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अड़ें नहीं, मिल कर चलें

विवाह के उपरांत लड़के लड़की दोनों की जिंदगी में बहुत बदलाव आ जाता है।

  • जिम्मेदारियां,
  • काम,
  • नौकरी,
  • संबंध,
  • रिश्ते आदि इन सब को निभाने के लिए बहुत धैर्य की आवश्यकता होती है।

अगर कभी धैर्य खोने लगे और उसे लगाम न दी गई, तो शादीशुदा जिंदगी को हिचकोले लेने में समय नहीं लगता।

फिर उस हिचकोले लेती नाव को संभालना मुश्किल हो जाता है और कभी-कभी तो दोनों के बीच दूरी इतनी बढ़ जाती है कि उसे पाटना मुश्किल हो जाता है।

इस तनाव भरे लाइफस्टाइल के बीच अपनी शादीशुदा जिंदगी को महफूज बना कर रखना एक चुनौती है जिसे स्वीकारते हुए आपने आगे बढ़ना है।

ऐसे में कुछ अनचाही परिस्थितियों से बचने के लिए हमें ध्यान देना चाहिए कुछ टिप्स पर:-

  • कभी-कभी छोटी-छोटी बातें इतनी खीज पैदा कर देती हैं कि अगर बाद में शांति से सोचा जाए तो लगता है बेकार में इस बात के लिए उलझे थे हम। छोटी छोटी बातें जैसे लाइट खुली छोड़ दी, टूथपेस्ट का ढक्कन खुला छूट गया, झूठे बर्तन रसोई की स्लैब पर रख दिए, फ्लश में पानी छोड़ना भूल गए आदि खीज भरी बातें कभी-कभी इतनी बड़ी हो जाती हैं कि आपसी मधुर रिश्ते दांव पर लग जाते हैं। अगर इन्हें बड़ा इशू न बनाया जाए तो मामला ठीक रहता है और रिश्ते कूल बने रहते हैं।
  • छोटी-छोटी शापिंग, अगर कोई पार्टनर अपनी खुशी के लिए करे और अधिक पैसों का नुक्सान भी न हो तो उसे फालतू में टोका टाकी कर संबंध खराब न करें। अगर फालतू खर्च भी करें और अनावश्यक वस्तुएं खरीदी जाएं तो प्यार से बात करें। बड़ी खरीदारी व बड़े फैसले पहले से तय करें। दोनों मिलकर फैसले लें। पाटर्नर को इग्नोर न करें।
  • अगर छोटी-छोटी बातों पर खीजना किसी भी पार्टनर का कम न हो रहा हो तो मैरिज काउंसलर की मदद लें क्योंकि उनका समझाने का तरीका ऐसा होता है कि सोच सकारात्मक होने लगती है।
  • क्वालिटी टाइम साथ बिताएं, यह सफल विवाह की कुंजी है। उस समय कोई नाराजगी, किसी रिश्तेदार या संबंधियों का गिला शिकवा न हो। बस आप दोनों हेल्दी बातें करें या अपने अच्छे दिनों को याद कर अपने आप को गुदगुदाएं, रिश्तों में मिठास और बढ़ जाएगी। एक दूसरे के अच्छे गुणों को सामने लाएं और प्रशंसा करें।
  • अगर आप किसी बात पर असहमत हैं तो अपना पक्ष विवेक और प्यार से स्पष्ट करें। पार्टनर को अपना पक्ष बताने का आपको पूरा अधिकार है। अगर फिर भी बात न बने तो जबरदस्ती सहमति न दिखाएं, बल्कि स्पष्ट करें कि मुझे यह ठीक नहीं लगता, फिर भी आप को जो उचित लगे, करें।
  • ईगो को दरकिनार कर अपनी गलती स्वीकार करें, इससे संबंध सुधरेंगे। पार्टनर भी अपनी गलती को स्वीकारने में शर्म महसूस नहीं करेगा।
  • अपने जीवन में स्पर्श और प्यार रिश्तों को मधुर बनाए रखने के दो औजार हैं, जोकि अक्सर शादी के कुछ सालों बाद गुम होने लगते हैं, ऐसा न होने दें।
  • अपने पार्टनर को बदलने की कोशिश न करें, बल्कि अपने व्यवहार से उसे दिखलाएं कि आप कितने एडजस्टिंग हैं या प्यार से उसे अपना संदेश दें कि आप क्या चाहते हैं क्योंकि जबर्दस्ती बदलने की कोशिश से पार्टनर अपने को दबाव में महसूस करता है। अपनी बातें उस पर जबर्दस्ती न थोपें। – नीतू गुप्ता

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