Stress Free Life

Stress Free Life: तनाव मुक्त जीवन के लिए करें कुछ नया

आधुनिक युग की देन तनाव से शायद ही कोई अछूता हो। सब इसमें पूरी तरह से लिप्त हैं। बस अंतर इतना है कि कोई कम है तो कोई ज्यादा। तनाव हमारी खुशियों को कम कर रहा है और समस्याओं को बढ़ा रहा है जिसका सीधा प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है।

आईए हम तनाव के कारणों को जानें और उससे निपटने के लिए तैयार रहें ताकि हम अपना जीवन तनावमुक्त रख कर स्वस्थ रह सकें। Stress Free Life

  • अतीत की बुराइयों को याद कर और भविष्य की चिंता कर अपने वर्तमान को खराब नहीं करना चाहिए। अतीत यदि अच्छा हो तो उसे अपनी प्रेरणा का स्रोत बना कर आगे बढ़ना चाहिए और अतीत बुरा हो तो उसे भूल जाना ही बेहतर है।
  • इंसान गलतियों का पुतला है। गलती करने पर उसे सुधारने में देरी नहीं करनी चाहिए। जीवन में सुधार की आदत को अपना लेना जरूरी है, तभी आप आगे बढ़ सकते हैं।
  • अपनी कमियों को दूर करने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहना चाहिए। कोई भी इंसान सर्वगुणसंपन्न नहीं होता। अपनी कमियों को दूर कर अपनी अच्छाइयों को ढूंढना चाहिए। हीन भावना लाने से मन में नकारात्मक भाव उत्पन्न होते हैं। उनसे बचें।
  • ईश्वर प्रदत्त योग्यताओं का लाभ उठाना चाहिए और उन पर हमें गर्व महसूस करना चाहिए।
  • प्रतिदिन अधिक से अधिक प्रसन्न रहना चाहिए। प्रसन्नचित स्वभाव सकारात्मक सोच के लिए मददगार होता है तथा स्वस्थ जीवन की कुंजी भी होता है। हंसना शरीर के लिए एक अच्छा व्यायाम है।
  • शरीर को सक्रि य रखने में ही भलाई होती है। सामर्थ्य अनुसार शरीर से काम लेते रहें। इससे समय तो कटेगा ही, साथ ही फालतू विचार मन में घर नहीं करेंगे। इसके साथ प्रतिदिन थोड़ा बहुत व्यायाम करने की आदत बनाएं, ताकि शरीर की अनावश्यक ऊर्जा बाहर निकलती रहे और शरीर में चुस्ती, स्फूर्ति बनी रहे।
  • स्वस्थ शरीर हमें कई तनावों से दूर रखता है। समय-समय पर शारीरिक जांच करवाते रहें ताकि रोग शरीर में घर न बना सकें और आरंभिक अवस्था में ही सही चिकित्सा हो सके। यह सच है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क होता है।
  • अभावों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए। इसके लिए अपने मित्रों व सहयोगियों से राय लें। उनके अनुभवों और अच्छाइयों को जीवन में ढालने का प्रयास करें। कुछ समस्याओं हेतु घर के बुजुर्गों की सलाह और मार्ग-दर्शन लेकर अपने तनावों को दूर कर सकते हैं।
  • मन में यह भाव बनायें कि कोई भी कार्य ऐसा नहीं है जो नहीं किया जा सकता। बस आवश्यकता है सही सोच और उस पर अमल करने की।
  • जीवन में उद्देश्य बनाएं और उसे पूरा करने के लिए उचित योजनाएं तैयार कर उन पर अमल करें। जो उद्देश्य बना रहे हैं उसके लाभ हानि पर भी पहले ही विचार कर समय सारिणी तैयार करें और उस पर अनुशासित रूप से काम पर लग जाएं।
  • स्वयं को व्यस्त रखें। खाली न रहें। खाली दिमाग शैतान का घर, यह कहावत सच है। यदि आप खाली नहीं होंगे तो तनाव पैदा ही नहीं होंगे। अपने इस जन्म को व्यर्थ न गंवाएं। अच्छे कर्म करें।
  • अच्छा दोस्त भी तनावों को दूर करने में मदद करता है इसलिए अच्छा दोस्त जरूर बनायें जिससे अपने मन के सुख-दु:ख बांट सकें। दोस्त बनाते समय यह ध्यान रखें कि दोस्त विश्वासपात्र हो, आपका मज़ाक उड़ाने वाला न हो। दोस्त परिवार का सदस्य भी हो सकता है और बाहर वाला भी। -सुनीता गाबा
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