Tips for working women to get rid of stress and tension - Sachi Shiksha

तनाव आज हर किसी के खून में रचा बसा है। चाहे वो बच्चे हों या बड़े, महिलाएं हों या पुरुष, सभी का जीवन तनावों से भरा है। सर्वेक्षण के अनुसार, महिलाएं पुरुषों से अधिक तनावग्रस्त रहती हैं चाहे वे कामकाजी हों या घरेलू। कामकाजी महिलाएं अधिक तनावग्रस्त रहती हैं, क्योंकि उन्हें दो मोर्चे एक साथ संभालने पड़ते हैं। ऐसे में हम तनाव से बच तो नहीं सकते, लेकिन इसे स्वीकार कर इस महामारी का मुकाबला कर सकते हैं।

हंस कर तनाव को जीतें

हंसी तनाव को कम करती है, क्योंकि हंसने से शरीर में ऐसे हार्मोनों का रिसाव होता है जो तनाव को कम करते हैं। हंसने से तनाव के साथ-साथ ब्लडप्रेशर भी काबू में रहता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और फेफड़े भी स्वस्थ बनते हैं। आप अगर यह मान लें कि हंसना जीवन में अत्यधिक उपयोगी है तो दिन में आधा घंटा खूब हंसें और तनावों को कम करें। इस प्रकार हम अपने कई तनावों को हंस कर कम कर सकते हैं।

सकारात्मक सोच अपनाएं

हमारी सोच और हमारा व्यवहार हमारे शरीर के भीतरी अंगों पर प्रभाव डालते हैं, जिसका सीधा प्रभाव हमारे स्वास्थ्य और चेहरे पर पड़ता है। अगर हम नकारात्मक सोचेंगे तो हमारा व्यवहार चिड़चिड़ा होगा और हमें अधिकतर कार्यों में असफलता मिलेगी और हमारा चेहरा बुझा-बुझा-सा लगेगा। ऐसी परिस्थिति में हम तनावों में घिरते चले जाएंगे। कभी-कभी थोड़ा तनाव हमारे जीवन को बदलने में, हमें योजनाबद्ध चलने में और समस्याओं को निपटाने की प्रेरणा भी देता है। सकारात्मक सोच रखेंं। व्यवहार कुशलता और लक्ष्य निर्धारण से जीवन में सफल होने के अवसर अधिक होंगे। समय का महत्त्व समझें और उसका पूर्ण उपयोग करें। तभी हम तनाव से दूरी बना सकते हैं।

चिंता करने की आदत से छुटकारा पाएं

मनोचिकित्सक के अनुसार महिलाएं कुछ भी करने से पहले ही चिंताग्रस्त हो जाती हैं कि यह ठीक होगा या नहीं। उसी उधेड़ बुन में वे अपना कीमती समय गंवा देती हैं और तनावग्रस्त हो जाती हैं। उनकी चिंता का कारण कभी यह होगा कि कोई उनकी सुनेगा या नहीं, मानेगा या नहीं, कहीं किसी बात पर झगड़ा न हो जाए। व्यर्थ की चिंता करने में अपना दिल दिमाग लगाए रखती हैं। अच्छा होगा कि जो आपको सबके हित में ठीक लगे, उसे करने की सोचें बजाय उस विषय को चिंता का विषय बनाने के।

परेशानी से न घबराएं

कुछ महिलाएं घर पर या आॅफिस में छोटी परेशानी आने पर घबरा कर तनावग्रस्त हो जाती हैं। घबराने के स्थान पर उसे कैसे काबू किया जाए या उस स्थिति से कैसे निपटा जाए, इसे सीखें। अगर स्थिति हैंडल करना मुश्किल हो तो दूसरों से मदद लेने में हिचकिचाएं नहीं। तनाव के कारणों को जानने का प्रयास करें और उससे शीघ्र निपटने की कोशिश करें। जितना लंबा उसे खींचेंगी, उतना तनाव बढ़ेगा जो बाद में आपके शारीरिक और मानसिक रोगों का कारण भी बन सकता है।

अपनी बात को कहना सीखें

आॅफिस हो या घर, अपनी बात को दृढ़ता और विनम्रतापूर्वक कहना सीखें। अगर आप कोई काम दक्षतापूर्वक नहीं कर सकते तो अपने सीनियर की मदद लें या बॉस को स्पष्ट बता दें कि मुझे इस काम को करने में किसी की मदद की आवश्यकता है। बॉस को या परिवार में किसी बुजुर्ग को ‘मैं नहीं कर सकती’, यह डायलॉग न बोलें। यह समस्या का समाधान न होकर तनाव का कारण बनेगा। बड़े काम को पूरा करने के लिए अधिक समय मांगें या दूसरे की मदद लेकर उसे पूरा करें। छोटे-छोटे समाधानों से काम आसान हो जाते हैं और तनाव से मुक्ति भी मिल जाती है।

हैल्दी डाइट लें

डाक्टर्स के अनुसार अगर आप हैल्दी डाइट लेते हैं तो आप तनावग्रस्त कम रहते हैं। अगर आप जंक-फूड का सहारा अधिक लेते हैं तो आपका शरीर अंदर से सुस्त रहेगा और काम समय पर पूरा न कर पाने से तनाव बढ़ेगा। समय पर खाना लें और शांत मन से खाएं। खाते समय काम से दूर रहें। ताजा भोजन खाएं, नाश्ता प्रात: अवश्य करें ताकि दिनभर आपका शरीर एनर्जी से भरा रहे।

भोजन में विटामिंस, मिनरल्स व जिंक नियमित लें। हरी सब्जियां, अंकुरित दालें, फल, दूध, सब्जियों का जूस और फलों का ताजा जूस लें। अगर आप भरपूर पौष्टिक आहार समय पर लेंगे तो काम करने की, सोचने की क्षमता बढ़ेगी। भोजन की गड़बड़ी तनाव और डिप्रेशन को बढ़ाने में मदद करती है।

दूसरों की दिक्कतों को अपनी न बनाएं

कभी-कभी आस-पास आपके सहयोगी या संबंधी ऐसे होते हैं जो दिक्कतों से घिरे होते हैं और आपको बार-बार अपनी बात कहकर परेशान करते हैं। ऐसे में आपसे जितनी मदद हो सकती हो करें। अगर आप उसकी समस्या का समाधान ढूंढ सकते हैं तो उन्हें सलाह दें और उन्हें उबरने में मदद करें पर उन दिक्कतों के बारे में अधिक न सोचें नहीं तो आप दूसरों की समस्या के कारण स्वयं को तनाव में धकेल देंगी।

प्रयास कर आशावादी लोगों का साथ ढूंढें। उन लोगों से संबंध रखें जो महत्त्वाकांक्षी और परिश्रमी हों ताकि वे अपने कामों में व्यस्त रहें और आप भी आगे बढ़ने के लिए परिश्रम करते रहें। न फ्री टाइम होगा, न दिमाग कुछ गलत सोचेगा। निराश लोगों के साथ रहने से निराशा बढ़ेगी और सफलता भी नहीं मिलेगी।

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