सूर्य गर्मी उगल रहा है, House Cool जिससे घर प्रचंड गर्मी के वेग में तप रहे हैं । यह तपन दो प्रकार से हो रही है। क्योंकि एक तो सूर्य की गर्मी ने बुरा हाल कर रखा है और दूसरा घर में पड़ी हर वस्तु भी आग से तप रही है और ऐसे दौर में तो ए.सी., कूलर व फ्रिज वगैरह इस्तेमाल किए जाने वाले जरूरत के सामान अपनी गर्मी से आग में घी डालने वाला काम कर रहे हैं।
इस प्रकार घर में गर्मी का ऐसा माहौल जी का जंजाल बन जाता है। जब लाईट चली जाती है, तो इस जंजाल में हर किसी का दम घुटने लगता है। फिर हर कोई इससे बचने के उपाय ढूंढने लगता है। तब हम प्राकृतिक साधनों की ओर देखने लगते हैं। तो क्यों न हम ऐसे वक्त से बचने के लिए पहले ही कुछ ऐसे प्राकृतिक तरीके अपनाएं, जिनसे घर भी ठंडा रहे और खर्चा भी बच जाए।
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क्या ऐसा संभव है? आइए विचार करते है
गर्मी से लोगों के घर भी भभकने लगते हैं, जिनके पास गर्मी से निपटने के लिए साधन हैं या फिर जो साधन सम्पन्न हैं, उनके लिए गर्मी कोई बड़ी बात नहीं, लेकिन जिनके पास साधन नहीं है, उनके घरों को गर्मी से बचाने के लिए कुछ उपाए किए जाने जरूरी हैं, ताकि वे भी गर्मी का आनन्द लें न कि उससे डरें। साथ ही क्यों न इस गर्मी में थोड़ी लाइट बचाई जाए और प्राकृतिक रूप से अपने घर को ठंडा रखा जाए। ऐसे में थोड़ा और ध्यान दिया जाए तो इन गर्मियों में आपका आशियाना कूल-कूल बना रहेगा।
छत पर करें सफेद पेंट House Cool
सीमेंट-कंक्रीट की छतों से बने घर तेज गर्मी से भट्टी की तरह तपने लगते हैं। गर्मी के दिनों में इनमें देर रात को भी बैठना मुश्किल हो जाता है। सीमेंट-कंक्रीट के ये निर्माण शहरों को ‘हीट आईलैंड’ में तब्दील कर रहे हैं। घरों को ठंडा रखने की सस्ती और कामयाब तकनीक बताते हुए नासा ने छतों को सफेद पेंट करने का उपाय सुझाया है।
हालांकि भारत में बहुत से लोग इस तकनीक को आजमा रहे हैं। इस तकनीक से न केवल शहरों में बने सीमेंट-कंक्रीट के घरों का तापमान कम किया जा सकता है बल्कि ग्लोबल वॉर्मिंग पर भी कुछ हद तक काबू पाया जा सकता है। नासा (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस ढडमिनिस्ट्रेशन) के वैज्ञानिकों का कहना है कि छतों पर सफेद पेंट या चूनायुक्त सफेद सीमेंट लेप लगाकर इसके प्रभाव में 70 से 80 प्रतिशत तक की कमी लाई जा सकती है। सफेद रंग रिफ्लेक्टर का काम करता है।
सफेद छत ही क्यों? House Cool
छतों को गर्म होने से बचाने के लिए सोलर रेडिएशन से बचाव जरूरी है। वैज्ञानिकों के अनुसार डार्क रंग रेडिएशन के अधिक भाग को अवशोषित कर लेते हैं। सीमेंट से बने छतों का रंग भी गहरा होता है। यदि छतों को सफेद कर दिया जाए, तो सोलर विकिरण परावर्तित होकर वापस स्पेस में चले जाते हैं। इससे वायुमंडल के तापमान पर भी फर्क नहीं पड़ता।
सफेद छत के और भी फायदे
भवनों का तापमान कम होने से ठंडा करने के उपायों में कम बिजली खर्च होगी। जिससे वातावरण में कार्बन गैसों के उत्सर्जन में कमी आएगी। कम बिजली का मतलब है दिनों-दिन महंगी होती बिजली की दरों से भी आम लोगों की बचत हो सकेगी।
रिफ्लेक्टिंग पेंट से बने छत
