सफलता के शिखर पर महिलाएं -महिला दिवस पर विशेष
धरती सुनहरी, अंबर नीला… हर मौसम रंगीला… ऐसा देश है मेरा! इस देश की मिट्टी की सौंधी खुशबू और वतन का प्यार कुछ ऐसा है कि चाहे लोग दुनिया के किसी भी कोने में रहें, लेकिन उन्हें ये बातें भुलाए नहीं भूलती हैं।
यही वजह है कि इस माटी में रचे बसे भारतीय विदेश में भी यहां की संस्कृति व संस्कार उपजाने में जुटे हैं। कुछ ऐसी महिलाओं की कहानी से आपको रूबरू करवा रहे हैं, जिन्होंने अपनी प्रतिभा के दम पर देश-विदेश में मुकाम हासिल किया है,
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जो लोगों के लिए प्रेरणादायक भी बन रही हैं।
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विदेश में भारतीय संस्कृति से करा रहीं परिचय

साथ ही भारत के विभिन्न कॉलेजों के स्टूडेंट्स संग आॅनलाइन सेमिनार के जरिये रेडियो के क्षेत्र में निष्पक्षता व नजरिये के अहम रोल के बारे में ट्रेनिंग देती हैं। ईशा अपने देश से दूर होने के बावजूद आधुनिक पीढ़ी को रेडियो से जोड़ने के प्रयास में जुटी हैं। सात समंदर पार अपनी मातृभाषा को रेडियो के माध्यम से दुनिया के मानचित्र पर स्थापित करने में जुटी ईशा बताती हैं, मैं बड़े-बड़े सपने देखते-देखते सात समंदर पार तो पहुंच गई, पर आज अपने देश की कमी जरूर खलती है। वे यहां रह रहे भारतीय बच्चों में सनातन संस्कृति विकसित करने का पूरा प्रयास कर रही हैं। वे बच्चों को देश के राष्ट्रीय पर्वों, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के बारे में भी जानकारी देती हैं।
योग के जरिए सुधार रही अपनों की सेहत

रेखा के अनुसार सभी का जीवन जीने का तरीका, रहने की जगह और सफलता के रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन सभी का मकसद हमेशा जीवन में खुशी और सुकून को पाना है। इसीलिए उसने सोचा कि क्यों ना लोगों को हंसी का तोहफा दिया जाए। इसलिए वे फेस मेकिंग लाफ्टर, बोतल, अलमारी लाफ्टर, राम धनुष लाफ्टर, मुक्का लाफ्टर, वेट लिफ्टिंग लाफ्टर जैसे हास्य योग से लोगों को हंसाती हैं।
अर्पिता चौधरी: कोरोना काल में किया शानदार काम

अर्पिता और कई अन्य स्वयंसेवक छात्रों को फ्री में कोचिंग कक्षाएं उपलब्ध करवार्इं और छात्रों को नकद और तरह-तरह के दान में समन्वय किया। अर्पिता को ट्विटर इंडिया द्वारा भी कोरोना काल में मददगार बनने पर सम्मान के तौर पर मान्यता दी गई। उन्होंने अस्पताल के बिस्तर, आॅक्सीजन की आपूर्ति, चिकित्सा सहायता, सहित अन्य संसाधनों के बारे में जानकारी का एक लाइव डेटाबेस बनाए रखा। अपनी सहेलियों आरुषि राज और शिवानी सिंघल के साथ, जो कॉलेज की छात्राएं भी हैं, उन्होंने अपने रास्ते में आने वाली जानकारी को सत्यापित किया और एक हजार से अधिक लोगों की मदद की।
फाल्गुनी नायर: स्टॉक एक्सचेंज में पहली महिला-नेतृत्व वाली कंपनी

उसके बाद उन्होंने अपना खुद का ब्यूटी एंड पर्सनल केयर ब्रांड खड़ा कर दिया। उनके 35 स्टोर हैं। इतना ही नहीं उनके नायका फैशन में एपेरल, एसेसरीज, फैशन से जुड़े प्रोडक्ट्स हैं और 4,000 से ज्यादा ब्यूटी, पर्सनल केयर और फैशन ब्रांड्स शामिल हैं। नायका में फाल्गुनी 1600 से अधिक लोगों की टीम को लीड करती हैं। फाल्गुनी की नेटवर्थ 6.5 बिलियन डॉलर से ज्यादा हो गई। फाल्गुनी नायर देश की सबसे अमीर सेल्फ मेड महिला बन गई हैं और उनकी कंपनी नायका स्टॉक एक्सचेंज में प्रवेश करने वाली भारत की पहली महिला-नेतृत्व वाली कंपनी बन चुकी है।
































































