइन में ग्रेजुएट हैं, उनके लिए यह कोर्स और भी लाभदायक साबित हो सकता है।
आम तौर पर कोर्स के दौरान विद्यार्थियों को टारगेट मार्केट आइडेंटिफिकेशन, एडवर्टाइजिंग स्ट्रैटेजी, मार्केटिंग कैंपेन एनालिसिस, कम्युनिकेशन स्ट्रैटेजी, टेक्नोलॉजी, बेसिक मार्केटिंग कॉन्सेप्ट्स, सर्च इंजन मार्केटिंग, सर्च इंजन आॅप्टिमाइजेशन, सोशल मीडिया मार्केटिंग, सोशल मीडिया आॅप्टिमाइजेशन, ईमेल मार्केटिंग, कंटेंट राइटिंग आदि की जानकारी दी जाती है, ताकि प्रभावी तरीके से संदेश लोगों तक पहुंचाया जा सके।
प्रमुख संस्थान:
- इंस्टीट्यूट आॅफ मार्केटिंग कम्युनिकेशंस इंडिया, दिल्ली www.imciindia.org
- भारतीय विद्या भवन, नई दिल्ली www.bvbdelhi.org
- टीजीसी एनिमेशन एंड मल्टीमीडिया, नई दिल्ली www.tgcindia.com
- दिल्ली स्कूल आॅफ इंटरनेट मार्केटिंग नई दिल्ली http:dsim.in – प्रीतम सिंह