लू और गर्मी से बचकर रहें
गर्मी शुरू होते ही लू का भी आगमन हो जाता है लेकिन क्या किया जाए, बच्चों को स्कूल जाना है तो बड़ों को भी रोजी-रोटी के लिए घर से बाहर निकलना ही पड़ता है। कभी-कभी तो ऐसा होता है कि घर से बाहर निकलकर इन्हें भयंकर लू का सामना करना पड़ता है। नतीजतन, शाम को घर आते ही बुखार या थकान की बात सुनते ही मुंह से यही निकलता है, लू लग गई होगी।
गर्मी के दिनों में पसीना अधिक निकलता है जिससे शरीर में नमक और जल दोनों की कमी हो जाती है। इसी के साथ वातावरण में जब तापमान शरीर के मुकाबले अधिक बढ़ जाता है तो दिमाग की ताप नियंत्रण की स्वाभाविक क्षमता प्राय: कम होने लगती है। नतीजतन हमारा रक्तचाप कम होने लगता है और इसी प्रक्रि या में लू का भी अंदेशा हो जाता है।
अब जब गर्मी का मौसम आया है तो आपके आहार-विहार में भी बदलाव आना ही है। गर्मी में जहां तक हो सादा भोजन ही करें, जो आसानी से पचे वही खाएं और अधिक से अधिक पेय पदार्थों का सेवन करें। घरेलू ठंडे पेय, नमकीन लस्सी साथ में पुदीना और जीरा के साथ ही पानी का अधिक सेवन करें ताकि शरीर से निकलने वाले पसीने की कमी पूरी होती रहे।
खाने में कच्चा प्याज, सलाद, पुदीने की चटनी और हरी सब्जियों का खूब इस्तेमाल करें। खरबूजा, तरबूज, ककड़ी खूब खाएं। हां, यह जरूर ध्यान रखें कि सड़क पर बेचने वालों से कटे हुए फल आदि कभी न खरीदें क्योंकि इन्हें खाने के बाद संक्र मण हो सकता है।
घर से निकलते समय पानी अवश्य पिएं। पानी में थोड़ी चीनी, ग्लूकोज और नींबू का इस्तेमाल करें क्योंकि पानी कम होने पर व्यक्ति लू की गिरफ्त में आ जाता है और फिर उसे उल्टी-दस्त भी हो सकते हैं। जब कभी भी तेज धूप या गर्मी में चलकर बाहर से घर में आएं तो एकदम से ठंडा पानी न पिएं। थोड़ा रूककर, पसीना सुखाकर धीरे-धीरे नींबू शरबत का शीतल पानी पिएं। गर्मी में कई बार व्यक्ति कूलर या एअरकंडीशन स्थान से फौरन बाहर निकल आते हैं। कभी-कभी इससे भी उसे लू का सामना करना पड़ता है।
गर्मी में अपने कपड़ों पर विशेष ध्यान रखें। ज्यादा चुस्त कपड़े न पहनें। हमेशा ढीले और आरामदेह कपड़े ही पहनें। अपना सिर और गर्दन किसी मुलायम कपड़े या स्कार्फ से ढककर रखें वैसे तो गर्मी के दिनों में स्वत: ही मिर्च-मसाला खाने का मन नहीं करता लेकिन अगर आप खाएं भी तो शाम के समय ज्यादा मिर्च-मसाले युक्त तली चीजें न खाएं क्योंकि गर्मी में खाना देर से पचता है और खाना न पचने के कारण पेट दर्द, सिर दर्द आदि की शिकायत भी रहती है। इसीलिए गर्मी में हल्का और जल्दी पचने वाला भोजन ही करें।
यूं तो गर्मी में लू से बचने के लिए हर आदमी कोई न कोई उपाय करता है फिर भी कई बार लू की चपेट में आ जाता है यानी सब बचाव करने पर भी लू लग ही जाती है। अगर ऐसा हो जाए तो व्यक्ति को तुरंत ठंडे स्थान पर लिटाकर बर्फ के पानी की पट्टियां रखें। हो सके तो गीली चादर उसके ऊपर डाल दें ताकि तेज बुखार से छुटकारा मिल सके।
कच्चे आम को उबालकर उसका पतला-पतला पना बनाकर उसमें सूखा पुदीना, हरा धनिया पिसा हुआ, भुना जीरा, नमक डालकर पिलाएं। लू में यह काफी लाभप्रद पाया गया है। इसे नियमित पीने से भी लू नहीं लगती। यदि लू लगे रोगी को दही अच्छा लगता है तो उसको लस्सी बनाकर दें मगर वह नमकीन हो जिसमें पुदीना, काला नमक, भुना जीरा भी डालें। लू की शिकायत खत्म होने के बाद भी रोगी के खान-पान में सावधानी बरतनी चाहिए। कम से कम एक सप्ताह तक हल्का खाना जैसे खिचड़ी, दलिया और साबूदाना ही देना चाहिए।
उक्त बातों का यदि ध्यान रखा जाए तो लू के थपेड़ों से काफी हद तक बचा जा सकता है। हां, हो सके तो गर्मी में कम से कम बाहर निकलने का कार्यक्र म बनाएं।
-नरेंद्र देवांगन