Inspire Award Standard

इंस्पायर अवार्ड मानक

‘इंस्पायर अवार्ड मानक योजना’ भारत सरकार द्वारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के माध्यम से संचालित होने वाले प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है जिसके अंतर्गत भारत देश के समस्त राज्य के मान्यता प्राप्त सरकारी, गैर-सरकारी, और निजी विद्यालयों के कक्षा 6 से कक्षा 10 तक के होनहार छात्रों को पुरस्कृत किया जाता है ।

यहाँ INSPIRE का पूरा नाम Innovation in Science Pursuit for Inspired Research है और MANAK का अर्थ Million Minds Augmenting National Aspiration and Knowledge है । इस योजना का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में वैज्ञानिक नवाचार को बढ़ावा देने के साथ-साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।

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सत्र 2009-10 में भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने इंस्पायर अवार्ड पुरस्कार योजना की शुरूआत की थी। वर्तमान में इंस्पायर अवार्ड्स मानक का आयोजन राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान भारत के सहयोग से किया जा रहा है। इस योजना के तहत मान्यता प्राप्त स्कूलों के कक्षा 6 से कक्षा 10 तक के विज्ञान विषय में रूचि रखने वाले विद्यार्थियों जिनकी उम्र 10 से 15 वर्ष के बीच है, के मौलिक विचारों और नवप्रवर्तनों को आमंत्रित किया जाता है।

यह कार्यक्रम स्कूलों में सृजनात्मक सोच वाले प्रतिभावान विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए एक मंच प्रदान करता है। इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के लिए जो भी अभ्यार्थी आवेदन करना चाहते हैं वो निर्धारित प्रारूप के तहत देश की मान्यता प्राप्त भाषाओं में अपना आवेदन अपने विद्यालय में जमा करवा सकते हैं।

इस बात पर ध्यान देना बहुत जरुरी है कि इंस्पायर अवार्ड मानक के तहत सामान्य विचार या पुस्तकों में दिए गए उदहारण जैसे जल स्तर सूचक, बारिश के पानी का संग्रहण, जैविक खाद, उर्जा बनाने के लिए टरबाइन का उपयोग, भूकम्प सूचक यंत्र इत्यादि को स्वीकार नहीं किया जाता है।

स्कूल प्राचार्य द्वारा स्कूलों में आईडिया प्रतियोगिता के जरिए विद्यार्थियों के दो से तीन अच्छे विचारों और नवप्रवर्तनों का चयन किया जाता है, जिसका आॅनलाइन नामांकन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार के वेब पोर्टल ई-एम्आईएएस के वेबलिंक http://www.inspireawards-dst.gov.in पर होता है। नए विद्यालय वेबसाइट https://www.inspireawards-dst.gov.in/UserP/school-authority.aspx पर स्वयं को पंजीकृत कर सकते हैं। पंजीकरण के लिए 11 डिजिट स्कूल U-DISE कोड की जरूरत होगी।

भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग तथा राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान द्वारा देशभर से आने वाले सर्वश्रेष्ठ एक लाख विचारों का चयन किया जाता है। इस योजना में जिस विद्यार्थी का आईडिया चयनित होता है उसे दस हजार रुपये की पुरस्कार राशि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना के जरिए सीधे उसके बैंक खाते में भेजी जाती है। विचारों का चयन उसकी नवीनता, व्यवहारिकता, समाजिक उपयोगिता, पर्यावरण की अनुकूलता और वर्तमान में उपलब्ध तकनीक से बेहतरी के आधार पर किया जाता है।

इसके बाद पूरे भारत से जिला स्तरीय प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता करवाकर एक लाख नवप्रवर्तनों में से 10 हजार नवप्रवर्तनों का चयन राज्यस्तरीय प्रदर्शनी एवं परियोजना प्रतियोगिता के लिये किया जाता है। इसके पश्चात् राज्यस्तरीय प्रदर्शनी और प्रोजेक्ट कम्पटीशन द्वारा 10 हजार में से एक हजार नवप्रवर्तनों का चयन होता है। चयनित एक हजार मॉडल्स या प्रोजेक्ट्स को राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी एवं परियोजना प्रतियोगिता में प्रदर्शित किया जाता है। जहां से सर्वश्रेष्ठ 60 प्रोजेक्ट्स को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित किया जाता है।

