कांस्य का चौका -विश्व चैंपियनशिप: पेंटाथलॉन बायथल/ट्रायथल में शाह सतनाम जी गर्ल्ज़ स्कूल की रही धूम Shah Satnam Ji Girls School
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तैराक रिया का उम्दा प्रदर्शन
- पहला कांस्य: बायथल मिक्स्ड रिले (तैराकी व दौड़ के इस मुकाबले में एक लड़का व एक लड़की की संयुक्त भागीदारी)
- दूसरा कांस्य: ट्रायथल मिक्स्ड रिले (तैराकी, दौड़ व निशानेबाजी मुकाबले में 1 लड़का व 1 लड़की की संयुक्त भागीदारी)
- तीसरा कांस्य: ट्रायथल गर्ल्ज़ रिले (तैराकी, दौड़ व निशानेबाजी मुकाबले में 3 लड़कियों की संयुक्त भागीदारी)
- चौथा कांस्य: बायथल गर्ल्ज़ रिले (तैराकी व दौड़ मुकाबले में 3 लड़कियों की संयुक्त भागीदारी)
यूनियन इंटरनेशनल डी पेंटाथलॉन मॉडर्न (यूआईपीएम) द्वारा मिस्र में हुई पेंटाथलॉन बायथल/ट्रायथल विश्व चैंपियनशिप में शाह सतनाम जी गर्ल्ज़ स्कूल की धूम रही। छात्रा रिया सहारण ने अंडर-17 आयुवर्ग में दमदार प्रदर्शन करते हुए एक साथ चार प्रतिस्पर्धाओं में अलग-अलग चार कांस्य पदक जीतकर शिक्षण संस्थान के साथ-साथ पूरे हरियाणा प्रदेश का विश्व में डंका बजाया है। अपनी होनहार छात्रा की इस उपलब्धि पर विद्यालय प्रशासन भी खुशी से गद्गद् हो उठा।
स्कूल में भव्य स्वागत व सम्मान समारोह हुआ, जिसमें पदकवीर रिया सहारण को सम्मानित किया गया। रिया सहारण ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को देते हुए अब ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीतने की इच्छा जताई।
जानकारी अनुसार, मॉडर्न पेंटाथलॉन विश्व चैंपियनशिप (बायथल और ट्रायथल) गत 9 अक्टूबर से 13 अक्टूबर (2024) के दरमियान मिस्र (एजिप्ट) में हुई। इस चैंपियनशिप में 28 देशों के 600 खिलाड़ियों ने अपने जौहर का प्रदर्शन किया। इस चैंपियनशिप में शाह सतनाम जी शिक्षण संस्थान की दो खिलाड़ियों ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया।
शाह सतनाम जी गर्ल्ज़ स्कूल Shah Satnam Ji Girls School की होनहार खिलाड़ी रिया सहारण ने अंडर-17 आयुवर्ग में अपने प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ते हुए 4 मैडल प्राप्त कर मिस्र में भारत देश का नाम चमका दिया। बता दें कि रिया सहारण शाह सतनाम जी गर्ल्ज़ स्कूल में कक्षा 11 वीं की छात्रा है। वह पिछले करीब 3 वर्षों से शाह सतनाम जी शिक्षण संस्थान में इस चैंपियनशिप के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही थी और प्रैक्टिस अब भी जारी है। वहीं शाह सतनाम जी गर्ल्ज़ कॉलेज की खिलाड़ी संजना ने इस चैंपियनशिप के सीनियर आयुवर्ग में भागीदारी करते हुए अपनी खेल प्रतिभा का उम्दा प्रदर्शन किया।
संस्थान की महिला कोच डॉ. रीटा ने बताया कि रिया सहारण बहुत ही मेहनती और होनहार खिलाड़ी है, इस चैंपियनशिप में रिया का प्रदर्शन लाजवाब रहा।
भव्य स्वागत: अंतर्राष्टÑीय पदक विजेता को स्कूल ने पलकों पर बैठाया
