good habits for children

बच्चों को जरूर सिखाएं ये आदतें good habits

पूज्य गुरु जी के पावन वचन

पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि बच्चों की गलत मांग कभी भी पूरी न करें चाहे वे कितनी भी जिद्द क्यों न करें। बच्चों को रोता हुआ देखकर उसकी गलत बात न मानें। साथ ही आपजी फरमाते हैं कि बच्चों को मेडिटेशन के लिए भी पैसे दें, ताकि बच्चे की प्रभु के नाम में लगन लगे। जब माता पिता खुद झूठ बोलते हैं तो बच्चा देखकर झूठ बोलना सीखता है, इसलिए माता-पिता को झूठ नहीं बोलना चाहिए।

हर माता-पिता का सपना होता है, कि उनका बच्चा होशियार हो। बड़ा होकर अच्छा नाम कमाए। इसके लिए अच्छी परवरिश देने की कोशिश करते हैं। लेकिन इस दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान देना आवश्यक होता है, क्योंकि बच्चा बचपन में ही माता-पिता को देखकर ही अच्छी और बुरी आदतों को सीखता है। कहते हैं कि एक छोटा बच्चा कोरे कागज की तरह होता है, इस दौरान माता-पिता उसे जो सिखाते हैं,

Cleaning habits so fast so goodबच्चे वही सीखते जाते हैं। इसलिए माता-पिता को छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखना जरूरी है। अगर आप अपने बच्चों में बचपन से ही कुछ अच्छी आदतों को डालेंगे तो आगे चलकर आपको किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। बच्चों के सफल भविष्य को लिए माता-पिता को बचपन से ही उनको कुछ आदतें सिखानी चाहिएं।

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जल्दी उठने की आदत

बच्चों को रात में निश्चित समय पर सोने और सुबह जल्दी उठने की आदत डालें। अगर बच्चे समय से सोते और समय पर उठते हैं, तो उनका दिमाग दिनभर एक्टिव रहता है। जिससे बच्चे का माइंड क्रिएटिव होता है।

मेहनत करना सिखाएं

कुछ पैरेंट्स अपने बच्चों को बचपन से सुकुमार बना देते हैं, जिससे आगे चलकर बच्चा छोटी-छोटी समस्याओं का भी सामना नहीं कर पता है। इसलिए उन्हें बचपन से ही समझाएं सफलता के लिए कोई शॉर्टकट रास्ता नहीं है, इसके लिए मेहनत करनी पड़ती है। इसके लिए जरूरी है कि बचपन से ही मेहनत करना सिखाएं। आप खुद बच्चे के सामने कोई शॉर्ट कट का प्रयोग न करें।

किताबें पढ़ने की आदत डालें

बड़ों को देखकर ही बच्चे सीखते हैं, बच्चों में किताब पढ़ने की आदत डालने के लिए, उनके सामने खुद किताब पढ़ने की आदत डालें। आपको देखकर बच्चों में भी किताब पढ़ने की आदत विकसित होगी।

अपना काम खुद करने की आदत डालें

बच्चों में अपना काम खुद करने की आदत डालना चाहिए। इसकी शुरूआत बचपन से ही होती है। इससे बच्चे का विकास एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में होता है। बच्चा अपना काम खुद पूरी जिम्मेदारी से करेगा तो आपको भी मदद मिलेगी।

समय के महत्व को समझाएं

बचपन से ही बच्चों को सिखाएं कि समय को व्यर्थ में बर्बाद नहीं करना चाहिए। समय का सदुपयोग अच्छे कामों को करने या कोई क्रिएटिव चीज सीखने में लगाना चाहिए।

गुड मैनर्स

अपने बच्चों को बचपन से ही बड़ों की इज्जत करना सिखाएं, जिससे वो बिना चीखे चिल्लाए विनम्रता से अपनी बातों रख सकें। कहाँ पर किस तरह से बात करनी चाहिए, गुड मैनर्स और बैड मैनर्स क्या होता है, इसके बारे में अच्छे से समझ होनी चाहिए। अपनी बड़ी बहन, बड़े भाई और घर के बुजुर्गों का सम्मान करें और बड़ों को पलटकर जवाब न दें।

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गलती स्वीकार करना भी सिखाएं

कई बच्चे, जिन्हें अपनी गलती स्वीकारने में शर्म आती है या वो अपना अपमान समझते हैं, जो आगे चलकर उनके कैरियर में बड़ा बाधक हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि बच्चों में बचपन से ही सॉरी बोलने और अपनी गलती को स्वीकारने की आदत डालें।

शेयर करने की आदत डालें

आपने बहुत से ऐसे बच्चों को देखा होगा जिनकी चीजों को छूने भर से वो रोने लगते हैं। यह एक बुरी आदत है। इसके लिए बचपन से ही बच्चों में अपनी चीजों को दूसरों के साथ शेयर करने की आदत डालनी चाहिए।