Shah Satnam Ji Green S Welfare Committee

मसीहा बन पहुंची शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर कमेटी – मौत का ढेर बनी इमारत से बचाई कई जिंदगियां

दिल्ली के मुस्तफाबाद क्षेत्र में 19 अप्रैल की अलसुबह 2:50 बजे अचानक चार मंजिला इमारत भुरभुरा कर ढह गई। हादसे की सूचना मिलते ही दिल्ली के मुस्तफाबाद, करावल नगर, गोकलपुरी, मंडोली, नंदनगरी, शाहदरा जोन के विभिन्न ब्लॉकों से डेरा सच्चा सौदा की शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर कमेटी के सैकड़ों सेवादार तुरंत मौके पर पहुँचे और राहत एवं बचाव कार्य में जुट गए। इस दौरान इन सेवादारों ने एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और प्रशासनिक टीम के साथ मिलकर मलबे में फंसे 22 लोगों को बाहर निकालने में मदद की। दिनभर एनडीआरएफ के अधिकारी व डेरा सच्चा सौदा के सेवादार रेस्कयू आॅपरेशन में जुटे रहे। हालांकि इस हादसे में 11 से ज्यादा लोग मौत का ग्रास बन गए, किंतु सेवादारों द्वारा राहत एवं बचाव कार्य तीव्र गति से चलाने की वजह से दर्जनों घायल लोगों को समय पर उपचार नसीब हुआ जिससे उनकी जान बच पाई।

इस दौरान यमुना विहार के तहसीलदार राजेश धवन ने डेरा सच्चा सौदा के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि डेरा सच्चा सौदा के वॉलंटियर्स को मैं 2013 से देख रहा हूँ कि ये समाज के लिए बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं। जब भी कहीं इस प्रकार की कोई घटना हुई है तो इन्होंने वहां पहुँचकर पूरी मदद की है। यहां भी इन्होंने मलबा हटाने और मलबे में फंसे लोगों को निकालने में अपना पूरा सहयोग दिया। इतना ही नहीं, अपितु खाने-पीने तक का प्रबंध भी इन्होंने खुद अपनी ओर से किया है।

वहीं बचाव कार्य में जुटी एनडीआरएफ की 16वीं बटालियन के डिप्टी कमांडेंट अजीत आर. ने कहा कि इस मुश्किल वक्त में डेरा सच्चा सौदा के शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर कमेटी के सेवादारों ने राहत एवं बचाव कार्य में बहुत अच्छा सहयोग किया है। इनकी तरह अन्य लोगों को भी ऐसे कार्य में मदद के लिए आगे आना चाहिए।

अंधड़ से खेतों में फैली भीषण आग तो डेरा सेवादार बने बचाव की ढाल

18 अप्रैल को दोपहर बाद मौसम में हुए बदलाव के बाद तेज आंधी ने हरियाणा में प्रदेश के कई जिलों में आगजनी से खेतों में खड़ी गेहूँ की पक्की हुई सैकड़ों एकड़ की फसल खत्म हो गई। हालांकि डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों ने स्थानीय लोगों व प्रशासनिक अमले के साथ मिलकर रौद्र रूप धारण कर चुकी इस आग पर काबू पा लिया, अन्यथा नुकसान का यह दायरा और बड़ा हो सकता था। सरसा जिले के नाथूसरी चौपटा, डिंग मंडी सहित अन्य स्थानों पर खेतों में खड़ी फसल में आग लग गई। गांव रसूलपुर व सुचान- कोटली गाँव के पास खेतों में भयंकर आग लग गई।

यह आग शेरपुरा मोड़ से शुरू होकर सुचान गाँव तक लगभग अढ़ाई किलोमीटर में फैल गई। आग आबादी क्षेत्र की ओर बढ़ने लगी तो ग्रामीणों व पुलिस प्रशासन के आह्वान पर डेरा सच्चा सौदा के सरसा, कल्याण नगर, अमरजीतपुरा सहित आस-पास के ब्लॉकों से शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर कमेटी के सैकड़ों सेवादार फायर ब्रिगेड की गाड़ी सहित मौके पर पहुंचे। हालांकि तेज आंधी के कारण आग पर काबू पाना मुश्किल हो रहा था, लेकिन फिर भी सेवादारों ने हिम्मत नहीं हारी। डेरा प्रेमियों के इस सहयोग पर सुचान-कोटली गांव के सरपंच प्रतिनिधि सतीश कुमार ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अगर आग पर समय रहते काबू ना पाया जाता तो आग साथ लगते गाँवों को भी अपनी चपेट में ले लेती। जिससे बड़ा नुकसान हो सकता था। डेरा सेवादारों ने अपने ट्रेक्टर व फायर ब्रिगेड गाड़ी की सहायता से आग बुझाकर लोगों की जान बचाई है।

पावर ग्रिड में लगी आग, सेवादारों ने पाया काबू

19 अप्रैल को दोपहर में मलोट (पंजाब) के बठिंडा रोड स्थित 132 केवीए ग्रिड स्टेशन में अचानक भीषण आग लग गई। आग इतनी भयावह थी कि उसकी लपटें बहुत ऊँचाई तक दिखाई दे रही थी। आग ने पूरे ग्रिड को अपनी चपेट में ले लिया और अंदर रखे नए-पुराने ट्रांसफॉर्मरों में विस्फोट होने लगे। जैसे ही यह जानकारी शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर कमेटी मलोट, अबोहर, गिदड़बाहा, श्री मुक्तसर साहिब के सेवादारों को मिली तो वे सैकड़ों की संख्या में मौके पर पहुंचे और फायर ब्रिगेड कर्मचारियों के साथ मिलकर आग बुझाने में जुट गए। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। सेवादारों ने जान का जोखिम लेकर निगम कार्यालय में आवश्यक दस्तावेज, कंप्यूटर और अन्य कीमती सामान भी सुरक्षित बाहर निकालने में प्रशासन का भरपूर सहयोग किया।

85 मैंबर पंजाब राहुल इन्सां, रिंकू इन्सां, सतीश हांडा इन्सां, गगनदीप सिंह इन्सां, राजेन्द्र बांसल इन्सां और हरदीप सग्गू इन्सां ने बताया कि पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा से शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर कमेटी के सेवादार हर आपदा में अपनी जान की परवाह किए बिना सेवा के लिए तैयार रहते हैं। पावर हाऊस में लगी आग को बुझाने में 300 से अधिक सेवादारों ने मोर्चा संभाला और अपनी जान पर खेलते हुए आग बुझाकर शहर में होने वाले संभावित बड़े हादसे को टाल दिया।