mobile blood bank Sachi Shiksha Hindi

आपने चलता-फिरता अस्पताल तो बहुत सुना होगा, लेकिन कभी चलता-फिरता ब्लॅड बैंक नहीं सुना होगा। जी हां, दुनियाभर में एक ऐसा ब्लॅड बैंक भी है जो खुद चलकर मरीज के पास पहुंचता है। यहां बात हो रही है डेरा सच्चा सौदा की, यहां के सेवादारों की, समाज के प्रति उनके नजरीये, जो अन्य बातों की परवाह किए बिना तुरंत मरीज को खून देने के लिए पहुंच जाते हैं।

दुनिया भर में रक्तदान के क्षेत्र में कई कीर्तिमान स्थापित करने वाले डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों को स्वयं पूज्य गुरू संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने चलते-फिरते ब्लॅड बैंक की संज्ञा प्रदान की है। वाकई में सेवादारों का रक्तदान के प्रति जज्बा कमाल का है।

ये लोग कभी यह नहीं देखते कि मरीज किस धर्म, किस जात या पात का है, इनका मकसद सिर्फ एक ही होता है कि खून की कमी से मरीज की जान नहीं जाने देनी।

ये ऐसे सेवादार हैं जो जरूरत पड़ने पर हजारों किलोमीटर का सफर कर भी रक्तदान करने के लिए पहुंच जाते हैं।

पूज्य गुरु जी ने रक्तदान को महादान बताते हुए अनुयायियों में रक्तदान के प्रति बेमिसाल जज्बा भरा है। उनकी पावन प्रेरणा से 119669 अनुयायी नियमित रक्तदान के लिए फार्म भर कर संकल्प कर चुके हैं, जो इस महादान के लिए हर वक्त तत्पर रहते हैं।

आमतौर पर देखा जाता है कि अनुयायियों के द्वारा हर रोज कहीं न कहीं रक्तदान करके इन्सानियत का फर्ज निभाया जा रहा है। कहीं वो घायलों के लिए और कहीं गर्भवती महिलाओं के लिए रक्तदान करके उनकी मदद कर रहे हैं। वहीं अनुयायियों की ओर से थैलिसिमीया के मरीजों के लिए नियमित रक्तदान किया जा रहा है,

Also Read:  Sir Dard Ke Karan Kyu Hota Hai in Hindi: अनेक कारण होते हैं सिर दर्द के

जो अनुकरणीय है। यह मुहिम पूरे देश में ही नहीं, ब्लकि विदेशोें में भी चलाई जा रही है। डेरा सच्चा सौदा की ओर से रक्तदान के क्षेत्र में किए जा रहे इस अतुल्य योगदान के लिए ‘गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकार्ड्स’ की ओर से 3 बार सम्मानित किया जा चुका है। -सच्ची शिक्षा डेस्क

रक्तदान कौन कर सकता

  •  स्वास्थ्य सामान्य होना चाहिए तथा उम्र   18 साल से 60 साल के बीच होनी चाहिए।
  • वजन 50 किलोग्राम या इससे अधिक होना चाहिए।
  • हीमोग्लोबिन का स्तर 12 .5 जीएम/डीएल से अधिक होना चाहिए।
  • दिल की धड़कन 50 से 100 के बीच होनी चाहिए, जो नियमित हो।

ब्लड प्रेशर सामान्य होना चाहिए।

  • सर्दी, खांसी, बुखार आदि व अन्य किसी भी प्रकार की बीमारी न हो।
  • पिछली बार रक्तदान किये तीन महीने हो जाने चाहिए।

रक्तदान क रके  अगर कि सी की जान बचाई जा सक ती है, तो यह बहुत पुण्य क ा क ाम है। मानवता के  नाते मनुष्य क ो रक्तदान क रना चाहिए। रक्त दान क रने से शरीर में क ोई क मजोरी नहीं आती, बल्कि पहले क ी अपेक्षा अच्छा रक्त बनता है और शरीर में ताजगी महसूस होती है।’’

पूज्य गुरु  संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां।

वर्ल्ड ब्लड डोनर डे पूरे विश्व में ङं१’ छंल्ल२ि३ी्रल्ली१ के जन्म दिन (14 जून 1868) के मौके पर मनाया जाता है, जोकि एक आॅस्ट्रियन बॉयोलॉजिस्ट और फिजीशियन थे। उन्होंने ही ब्लड गु्रप सिस्टम की खोज कर उनका क्लासीफिकेशन किया था। वर्ल्ड ब्लड डोनर डे की शुरुआत 2004 में डब्ल्यूएचओ, इंटरनेशनल फेडरेशन आॅफ रेड क्रॉस और रेड क्रीसेन्ट सोसाइटीज की पहल पर लोगों को जागरूक करने के इरादे से हुई थी।

Also Read:  मुद्रा योजना से युवा संवार रहे अपनी तकदीर

डेरा सच्चा सौदा के नाम रक्तदान के रिकार्ड

  • 7 दिसम्बर 2003 क ो 8 घंटों में सर्वाधिक 15,432 यूनिट रक्त दान।
  • 10 अक्त ूबर 2004 क ो 17921 यूनिट रक्त दान।
  • 8 अगस्त 2010 को मात्र 8 घंटों में 43,732 यूनिट रक्त दान।

सच्ची शिक्षा हिंदी मैगज़ीन से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें FacebookTwitter, Google+, LinkedIn और InstagramYouTube  पर फॉलो करें।

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here