हिंदू धर्म में शहद को पंचतत्वों में से पांचवां तत्व माना जाता है-दूध, घी, दही, चीनी और शहद। अंग्रेजी में शहद को ‘हनी‘ कहा जाता है। सारे संसार में शहद का खूब प्रयोग किया जाता है। शहद में प्रोटीन की मात्र कम होती है क्योंकि इसके मैले रंग को दूर करने के लिए इसे कई बार फिल्टर किया जाता है।
Honey Benefits शहद का रंग मधुमक्खियों के आहार पर निर्भर करता है और स्वाद मधुमक्खियों द्वारा विभिन्न फूलों से लिए गए पराग पर निर्भर होता है।
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शहद दवा के रूप में
शहद एक शक्तिशाली टॉनिक है। Honey Benefits एक चम्मच शहद पीने से व्यक्ति को दस मिनट से कम समय में ऊर्जा प्राप्त होती है। शहद उन लोगों को प्रतिदिन अवश्य लेना चाहिए जो शारीरिक श्रम करते हैं और थकान अधिक महसूस करते हैं। शहद को कभी खाली पेट नहीं लेना चाहिए। यदि सुबह खाली पेट लेना भी हो तो उसमें पानी मिलाकर पतला कर लेना चाहिए। खाली पेट शहद लेने से पेट दर्द की शिकायत हो सकती है।
शहद का नियमित सेवन अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने में सहायक होता है।
- शहद रोग प्रतिरोधक शक्ति का विकास करता है। शहद पानी के अतिरिक्त दूध, मलाई, मक्खन के साथ भी लिया जा सकता है। तेज मस्तिष्क के लिए बादाम रात को भिगोकर रखें और सुबह छिलका उतार कर दो चम्मच शहद के साथ खाएं। यह एक ‘मस्तिष्क टॉनिक, है।
- शहद सर्दी एवं खांसी में प्रभावी ढंग से काम करता है। बच्चों में प्रारंभ से ही शहद लेने की अच्छी आदत डालनी चाहिए। दूध में मिठास हेतु चीनी के बजाय शहद मिला कर देना चाहिए। शहद का सेवन चीनी के सेवन से अधिक स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है। गले के शोधन हेतु गरम दूध के साथ शहद लेना चाहिए। खांसी में शहद, अदरक का रस, नींबू का रस मिला कर लेना चाहिए। ऐसे में शहद की मात्रा अदरक और नींबू रस से तीन चार गुना अधिक होनी चाहिए। एक कप खौलते पानी में एक दो चम्मच शहद गरम गरम पीने से दमा के रोगियों को काफी आराम मिलता है और वे तरोताजा महसूस करते हैं।
- वजन कम करने के लिए शहद उपयोगी माना जाता है। शहद लेने से चरबी जलने की क्रि या तेज हो जाती है जिससे शहद चरबी को कम करता है। शहद गैस पैदा नहीं करता। चक्कर आने की स्थिति में और मिचली वाले रोगियों के लिए 1/2 चम्मच अदरक का रस, आधा चम्मच नींबू का रस, एक चम्मच शहद मिला कर लेना चाहिए जो लाभकारी सिद्ध होगा। बुखार के बाद पाचन क्रि या गड़बड़ा जाती है। ऐसे में शहद ऊर्जा प्रदान करता है।
- बच्चों को शहद कई रूप में फायदा पहुंचाता है। छोटे शिशुओं को शहद चटाने से स्वस्थ दांत और मजबूत अंगों का विकास होता है। जो बच्चे बिस्तर पर पेशाब करते हैं उन्हें शहद नियमित देने से विशेष प्रभाव होता है। अनीमिया के रोगियों को शहद का सेवन अमृत समान है। यह रक्त में हीमोग्लोबीन तथा आयरन का उचित संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है।
सुंदरता और अच्छे रंग रूप के लिए
नियमित रूप से शहद के सेवन से रंग रूप में निखार आता है। मध्यम आकार के एक नींबू के रस के साथ एक चम्मच शहद प्रतिदिन सुबह नाश्ते से पहले लेने से रंग रूप साफ रहता है और वजन कम करने में भी सहायता मिलती है। शहद लोशन भी घर पर बनाया जा सकता है। यह लोशन त्वचा को सुंदर बनाने के साथ उसे ताजा रखता है और उसका पोष्ऋण भी करता है।
यह लोशन दो चम्मच छने हुए शहद में एक चम्मच बादाम का तेल मिलाकर तैयार किया जाता है।
- चेहरे और गर्दन की त्वचा को पहले अच्छी तरह साबुन से साफ कर लें। उसके बाद यह लोशन चेहरे, गर्दन, बाजू और हाथों पर अच्छी प्रकार लगाएं। आधे घंटे बाद इसे गुनगुने पानी से धोकर नरम, मुलायम कपड़े से साफ कर लें। कुछ दिनों में त्वचा में निखार आ जाएगा। सप्ताह में एक बार इसका प्रयोग किया जा सकता है।
- साफ सुथरे रंग के लिए शहद का मास्क चेहरे पर लगायें। एक चम्मच शहद, एक चम्मच आटा, कुछ बूंदें गुलाब जल की मिला कर पेस्ट तैयार कर लें। चेहरे और खुली त्वचा पर आधे घंटे तक इस लेप को सावधानीपूर्वक लगाएं। आधे घंटे बाद ठंडे जल से त्वचा को धो लें। यह मास्क एक माह तक सप्ताह में दो बार लगा सकते हैं।
- इस प्रकार शहद मनुष्य को विविध रूप में लाभ पहुंचाता है। इसके अलावा ऊर्जा प्रदान कर एक मूल्यवान वस्तु के रूप में काम करता है।
-सुनीता गाबा