New way to stay fit with entertainment dance therapy

मनोरंजन से फिट रहने का नया तरीका -डांस थेरैपी
“कई आधुनिक शोध और अध्ययनों ने यह माना है कि नृत्यशैली भले ही जैसी भी हो, डांस करने से उसकी सेहत पर सकारात्मक असर होते हैं।

यह व्यक्ति को ताउम्र स्वस्थ, निरोगी तथा दीघार्यु वाला बना सकती है। अब तो इसे एक थेरैपी के तौर पर अपनाया जाने लगा है। बिना दवा के उपचार की यह पद्धति विश्वभर में लोकप्रिय होती जा रही है। अब डांस केवल मनोरंजन ही नहीं बल्कि मानसिक व शारीरिक बीमारियों के उपचार का जरिया भी है।

आज डांस केवल शौक ही नहीं रह गया है बल्कि यह खुद को स्वस्थ बनाने का भी माध्यम बन गया है। इससे जहां तनाव दूर होता है वहीं यह चेहरे पर निखार लाकर आपको ताउम्र जवान बनाए रखता है।

डांस करना एक उपचार की पद्धति भी है। कई आधुनिक शोध और अध्ययनों ने यह माना है कि नृत्यशैली भले ही जैसी भी हो, डांस करने से उसकी सेहत पर सकारात्मक असर होते हैं। यह व्यक्ति को ताउम्र स्वस्थ, निरोगी तथा दीर्घायु वाला बना सकती है। अब तो इसे एक थेरैपी के तौर पर अपनाया जाने लगा है।

बिना दवा के उपचार की यह पद्धति विश्वभर में लोकप्रिय होती जा रही है। अब डांस केवल मनोरंजन ही नहीं बल्कि मानसिक व शारीरिक बीमारियों के उपचार का जरिया भी है, जिसके लिए बकायदा डिग्री और ट्रेनिंग के लिए थेरैपिस्ट मौजूद हैं।

यही नहीं, यह थेरैपी बच्चों के स्कूलों, अस्पताल, डीऐडिक्शन सैंटर और डांस इंस्टिट्यूट का हिस्सा बन चुकी है।

प्राइवेट कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के तनाव को कम करने और उनकी कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए आॅफिस में ही डांस थेरैपी सत्र शुरू कर दिए हैं। वहां स्पैशल एजुकेटर और हेल्थ प्रोफैशनल्स को थेरैपी सिखाई जा रही है।

इससे डिप्रैशन जैसी मानसिक बीमारियों व शारीरिक अक्षमता जैसी समस्याओं का भी इलाज किया जा रहा है।

डांस थैरेपी के लाभ:

शरीर के लिए मूवमैंट बेहद आवश्यक है। पैदा होने से पहले ही बच्चा मूवमैंट के जरिए अपनी बात कहने लगता है। जब हम बड़े होने लगते हैं, शरीर का हिलना कम हो जाता है, जिससे हमारे हावभाव कम जाहिर होने लग जाते हैं। डांस इन्हीं हावभाव को मूवमैंट के जरिए रिलीज करता है।

विभिन्न प्रकार के मूवमैंट जन्म से मृत्यु तक के सारे जीवनचक्र को दिखाते हैं। ताली बजाने से एक्युप्रैशर प्वार्इंट्स चार्ज होते हैं। झुकने और उठने से शरीर की कनैक्टिविटी बनी रहती है, हाथों और आंखों का कोऔर्डिनेशन सुधरता है और कम्युनिकेशन बेहतर होता है।

शरीर का लचीलापन बढ़ाए:

शरीर का कोई भी अंग अचानक मुड़ने से मोच की शिकायत होना आम बात है। यह शरीर में लचीलेपन की कमी के कारण होता है। मगर प्रतिदिन चंद मिनटों का डांस इंसान के शरीर को लचीला बनाता है। डांस जहां जोड़ों में होने वाले दर्द से निजात दिलाने में सहायक है, वहीं इसके कारण खेलते समय चोटिल होने का खतरा भी काफी कम हो जाता है।

तनाव को करे कम:

हर बात पर परेशान होना और मन घबराना इस तेज रफ्तार जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। ऐसे में कुछ देर डांस करने से हम न केवल खुद को तनाव से दूर रख सकते हैं, बल्कि पहले से ज्यादा खुशी भी महसूस कर सकते हैं। इससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है और संवाद क्षमता भी बेहतर होती है।

वजन को करे कम:

