भारत देश ही नहीं, अपितु पूरी दुनिया में कोरोना महामारी से चिंतित है। जनवरी में पहली राहत भरी खबर आई है कि देश में कोरोना का टीका लगना शुुुरु हो गया है।
वैक्सीन को मिली सरकारी मंजूरी के बाद हर कोई कोरोना महामारी से जल्द छुटकारा पाना चाहता है, देशवासी वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वैक्सीन की प्रमाणिकता एवं टीकाकरण जैसे कई सवाल लोगों के जेहन में गूंज रहे हैं। एम्स के डायरेक्टर डा. रणदीप गुलेरिया से इन्हीं का जवाब जानने की कोशिश की।
पेश है डा. रमेश ठाकुर द्वारा की गई बातचीत के मुख्य अंश:
वैक्सिनेशन को लेकर लोगों में कई तरह के सवाल हैं। जैसे कब और कैसे लगेगा टीका?
कोविशील्ड और कोवॉक्सिन का बीते 8-9 जनवरी को पूरे देश में वैक्सिनेशन ट्रायल फेस हुआ। केंद्र सरकार द्वारा दी गई दोनों वैक्सीनों का ट्रायल संपन्न हुआ है। इसके बाद जल्द ही देश के विभिन्न क्षेत्रों में टीका करण कार्यक्रम आयोजित होंगे। ड्रग कंट्रोलर जनरल आॅफ इंडिया और बॉयोटेक दोनों को अपने परीक्षण में सफलता मिली है।
अब दुविधा की कोई बात नहीं, एकाध दिनों की सरकारी प्रक्रियाओं के बाद वैक्सीन का सार्वजनिक तौर पर जारी कर दिया जाएगा। लोगों को ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं, पूरा कार्यक्रम सरकार बताएगी, उसी को फॉलो करते रहें।
टीका लगाते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होगा?
नॉमल रहें, टीका लगवाने के बाद ज्यादा नहीं, एकाध घंटे तक आराम जरूर करें। अगर कोई परेशानी महसूस हो, तो बिना देर करे उसी टीका सेंटर पर मेडिकल स्टाफ को सूचित करें। वैसे, डरने की कोई जरूरत नहीं, क्योंकि अपने यहां वैक्सीन को मंजूरी तब दी गई है, जब ड्रग्स कंट्रोलर जनरल आॅफ इंडिया ने इसके सुरक्षित और प्रभावी होने का अध्ययन कर लिया। वैक्सीन को मंजूरी देने के लिए स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल का पालन किया गया है।
सरकार ने किस तरह से खाका तैयार किया है कि सबसे पहले वैक्सीन किन्हें दी जाएगी?
टीका सबको दिया जाएगा। मुझे उम्मीद है, केंद्र सरकार ऐसा ही कार्यक्रम बनाएगी। अभी तक जो मुझे जानकारियाँ मिली हैं उनके मुताबिक पहले स्वास्थ्य कर्मियों, पैरामेडिकल स्टाफ और फ्रंटलाइन हेल्थ वर्करों को टीका लगाया जाएगा। इसके बाद बुजुर्ग या पचास वर्ष से ऊपर के कोरोना मरीजों को टीका दिया जाएगा। एम्स में भी एक टीका यूनिट लगाई गई है। उसमें दिल्ली वालों को टीका दिया जाएगा। कुल मिलाकर पोलियो की तरह जनजागरण के आधार पर टीका लगाने का काम होगा।
क्या पूर्व में जिन्हें कोरोना हुआ था उन्हें भी टीका दिया जाएगा?
जी हां, उन्हें भी टीका दिया जाएगा। क्योंकि ऐसे केस कई सामने आए हैं जिन्हें एक बार कोरोना हो जाने के बाद दोबारा हुआ। उनको भी टीका दिया जाएगा और उनको भी शेड्यूल पूरा करना होगा। टीका लेने से आपको बेहतर प्रतिरक्षा तंत्र विकसित करने में मदद मिलेगी। जो मरीज कैंसर, शुगर और हाइपरटेंशन की दवाएं खाते हों, वह भी टीका लगवा सकते हैं। ऐसे लोग हाईरिस्क ग्रुप में आते हैं। अन्य बीमारियों की दवाएं खाने वाले लोगों पर वैक्सीन गलत प्रभाव नहीं डालेगी।
क्या सभी को टीका लगवाना अनिवार्य होगा?