अगर आपका घर टॉप फ्लोर पर है तो छत भी आपके घर को गर्म कर देती है। इसके लिए छत को ठंडा रखने का उपाय आपको करना होगा। संभव हो तो छत बनवाते समय ही छत को रिफ्लेक्टिंग कोटिंग कर दें। इसके लिए बाजार में पेंट कंपनियां खासतौर पर इलास्टिक पेंट बनाती हैं, जिन्हें सीधे छत पर लगाया जाता है। यह सूरज की रोशनी को न सिर्फ रिफ्लेक्ट करता है, बल्कि छत को गर्म होने से बचाता है। खास बात यह है कि अच्छी कंपनी के रिफ्लेक्टिव पेंट कम से कम 6-7 साल आराम से काम करते हैं।
बोरे फैलाकर पानी डालें House Cool
घर के अंदर घुसने वाली गर्मी का 50 प्रतिशत से अधिक भाग छत के माध्यम से होता है। इसलिए छत के ऊपर खाली बोरे फैलाकर उन पर पानी छिड़कते रहने से घर के भीतर आने वाली गर्मी को कम किया जा सकता है। इसके दो फायदे हैं:- पहला, पानी के वाष्पीकरण से घर ठंडा होगा। दूसरा, बोरों के कारण छत धूप के सीधे आघात से बची रहेगी। यदि गर्मियों में आप छत का अधिक उपयोग नहीं करते हैं तो उसके फर्श और दीवारों पर चूना लगवा दें। इससे छत सफेद हो जाएगी और वह सूर्य किरणों को परावर्तित कर देगी।
कांच का प्रयोग करें कम
र्इंट की दीवारों की तुलना में कांच की सतहों से 20 गुना अधिक गर्मी घर के अंदर घुसती है। आजकल घरों में आने वाली कुल गर्मी का आधा हिस्सा उनके कांच वाले हिस्सों से आता है। इसलिए मकान बनाते समय ही कांच वाले हिस्सों को सीमित करने और उन्हें सही स्थानों पर लगाने की ओर विशेष ध्यान दें।
कांच वाले हिस्से मकान के उत्तर और दक्षिण भागों में ही होने चाहिएं, जहां सीधी धूप नहीं लगती। पूर्व और पश्चिम दिशा की दीवारों पर कम से कम खिड़की व दरवाजे रखें। यदि इन दिशाओं में खिड़की-दरवाजे रखने हों, तो उनमें कांच का कम से कम प्रयोग करें।
प्राकृतिक रूप से रखें ठंडा
- शयनकक्ष में बेड कवर आदि के रंग हल्के होने चाहिए। हल्के नीले और हरे रंग सौम्य रहते हैं, जबकि गुलाबी और लाल रंग गर्मी बढ़ाते हैं।
- यदि कमरे में कालीन बिछा हो तो उसे एयर कंडीशनर ना होने पर, हटा देना चाहिए। क्योंकि कालीन गर्मी बढ़ाता है। खाली फर्श ठंडा रहता है और गर्मी के दिनों में नंगे पैर खाली फर्श पर चलना अच्छा लगता है।
- यदि कमरे में कूलर है तो एक खिड़की जालीदार होनी चाहिए, जिससे कि ताजी हवा भी कमरे में आ सके। कूलर चलने पर क्रास वेंटीलेशन होने से कमरा ठंडा रहता है।
- कूलर में पानी भरने से पहले कूलर पैड को साफ कर लें, ताकि वो पानी सही से सोखे और कमरा ठंडा बना रहे।
- सुबह-शाम घर की छत पर पानी से भीगी हुई टाट रखें। इससे घर की दीवारों का तापमान कम रहेगा।
- ठंडक के लिए खस की टाट को पानी से भिगो कर टांगने से घर को शीतल बनाया जा सकता है।
- किसी टब या बाल्टी में पानी भरकर कमरे में रखें, इस पानी से पंखे की हवा टकरा कर घर को ठंडा करेगी।
- यदि आपके घर पर बहुत अधिक धूप लगती है, तो घर के चारों ओर पेड़ लगाने पर विचार करें। पेड़ों का चुनाव करते समय इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि आप गर्मियों की तेज हवाओं से बचने के लिए पेड़ लगाना चाहते हैं या छाया के लिए।
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