आज की युवा पीढ़ी और बच्चे सॉफ्ट ड्रिंक के इतने आदी बन चुके हैं कि उन्हें उनकी बुराई सुनना बिल्कुल पसंद नहीं। उनका बस चले तो हर भोजन के साथ उन्हें सॉफ्ट ड्रिंक चाहिए। सॉफ्ट ड्रिंक्स के विज्ञापनों से भ्रमित होकर हमारे बच्चों, किशोरों और युवाओं के जीवन में इसका प्रमुख स्थान बन चुका है। सॉफ्ट ड्रिंक मेहमानों को सर्व करना आज स्टेटस सिंबल बन चुका है। जो लोग इसे नहीं पीते, उन्हें हेय दृष्टि से देखा जाता है। इसे स्टेटस सिंबल मानते हुए हम अपने बच्चों को इसके सेवन के लिए मना नहीं करते। बच्चों की तो पहली पसंद है कोल्ड ड्रिंक्स।
इन पेय पदार्थों का हम बिना हिचक सेवन करते हैं और इनका क्या प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है, इसके बारे में हम जानना ही नहीं चाहते। आइए देखें कितने खतरनाक हैंं ये। इन्हें सॉफ्ट ड्रिंक हम इसलिए कहते हैं क्योंकि ये नॉन अल्कोहलिक होते हैं।
सॉफ्ट ड्रिंक्स में गैस (कार्बन डाइऑक्साइड) होती है, इसलिए ये कार्बोनेटेड ड्रिंक्स होते हैं।
क्या नुकसान पहुंचाते हैं
सॉफ्ट ड्रिंक्स में मुख्यत: दो प्रमुख तत्व होते हैं शुगर और फास्फोरस। इन दोनों की अधिकता शरीर के लिए नुकसानदेय है। इनके नियमित सेवन से मोटापा, हड्डियों का कमजोर होना, दांतों में सड़न पैदा होना, सिरदर्द बने रहना, आम समस्याएं हैं।
मोटापा
सॉफ्ट ड्रिंक्स में न्यूट्रीशनल वेल्यू जीरो होती है बस शुगर और कैलोरी की अधिकता होने के कारण इसके नियमित सेवन से शरीर पर अतिरिक्त चर्बी चढ़ती है। जंक फूड में शामिल होने के कारण इनका सेवन जब चाहे तब कर सकते हैं। इसके लिए परिश्रम की आवश्यकता नहीं पड़ती।
हड्डियों को कमजोर करते हंै
इसके अंदर कार्बन डाइऑक्साइड गैस मौजूद होती है जिसके कारण बच्चों की हड्डियों में कैल्शियम बाहर आता है और हड्डियां कमजोर होती हैं। सॉफ्ट ड्रिंक्स में फास्फोरस की अधिक मात्रा होने से भी कैल्शियम हड्डियों से बाहर निकलता है।
अनिद्रा
सॉफ्ट ड्रिंक्स में कैफीन की मात्रा अधिक होती है। इनके अधिक सेवन से बच्चों में अक्सर सिरदर्द, नींद न आने और चिड़चिड़ेपन की शिकायत बनी रहती है। अगर बच्चों की नींद पूरी नहीं होगी तो वे चिड़चिड़े रहेंगे ही।
दांतों के लिए असुरक्षित
कोल्ड ड्रिंक्स में शुगर और एसिड की बहुतायत के कारण दांतों को नुकसान पहुंचता है जिससे दांत सड़ने लगते हैं। कोल्ड ड्रिंक्स में जो एसिड होता है वो दांतों के रक्षा कवच को धीरे-धीरे खाने लगता है जिससे दांतों को नुकसान होता है।
इतना सब कुछ नुकसान होने पर सॉफ्ट ड्रिंक्स को बॉय कहना ही बेहतर है न कि कोलाहालिक बनना। अगर आप सब कुछ जानकर भी इन्हें नहीं छोड़ते तो भगवान ही मालिक है आपके स्वास्थ्य का।