भारत देश के लिए एक साथ चार पदक जीतकर लौटी जिला सरसा के गांव कैरांवाली निवासी रिया सहारण के लिए शाह सतनाम जी गर्ल्ज स्कूल ने पलकें बिछा दी और दिल खोलकर इस होनहार स्विमिंग खिलाड़ी का स्वागत किया। स्कूल प्रांगण में आयोजित भव्य सम्मान समारोह में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे डेरा सच्चा सौदा के सीनियर वाइस चेयरमैन चरणजीत सिंह इन्सां ने रिया सहारण को मेडल पहनाकर व ‘टोकन आॅफ लव’ के रूप में स्मृति चिन्ह व आकर्षक उपहार देकर सम्मानित किया।
इस दौरान शाह सतनाम जी शिक्षण संस्थान के इंचार्ज रिटायर्ड कर्नल नरेंद्र पाल सिंह तूर इन्सां, शाह सतनाम जी गर्ल्ज़ स्कूल की प्रधानाचार्या डॉ. शीला पूनिया इन्सां, उप प्रधानाचार्या सीमा छाबड़ा इन्सां की गरिमामई उपस्थित ने कार्यक्रम को चार चांद लगा दिए। इससे पहले रिया का स्कूल के मुख्य द्वार पर गुलदस्ते देकर स्वागत किया गया। बैंड की मधुर धुनों व तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उन्हें मंच पर लाया गया। रिया की इस उपलब्धि पर स्कूल की हजारों छात्राएं भी एक बेटी के रूप में गर्व महसूस कर रही थी, पंडाल में लगातार गूंजती तालियों की गड़गड़ाहट से मानो वे समाज को संदेश दे रही थी कि सफलता की इन बुलंदियों के लिए अब बेटियाँ भी किसी से कम नहीं हैं। इस दौरान स्कूल प्रबंधन कमेटी की ओर से संस्थान की स्विमिंग कोच डॉ. रीटा को भी सम्मानित किया गया।
यूआईपीएम बायथल-ट्रायथल विश्व चैंपियनशिप एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता है जिसमें बायथल और ट्रायथल दोनों इवेंट शामिल रहते हैं। पहली बायथल-ट्रायथल विश्व चैंपियनशिप का आयोजन 2013 में साइप्रस में किया गया था। आधुनिक पेंटाथलॉन में, बायथल और ट्रायथल ऐसे उपखेल हैं जिनमें दौड़ना, तैरना और शूटिंग प्रतियोगिता शामिल रहती है।
बायथल:
यह एक रन-स्विम-रन प्रक्रिया है, यानि इसमें खिलाड़ी को पहले दौड़, फिर तैराकी और फिर से दौड़ में भागीदारी करनी होती है। बायथल को सभी के लिए खेल माना जाता है, क्योंकि इसे आयोजित करना सरल और सस्ता है। बड़ी बात यह भी है कि इस खेल को कहीं भी आयोजित किया जा सकता है।
ट्रायथल:
यह एक रन-शूट-स्विम प्रक्रिया है यानि इस प्रतियोगिता में पहले दौड़, फिर निशानेबाजी और अंत में तैराकी का चरण शामिल होता है। यह आयु वर्ग और डिवीज़न के आधार पर दो या चार बार दोहराया जाता है।

– रिया सहारण, तैराक।

यह सब पूज्य गुरु जी के पावन आशीर्वाद और बेहतर मार्गदर्शन की बदौलत ही संभव हो पाया है। स्कूल प्रबंधन की ओर से खिलाड़ियोंं को शानदार खेल इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराया जा रहा है और इन सुविधाओं के चलते खिलाड़ी बेहतर अभ्यास करके पदक जीत रहे हंै।
– डॉ. रीटा, स्विमिंग कोच।

– डॉ शीला पूनिया, प्रधानाचार्या शाह सतनाम जी गर्ल्ज़ स्कूल सरसा।
































































