Secrets of healthy married life

हैल्दी मैरिड लाइफ के सीक्रेट्स Secrets of healthy married life

आज की फास्ट लाइफ का प्रभाव जिंदगी और रिश्तों पर कुछ ऐसा पड़ा है कि पूरा माहौल ही बदल गया है। लोगों की सोच बदल गई है। सिंसियरिटी भी अब कम ही देखने को मिलती है। सब को अपनी ही पड़ी रहती है। ऐसे में क्या आश्चर्य कि शादी जैसा अहम रिश्ता भी अब स्वार्थ के आगे उतना अहम नहीं रह गया। तलाक की बढ़ती संख्या चौंकाने वाली है। हर तीसरे चौथे घर में यही सुनने को मिलेगा कि पति पत्नी में नहीं पटी, नतीजन वे अलग हो गये। Secrets of healthy married life

आखिर देखभाल कर, जांच परख कर शादी करने के बाद भी क्यों नहीं पति पत्नी प्यार से रह पाते हैं। एक खूबसूरत जिंदगी को शादी और भी खूबसूरत बनाती है। लेकिन शादी एक जिम्मेदारी भी है। अपने रिलेशन हैल्दी रखने के लिए कुछ मूलभूत बातों को फालो करना जरूरी है। कुछ सीक्रेट्स हैं, जिन्हें अगर जान लें तो टकराव के चांसेज कम हो जाएंगे।

सबसे जरूरी बात है कमिटमेंट

यह मैरिड लाइफ का आधार माना जा सकता है। एक दूसरे का हर हाल में साथ निभाने का वादा ही इस बंधन को मजबूती प्रदान करता है। आपसी विश्वास बनाये रखता है। अगर कमिटमेंट ही न हो तो शादी लिव इन रिलेशन बन कर रह जाएगी।

पति गृहकार्यों में मदद करें

आज जब महिलाएं घर बाहर दोनों फ्रंट पर काम कर रही हैं, उन पर वर्कलोड भी बढ़ गया है। ऐसे में जरूरी है कि पुरूष भी गृहकार्यों में मदद करें। इससे उनमें प्यार बढ़ेगा। पत्नी को लगेगा कि पति उसकी केयर करते हैं और घर में शांति रहेगी।

दोनों अपनी ड्यूटी निभाएं

मैरिड लाइफ को कामयाब बनाने हेतु पार्टनर्स को अपनी ड्यूटी का अहसास होना चाहिए। केवल अधिकार ही जानने भर से काम नहीं चलेगा। किसी भी बड़ी समस्या का समाधान करना दोनों का फर्ज है। इसी तरह अपने रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए छोटी छोटी बातों से अपने प्यार का इजहार कर रोजमर्रा के जीवन में खुशियां लाना भी इस रिश्ते की कामयाबी का सीक्रेट है।

बहुत आशाएं ठीक नहीं

यह तो नहीं कहा जा सकता कि आप अपने लाइफ पाटर्नर से किसी भी तरह की कोई आशा ही न करें। आखिर जो सबसे क्लोज होगा, उससे ही तो आशा की जाती है। लेकिन ध्यान रहे कि यह सीमा में हो और संभव भी हो। कोई भी व्यक्ति पूरी तरह आदर्श व्यक्ति नहीं हो सकता, यह सब जानते हैं। एक दूसरे की ग्रोथ में मदद करें, यही बड़ी बात है। कुछ कमियों को नजरअंदाज कर स्वीकृत मान कर चलने में ही भलाई है।

कम्युनिकेशन ब्रेकडाउन की स्थिति न आए

होता क्या है, गरमागरम बहस झगड़े के बाद कई बार दोनों पार्टनर्स में अबोला रहने लगता है। यह झगड़े का हल नहीं है। इससे तो गलतफहमियां और बढ़ेंगी। बातचीत बंद नहीं होनी चाहिए। अगर कोई बात आपको कचोट रही है तो अंदर ही अंदर न घुटें बल्कि कूल रहकर सभ्यतापूर्ण तरीके से अपनी बात कहें। अक्सर कपल्स के बीच दूरियों का कारण कम्युनिकेशन गैप ही होता है। रिश्ता जोड़े रखना है तो खामोश न रहें, अपनी बात जरूर कहें पर तरीके से कहें, एक्यूजिंग टोन में तो कभी नहीं।

संस्कारी मन

अच्छे संस्कार होंगे तो शादी को पवित्र बंधन मानकर ही चलेगा मैरिड कपल। जरा-जरा सी बात पर वे एक दूसरे को तलाक की धमकियां नहीं देंगे। न ही वे तेरा मेरा करते हुए अपने बैंक अकाउंट अलग मेंटेन करेंगे।

रिसर्च से पता चलता है कि नैतिक मूल्यों को तरजीह देने वाले संस्कारी कपल आसानी से जुदा नहीं होते। उनके साथ रहने की संभावना ज्यादा रहती है। उनकी पॉजिटिव सोच आपसी विश्वास को टूटने नहीं देती। पति को भले वे परमेश्वर न मानें लेकिन संस्कारी पत्नी उसे आदर सम्मान जरूर देती है। इसी तरह पति भी उसे गुलाम न समझ घर की मालकिन, होम मिनिस्टर मानकर चलता है। -उषा जैन ‘शीरी’

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