सदैव एकता रखेंगे, एमएसजी गुरु के वचनों को 100% मानेंगे
12वां रूहानी पत्र: पूज्य गुरु जी के आह्वान पर लाखों संगत ने एक साथ लिया प्रण
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा पावन भंडारे पर भेजा गया 12वां रूहानी पत्र पढ़कर सुनाया गया। पूज्य गुरु जी ने लिखा कि हमने जब से डेरा सच्चा सौदा बना है तबसे लेकर आज तक आप सबको हमेशा राम-नाम से, मानवता व सृष्टि की भलाई के लिए व अच्छे कर्म व नि:स्वार्थ भावना से सबसे प्रेम करने के लिए प्रेरित किया था, कर रहे हैं व हमेशा करते रहेंगे।
पूज्य गुरु जी ने चिट्ठी में साध-संगत से प्रण करने का आह्वान करते हुए फरमाया कि आज हम आप सब बच्चों से, इस पवित्र दिवस पर एक प्रण करवाना चाहते हैं कि आप हमारे करोड़ों प्यारे बच्चे सदैव एकता रखेंगे व अपने एमएसजी गुरु के वचनों को 100 प्रतिशत मानेंगे। इस दौरान साध-संगत ने अपने दोनों हाथ उठाकर प्रण लिया। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि हमने समाज से बुराईयां व नशों को छुड़ाने का जो कार्य एमएसजी गुरु के रूप में शुरू कर रखा है, हमें बहुत ज्यादा खुशी व गर्व है कि आप सब इन कार्यों को तन, मन व धन से व पूरी लगन से इन कार्यों को पूरा करने में दिन-रात लगे हुए हैं।
हम एमएसजी गुरु रूप में आपको यह वचन देते हैं कि जैसी सेवा आप करें, सतगुरु राम से आपको उससे लाखों गुणा बढ़ कर बरकतें व खुशियां दिलवाएंगे। दोनों जहां की खुशियों के ढेÞर आपके तन व घरों में लगवाएंगे, आशीर्वाद। पूज्य गुरु जी ने पावन संदेश में फरमाया कि आप सबको हम याद नहीं करते, क्योंकि एक पल भी आपको भूलते ही नहीं हम। हर समय आप सबके लिए परमपिता शाह सतनाम व शाह मस्तान जी से आपके हर अच्छे कार्य व सेहत के लिए प्रार्थना करते रहते हैं। जो भी सेवादार व साध-संगत अलग-2 जगहों, आश्रमों, नामचर्चाओं में शामिल होकर खुशियां मनाते हो, सतगुरु जी हर बार आपको भण्डारों की नई-2 खुशियां प्रदान करें व सेवा सुमिरन में मन लगवाएं।
वहीं अपनी दिनचर्या का जिक्र करते हुए पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि हम सुबह 4 बजे से 5:30 बजे व शाम को 6 से 7:30 बजे के बीच में आप सबके लिए, एमएसजी गुरु रूप में स्पेशल प्रार्थना करके ‘रहमतें, खुशियां’ भेजते रहते हैं रोजाना। जो भी इस समय पर (हमें दिए दो वायदों पे पक्का रहके) थोड़ा सुमिरन करेगा, उसे हम एमएसजी के रूप में ‘नूरानी’ नजारे, परम पिता परमात्मा से जरूर व जल्दी दिलवाएंगे।
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‘घैंट मेरे यारां’ पर झूमी संगत
पवित्र भंडारे में पूज्य गुरु जी द्वारा गाए गए भजन ‘घैंट मेरे यारा घैंट मेरे यारा तिनके तों कम (काम) लै लें पहाड़ जैसा भारा’ शब्द पर साध-संगत जमकर नाची। सत्संग पंडाल में जैसे ही मधुर स्वर लहरियां गूंजी तो पूरा पंडाल ही मानो झूम उठा था।
ढोल-नगाड़ों पर नाचते-गाते पहुंची साध-संगत
पावन महापरोपकार दिवस के पावन भंडारे में साध-संगत में भारी उत्साह और सतगुरु जी पर दृढ़ विश्वास का अद्भुत नजारा देखने को मिला। साध-संगत जहां ढोल-नगाड़ों के साथ नाचते-गाते हुए शाह सतनाम जी धाम में पहुंची। वहीं अपने-अपने राज्यों की पारंपरिक वेशभूषा, वाद्ययंत्रों और नृत्य शैलियों से अनेकता में एकता का संदेश दे रही थी। इस अवसर पर शाही दरबार की ओर आने वाली सड़कों पर दूर-दूर तक साध-संगत की लम्बी कतारें नजर आ रही थीं।