बढ़ती उम्र में भी रहें फिट Old Age
30 की उम्र के बाद महिलाएं और 40 की उम्र के बाद पुरुष स्वयं को मानसिक और शारीरिक रूप से थका-थका सा अनुभव करने लगते हैं। यह तो तय है कि बढ़ती उम्र के कारण शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों को अधिक रोका नहीं जा सकता किंतु सक्रि य और जिंदादिल रहकर काफी समय तक चुस्त-दुरुस्त और आकर्षक बना रहा जा सकता है।
ऐसे सदाबहार लोगों की चुस्ती-फुर्ती और आकर्षण के पीछे मुख्य वजह उनकी निरंतर सक्रि यता है। यही लोग बढ़ती उम्र में हाथ-पर-हाथ धरकर बैठ जाएं तो उन्हें बुढ़ापा जल्दी ही आसानी से अपनी गिरफ्त में ले लेगा। जीवन के प्रति प्रेम, बुलंद इरादे, उचित खानपान और लगातार रचनात्मक कार्यों में व्यस्तता से बढ़ती उम्र के प्रभावों पर विजय प्राप्त करना संभव है। यह अनुभवजन्य सत्य है। इस विषय पर कई बार एशिया और यूरोप में शोध हुए हैं।
इटली में हाल ही में हुए एक अध्ययन में 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों से जब उनके चुस्त-दुरुस्त होने के कारण पूछे गए तो 71 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अच्छी जीवन शैली, उचित खानपान और सक्रि यता से वे स्वस्थ व सुंदर हैं, तो 75 प्रतिशत लोगों का कहना था कि स्वच्छ हवा में व्यायाम उनकी अच्छी सेहत का राज है। तीस फीसदी का कहना था कि वे निरंतर रचनात्मक कार्यों में व्यस्त रहते हैं। इन सभी ने यह कहा कि उन्हें बीमारियां न के बराबर होती हैं और चिकित्सक के पास उन्हें कभी कभार ही जाना पड़ता है।

जैसे आग लगने पर हम उसे बुझाने के लिए बड़ी तेजी से उस पर पानी फेंकते हैं और प्राय: आग पर काबू पा लेते हैं। आग लगने पर मनोबल ऐसा होता है कि पानी से हम अवश्य ही आग बुझा देंगे। कुछ ऐसा ही मनोबल उम्र के प्रभावों को कमतर करने के लिए भी होना चाहिए और यह सच है कि आपकी यह सोच भी टॉनिक का काम करेगी। बढ़ती उम्र में आप इस बात को लेकर कुंठित न हों कि जिन कामों को आप जवानी के दिनों में जिस बेहतर तरीके से कर सकते थे, उतना बेहतर अब नहीं कर सकते। दुष्यंत कुमार का एक शेयर है-‘कौन कहता है आसमां में छेद नहीं हो सकता। एक पत्थर तो हिम्मत से उछालो यारो।’ कोई भी काम दिल से, लगन से, सूझबूझ से और साहस से करेंगे तो आप सफल होंगे।
- सुबह लंबी सैर का नियम बना लें। व्यायाम होगा, फेफड़ों को शुद्ध वायु मिलेगी और आपका परिचय विस्तृत होगा। इस दौरान परिचय बढ़ाने में कंजूसी नहीं, उदारता बरतें। नए लोगों से बातचीत से नई ऊर्जा मिलती है।
- खाली वक्त में पुस्तकें व पत्र-पत्रिकाएं पढ़ें। कोशिश करें कि पत्र-पत्रिकाओं में छपी सामग्री पर संपादक को प्रतिक्रि याएं भेजें। इससे आपका वक्त कटेगा, आप सक्रि य रहेंगे। लोग आपके विचार जानेंगे। पत्र छपने पर आपको अच्छा भी लगेगा।
- आप खाली समय में कोचिंग क्लास चला सकते हैं। इस तरह अपना ज्ञान बांटकर न सिर्फ अपना टाईम पास कर सकते हैं बल्कि कुछ पैसा और समाज में प्रतिष्ठा भी प्राप्त कर सकेंगे।
- अगर आपको लेखन, चित्रकारी, गायन या संगीत का शौक है तो बढ़ती उम्र में इस शौक को पूरा कर व्यस्त रहने का मौका मिल सकता है। अत: अपनी प्रतिभा निखारें और शौक पूरा कर व्यस्त रहें।
-अयोध्या प्रसाद ‘भारती’































































