'Seed' campaign will reconnect broken relationships in the society will keep 2 hours digital fast everyday

समाज में बिखरते रिश्तों को फिर से समेटेगी ‘सीड’ मुहिम, साध-संगत प्रतिदिन रखेगी 2 घंटे का डिजिटल व्रत
-नई मुहिम: 146 वां भलाई कार्य

  • सायं 7 बजे से रात 9 बजे तक मोबाइल फोन और टीवी से बनाएंगे दूरी, परिवार के साथ बिताएंगे यह वक्त

डिजिटल फास्ट के साथ सामाजिक और आध्यात्मिक आत्म जीवन संवर्धन और समृद्धि (Social & Spiritual Self Life Enrichment & Enhancement With Digital Fast) यानी ‘सीड’ मुहिम के जरिये डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने समाज में विघटित हो रहे परिवारिक रिश्तों को बचाने के लिए नया कदम उठाया है।

आज डिजिटल का जमाना है, लेकिन इस आधुनिक टेक्नोलॉजी में बढ़ती व्यस्त्ता इन्सानी जीवन में बिखराव का कारण बन रही है। सोशल मीडिया, जैसे फेसबुक, गूगल और वटसएप जैसे फीचर पर दिनभर इन्सान मोबाइल से चिपका रहता है, जिसका दुष्प्रभाव दाम्पत्य जीवन पर पड़ रहा है। मोबाइल के बढ़ते इस्तेमाल से घर में सन्नाटा छाया रहता है। जीवनसाथी एक-दूसरे के लिए वक्त नहीं निकाल पाते, बच्चे संस्कारों से वंचित हो रहे हैं।

समाज में इस बदलाव की नब्ज पकड़ते हुए पूज्य गुरु जी ने पावन अवतार दिवस के शुभ अवसर पर 146वें मानवता भलाई कार्य के तहत ‘सीड’ यानी सोशल एंड स्पिरिचुअल सेल्फ लाइफ एनरिचमेंट एंड एनहांसमेंट विद डिजिटल फास्ट कैंपेन शुरू किया है। इस मुहिम के तहत डेरा सच्चा सौदा के करोड़ों श्रद्धालु रोजाना दो घंटे (शाम को 7 से 9 बजे तक) मोबाइल व टीवी से दूरी बनाकर रखेंगे। यही दो घंटे का वक्त वे अपने परिवार के सदस्यों के साथ व्यतीत करेंगे, उनसे बातचीत और विचार-विमर्श करेंगे, जिससे आपसी रिश्तों में विश्वास बढ़ेगा और नई ऊर्जा के साथ जीवनयापन होगा। साध-संगत ने हाथ उठाकर इस मुहिम में शामिल होने और इसे सफल बनाने का संकल्प लिया।

पूज्य गुरु जी ने संगत को इस मुहिम के बारे में समझाते हुए फरमाया कि यह एक प्रकार से डिजिटल व्रत होगा। अगर आप दो घंटे मोबाइल व टीवी से दूर रहेंगे तो कोई आफत नहीं आने वाली और इन दो घंटे को आप अपने परिवार को देंगे तो परिवार में बहार जरूर आएगी। क्योंकि आज के समय में सभी मोबाइल में इतना व्यस्त हो गए, जिससे हमारी संस्कृति खत्म हो गई। इसलिए परिवार को समय देना बहुत जरूरी है।

कलाकारों ने पेश की सांस्कृतिक झलक

पावन अवतार दिवस के शुभ अवसर पर करोड़ों लोग आॅनलाइन कार्यक्रम से भारत की गौरवशाली संस्कृति से रूबरू हुए। कार्यक्रम की शुरूआत में प्रसिद्ध लोकगायक गुरप्रीत इन्सां ने जुगनी गाकर सुनाई। इसके उपरांत राजस्थान के कलाकारों ने राग मल्हार में ‘म्हारा सतगुरु आंगन आया मैं बलिहारी जाऊं रे’ लोकगीत पर भव्य प्रस्तुति दी। सुरंदा और कमाइचा जैसे पुरातन वाद्यों से यह प्रस्तुति बेहतरीन साबित हुई।

इसके बाद सत्य घटनाओं पर आधारित वन एक्ट प्ले ‘मैं क्यों ना जाऊं सच्चे सौदे’ में शाह सतनाम जी शिक्षण संस्थानों के युवाओं ने समां बांध दिया, जिसमें दिखाया कि कैसे डेरा सच्चा सौदा से जुड़कर उन लोगों की जिंदगी बदल गई। पंजाब के कलाकारों ने मलवई गिद्दा, बोलियों, लोकनृत्यों और गीतों से विरासत के स्वर्णिम दौर को फिर से जीवंत कर दिखाया। वहीं हरियाणवी कलाकारों ने हरि की धरती ‘हरियाणा’ की उस साफ-सुथरी संस्कृति से रूबरू करवाते हुए ‘बाबू तू सै बड़ा बिंदास’ सुनकर संगत का दिल जीत लिया।

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