बेटा! सब कुछ ठीक हो जाएगा। -सत्संगियों के अनुभव
बहन रूपेन्द्र कौर इन्सां पत्नी प्रेमी गुरतेज सिंह, गांव चक्क अतर सिंह वाला जिला बठिंडा से परम पूजनीय हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की अपने पर हुई अपार रहमत का वर्णन करती है:-
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की अपार रहमत
सन् 2010 की बात है कि मुझे परम पूजनीय हजूर पिता जी ने प्रत्यक्ष दर्शन दिए। पूज्य गुरु जी ने मुझसे मेरे तीनों बच्चों के कोर्साें के बारे में पूछा। मैंने कहा कि पिता जी ! बच्चे पढ़ रहे हैं। पिता जी ने वचन फरमाया, ‘बेटा! सब कुछ ठीक हो जाएगा’। इसके कुछ दिन बाद मेरे पेट में दर्द होना शुरू हो गया। फिर मैं फरवरी महीने में शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग की ट्रेनिंग के लिए डेरा सच्चा सौदा सरसा में आई हुई थी तो मैंने शाह सतनाम जी स्पैशलिटी हस्पताल में अलट्रा साउंड करवाया तो डाक्टरों ने बताया कि तेरे पित्ते में पथरियां हैं।
जल्दी ही आॅपरेशन करवाना पड़ेगा नहीं तो पित्ता फट सकता है। मैंने उसी दिन शाम की मजलिस में पूज्य गुरु जी के वचनानुसार बीमारों वाला प्रशाद लिया और दस नं. कमरे में से दवाई लेकर लगातार सुमिरन किया। उसके कुछ दिन बाद मैं डेरा सच्चा सौदा शाह सतनाम जी धाम सरसा में सत्संग वाले दिन सेवा पर आई हुई थी। मैं बहनों वाली कंटीनों पर सेवा निभा रही थी। वहां पर एक अजनबी माता आई और वह मुझे इशारे से अपने पास बुला कर वहीं पास में ही नीम की छाया में सफेद चद्दर बिछा कर बैठ गई और मुझे अपने पास बिठा लिया।
उस माता ने मुझसे पूछा कि बेटा! तू थक गई है। मैंने उस माता को कहा कि माता जी! मेरे पित्ते में पथरियां हैं। मेरे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है। माता ने मुझे चद्दर पर लिटा लिया। उस माता ने मुझसे पूछा कि बेटा! कहां पर दर्द हो रहा है। मैंने हाथ लगा कर बताया कि यहां पर दर्द होता है। उस माता ने वहीं हाथ लगा कर देखा और कहा कि अब दर्द नहीं होगा। माता ने कहा कि मुझे आशीर्वाद मिला है कि मैं जिसके भी हाथ लगाऊं, वह ठीक हो जाएगा। वह माता दो-तीन मिन्ट तक मेरे पास रुकी। फिर उस ने कहा कि बेटा! तू आराम कर, मैं पचास नं कमरे में जाती हूं। उस दिन के बाद मेरे कभी भी दर्द नहीं हुआ। परन्तु मैं शारीरिक तौर पर कमजोर होती गई।
कमजोरी महसूस करके मैंने सोचा कि आॅप्रेशन तो करवा ही लेना चाहिए। मैं अपना सामान पैक करके आॅप्रेशन करवाने के लिए शाह सतनाम जी स्पेशलिटी हस्पताल में आ गई। यहां आकर दोबारा अल्ट्रासाउंड करवाया तो मेरा पित्ता बिल्कुल सही था। मेरे पित्ते में कोई भी पथरी नहीं थी। अब मुझे समझ आई कि मेरे सतगुरु पिता जी ने माता के रूप में आकर मेरा कष्ट काट दिया और मुझे जरा भी महसूस नहीं होने दिया। पिता जी के वचनानुसार कि बेटा! सब कुछ ठीक हो जाएगा, उसी प्रकार सब कुछ ठीक हो गया। पथरियों का इलाज भी हो गया और मेरे दो बच्चों को सरकारी नौकरी भी मिल गई। पूज्य हजूर पिता जी के उपकारों को मैं कभी भी नहीं भुला सकती। अब मेरी पिता जी के चरणों में यही अर्ज है कि मेरे व मेरे परिवार पर इसी तरह रहमत बनाए रखना जी।