जी हां। मैंने पहले भी बताया आपको। कोरोना से लड़ने के लिए हमें पोलियो की तरह लड़ना होगा। इस वक्त कोरोना का जोर कुछ हल्का पड़ा है, फिर भी हमें सतर्कता बरतनी होगी। फिलहाल ये फैसला सरकार टीके के पहले-दूसरे चरण के बाद वैक्सीन की उपलब्धता को देखते हुए लेगी। वैक्सीन कम पड़ती है, तो और बनने के लिए आर्डर दिया जाएगा। इसके लिए दोनों टीका निर्माता कंपनी तैयार हैं। कोरोना वायरस वैक्सीन लगवाना वालंटरी है। हालांकि कोरोना वायरस वैक्सीन का शेड्यूल पूरा लेने की सलाह दी जाती है।
टीका लगवाने का तरीका क्या होगा?
देखिए, टीके के मुख्यता दो डोज होंगे। पहली लेन के 28 दिन का बाद लेनी आवश्यकता होगी। दोनों टीका लगवाना अनिवार्य होगा। वरना, असर नहीं होगा। क्योंकि कोरोना वायरस का दूसरा डोज लेने के दो हफ्ते बाद आमतौर पर शरीर में सुरक्षात्मक एंटीबॉडी विकसित हो जाती है। इसलिए जरूरी होगा कि किसी एक वैक्सीन का टीका लगवाने के बाद शेड्यूल पूरा किया जाए।
मुझे कैसे पता चलेगा कि मैं वैक्सीनेशन के लिए पात्र हूं?
शुरूआती चरणों में वैक्सीन प्रायोरिटी ग्रुप्स (30 करोड़ लोगों की पहचान की गई है) को दी जा रही है। इन लोगों को रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर सूचना दी जाएगी। जहां वैक्सीन लगेगी, उस प्राइमरी सेंटर से ही मैसेज आएगा। यह भी बताया जाएगा कि कब और कहां वैक्सीन लगाई जाएगी, ताकि लोगों के रजिस्ट्रेशन और वैक्सीनेशन में कोई दिक्कत न आए। सबसे पहले हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी।
क्या बिना रजिस्ट्रेशन के वैक्सीन लग सकेगी?
नहीं, ऐसा नहीं होगा। रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। जिस जगह पर वैक्सीन लगाई जाएगी, उसकी सूचना रजिस्ट्रेशन के बाद ही दी जाएगी। सरकार ने कोविन ऐप और प्लेटफॉर्म बनाया है, जो वैक्सीन की रियल-टाइम मॉनिटरिंग में टेक्निकल मदद करेगा। इस पर ही लोग वैक्सीनेशन कर सकेंगे।
साइड इफेक्ट होने की भी कुछ खबरें आई थीं?
ऐसी कोई खबरें प्रमाणिक नहीं हुई हैं। वैसे, कोरोना वैक्सीन से साइड इफेक्ट नहीं होगा। अगर होता भी है तो उसके दूसरे कारण रहेंगे। आमतौर पर बुखार में ली जाने वाली टेबलेट कोरोसीन से भी साइड इफेक्ट हो जाता है। बुखार और शरीर में हल्का दर्द होने लगता है। फिर भी केंद्र सरकार ने ऐसे हालातों से निपटने के लिए राज्य सरकारों को सतर्क रहने को कहा है। वैसे, ड्रग रेगुलेटर ने वैक्सीन के क्लिनिकल डाटा का परीक्षण किया और गहन अध्ययन के बाद कंपनी को आपात स्थिति में इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी गई।
सरकार की ओर से क्या गाइड लाइन दी जाएंगी?
शुरू में वैक्सीन को लक्षित समूहों को दी जाएगी। लोगों के फोनों में बाकायदा मैसेज आएगा, जिसके जरिए उन्हें टीका सेंटर और समय की जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी। लेकिन यह प्रक्रिया रजिस्ट्रेशन से होगी। सेंटर में पहले अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। बिना पंजीकरण के टीका नहीं लगाया जाएगा।
अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों को अस्पताल से ही मुहैया कराया जाएगा। आम लोगों को टीके के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, हेल्थ इंश्योरेंस स्मार्ट कार्ड, पैन कार्ड, पास बुक, पासपोर्ट, सर्विस आईडी कार्ड या वोटर कार्ड दिखाना होगा। जिनके पास ये कागज नहीं होंगे, उनका वेरिफिकेशन किया जाएगा। एक क्यूआर कोड दिया जाएगा, जिसे टीका सेंटर पर दिखाना होगा। क्योंकि उस कोड से टीका एक्सिस होगा।
एक वर्ग ऐसा भी है जिसमें टीके को लेकर भ्रम की स्थिति है?
अल्पसंख्यकों की बात कर रहे हैं शायद आप। देखिए, उन्होंने पोलियो के वक्त भी विरोध किया था। अतंता उन्होंने अपनाया और उसका लाभ भी उठाया। वैक्सीन पूर्ण रूप से सुरक्षित है। सभी लगवाएं और कोरोना से मुक्ति पाएं।