हर दिन कुछ देर डांस करने से हमारे शरीर की कैलरी खर्च होने लगती है। इसके अलावा डांस से रक्त संचार बेहतर होता है। वजन कम करने के लिए फ्रीस्टाइल डांस सबसे अच्छा विकल्प है। फास्ट म्यूजिक पर डांस करने से शरीर में जमा अतिरिक्त वसा तेजी से कम होती है। इससे न केवल मोटापा की समस्या से निजात मिलती है, बल्कि ढीला-ढाला शरीर भी चुस्त बन जाता है।

शरीर को ऊजार्वान बनाए:

यदि आप आलस से परेशान हैं, तो उससे मुक्त होने का डांस से बेहतर कोई विकल्प नहीं हो सकता। दरअसल डांस से शरीर में ऊर्जा का स्तर काफी बढ़ जाता है। कई शोधों के अनुसार डांस करने वाले लोगों की कार्यक्षमता डांस न करने वालों की तुलना में काफी अधिक होती है।

दिल की मदद करे:

दिल संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए डांस बहुत अच्छी गतिविधि है। जिन लोगों को दिल का दौरा पड़ चुका हो, यदि वे डांस करते हैं तो उनके दिल की सेहत में भी सुधार होता है।

रक्त-संचार दुरुस्त करे:

डांस करने से शरीर का हर अंग झूमने लगता है, जिससे पूरे शरीर में रक्त का संचार उचित तरीके से होने लगता है। ऐसे में हम कई बीमारियों की आशंका से बच सकते हैं।

एकाग्रता बढ़ाए:

डांस करने से एकाग्रता बढ़ती है, जिससे आप जीवन में पहले से ज्यादा अनुशासित हो जाते हैं। डांस का अभ्यास करने से आत्मविश्वास बढ़ता है, जिससे आप चीजों पर, काम पर और खुद पर ज्यादा ध्यान देने लगते हैं।

डांस करने से पहले क्या खाएं:

डांस करते वक्त कमजोरी महसूस न हो, इसलिए डांस करने से पहले बहुत कम खाएं या केवल एक केला खा लें। याद रहे पेट भरकर खाने से नुकसान हो सकता है। डांस के दौरान ज्यादा पानी पीना भी हानिकारक हो सकता हैं। डांस करने के बाद नारियल-पानी पीना बहुत अच्छा होता है।

कौन-से डांस स्टेप सबसे फायदेमंद:

बेली डांस:

इसमें पेट को अलग-अलग तरीकों से घुमाया जाता है। इसमें शरीर का हर अंग थिरकता है। बेली डांस करते हुए आगे की ओर झुका जाता है। इसे पांच से सात मिनट करना काफी होता है।

हिप हॉप डांस:

इस डांस में पॉपिंग, लॉकिंग और ब्रेकिंग जैसे स्टेप का इस्तेमाल किया जाता है। इसे केवल पांच मिनट करने से ही आप बेहद तरोताजा महसूस करने लगेंगे।

कंटेम्परेरी डांस:

यह डांस आपके ध्यान को बांधने में मददगार है। इस डांस का प्रयोग ज्यादा सक्रिय रहने के लिए किया जाता है। इसमें ऊर्जा का पूरा इस्तेमाल होता है। महज पांच मिनट तक यह डांस करने से भी काफी लाभ होता है।

बी बोइंग डांस:

यह मार्शल आर्ट और डांस का मिला जुला रूप है। इससे न सिर्फ शरीर लचीला बनता है, बल्कि मोटापे को कम करने में भी यह मददगार साबित होता है। रोजाना पांच से दस मिनट तक यह डांस किया जा सकता है, लेकिन नियमितता का ध्यान जरूर रखना चाहिए।

कई बीमारियों में फायदेमंद:

डांस मूवमेंट थेरेपी एक ऐसा सरल और सस्ता उपाय है, जो न केवल आपको ऊर्जावान बनाता है, बल्कि बहुत-सी बीमारियों से भी बचाता है।

  • थायरॉएड और मोटापा होने की आशंका काफी कम हो जाती है।
  • रोजाना डांस करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर घटता है।
  • डांस से त्वचा के वायरस नष्ट होते हैं, जिससे त्वचा स्वस्थ होती है।
  • नियमित डांस दिल की धड़कन और रक्तचाप को बेहतर करता है।
  • मनपसंद गानों पर कुछ देर नाचने से अवसाद के खतरे को कम करने में भी काफी मदद मिलती है।
  • डांस करने से कमर और घुटने के दर्द से भी आराम मिलता है।
  • यह हमें मानसिक शांति प्रदान करता है।
  • इससे डिमेंशिया और पागलपन की आशंका काफी हद तक कम हो जाती है।

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