अगर हम बात करें कि राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी एवं परियोजना प्रतियोगिता में अब तक किस तरह के मॉडल्स चयनित होकर आयें हैं। वर्ष 2015 में 5वीं राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी एवं परियोजना प्रतियोगिता में आंध्रप्रदेश से 8वीं कक्षा के छात्र पी सत्य नारायण का प्लास्टिक की बोतलों से प्लास्टिक की तार बनाने का मॉडल, 10वीं कक्षा की छात्रा कोंडा जीविता का मॉडल प्राक्रतिक रूप से फल किस तरह से पकते हैं, 9वीं कक्षा के छात्र बोंदा कुमार का मॉडल सूखे नारियल से तेल निकालना, 9वीं कक्षा की छात्रा गोविदी नंदिनी द्वारा बनाया गया मॉडल राजमार्ग सड़कों से विद्युत ऊर्जा का उत्पादन, 10वीं कक्षा के छात्र डी भार्गव राम कुमार का मॉडल सेल फोन माइक्रोस्कोप,

10वीं कक्षा के छात्र अम्बाती बाबुराव का मॉडल मोबाइल फोन के साथ स्मार्ट सिंचाई जैसे अनेकों मॉडल प्रदर्शित हुए। इसके अलावा गोवा से 7वीं कक्षा की छात्रा नीतिशा शेतगोंकर का बायोगैस पाचक का मॉडल, हरियाणा के 8वीं कक्षा के छात्र अवनीत का सस्ते एवं उपयोगी उपकरण का मॉडल, जम्मू और कश्मीर से ताजमहल हसन का द स्मार्ट बेबी क्रैडल मॉडल, कर्नाटक से चन्दन एम् एस का फुटस्टेप बिजली उत्पादन का मॉडल, देदीप्या एम् का बोरवेल के लिए कंप्रेसर पंप का मॉडल, दिशा एन कारीगर का होम मेड बाइसिकल जनरेटर का मॉडल, मधिया रहमान का लेजर प्रकाश के माध्यम से आवाज संचार का मॉडल व संजना एम् एस का दुर्घटना से बचने के लिए स्मार्ट ट्रक का मॉडल जैसे अनेकों मॉडल्स विभिन्न राज्यों के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों द्वारा राष्ट्रीय स्तरीय प्रदर्शनी एवं परियोजना प्रतियोगिता में प्रदर्शित किये जा चुके हैं।

वर्ष 2019-20 में हरियाणा प्रदेश से कुल 888 विद्यार्थियों के आईडिया चयनित हुए थे। वहीं हरियाणा प्रदेश के सिरसा जिला के लिए विशेष उपलब्धि यह रही कि 888 विद्याथियों में से 115 विद्यार्थी सिरसा जिला के 57 स्कूलों से थे जोकि प्रदेश के सभी जिलों की तुलना में अधिक थे। अक्सर लोगों में यह अवधारणा रहती है कि राजकीय स्कूलों के विद्यार्थी महज ओप्चारिक्तायें निभातें हैं। लेकिन सिरसा जिला के इन 115 विद्यार्थियों में से 96 विद्यार्थी राजकीय स्कूलों से थे जिन्होंने अपने हुनर से इस परम्परागत मिथक को तोड़कर प्रदेशभर में सिरसा जिला का नाम रोशन किया था।

साथ ही वर्ष 2021 में आरोही मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय झिड़ी से अमरिंदर सिंह ने सीढ़ियों पर कुर्सी को चलाना व डीएवी सेंटनरी पब्लिक सीनियर सेकंडरी स्कूल सिरसा से उज्ज्वल सिवाच ने ईसीएआर-आर्सेनिक सेफ ड्रिंकिंग वाटर टेक्नोलॉजी का मॉडल बनाया था जो इंस्पायर अवार्ड मानक के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयनित हुआ। स्कूली विद्यार्थियों के लिए भारत सरकार की ओर से शुरू की गयी इंस्पायर अवार्ड योजना बहुत ही लाभकारी है। इससे प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को विज्ञान का अध्ययन करने के साथ अनुसंधान में करियर बनाने का मौका मिलता है।

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