योग से पूरा लाभ उठाएं
आजकल योग के चर्चे देश में तो हैं ही, बाहर भी योग ने अपने पांव अच्छे से पसार लिए हैं। लोगों में सेहत के प्रति जागरूकता ने योग के स्थान को काफी ऊंचा कर दिया है।
आपाधापी वाले जीवन में सेहत का ध्यान रखना जरूरी भी है पर योग को भी बिना निर्देश के करना ठीक नहीं है।
अगर योग के आसनों का अभ्यास सही तरीके से नहीं किया जाएगा तो लाभ के स्थान पर हानि हो सकती है।
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योगासन करने से पूर्व कुछ बातों पर ध्यान देना जरूरी है।
रखें जानकारी आसनों की:-
अधिकतर आसनों में आगे या पीछे झुकना होता है। सभी आसन सभी के लिए ठीक नहीं होते, जैसे जिन्हें पीठ या रीढ़ की हड्डी की कोई समस्या हो, उन्हें आगे नहीं झुकना चाहिए। तकलीफ बढ़ सकती है। इसलिए अपनी समस्याओं को जानें, फिर उसी अनुसार आसनों की पूरी जानकारी लें।
सीधा बैठ कर करें अभ्यास:-
जो आसन बैठ कर करने हैं या खड़े होकर, उनमें कमर का सीधा रहना अति आवश्यक होता है नहीं तो पोस्चर बिगड़ सकता है, रीढ़ की हड्डी पर कुष्प्रभाव पड़ सकता है। सीधे न बैठने और खड़े होने से सांस लेने की क्षमता में कमी आ सकती है। अगर सांस लेने में कमी आ जाए तो बेचैनी हो सकती है और ऊर्जा में कमी आ सकती है।
आसनों के बीच आराम जरूरी:-
जैसे व्यायाम के बाद शरीर को आराम देना जरूरी होता है उसी प्रकार एक आसन से दूसरे आसन के बीच थोड़ा विश्राम देना जरूरी होता है जिससे मांसपेशियां सामान्य स्थिति में आ सकें। विश्राम के लिए शवासन या बालासन में आराम करें।
आसनों को अपनी क्षमता और आराम से करें:-
आसन करते समय जल्दी जल्दी न करें। आराम से आसन की पूर्णावस्था में आएं। क्षमतानुसार रूकें, फिर धीरे-धीरे वापिस आएं। टांगें बाजुओं, कमर व गर्दन को आराम से मोड़ें। हर आसन अपनी क्षमता को ध्यान में रखते हुए करें। अगर आप 100 प्रतिशत योगासन को देंगे तो थकान महसूस होगी। शरीर के किसी भाग पर जोर लगाएं। अभ्यास के बाद जब शरीर लचीला होना शुरू होता है, तब आप थोड़ा जोर लगा सकते हैं।
खाने के समय का रखें ध्यान:-
योग वैसे तो प्रात: खाली पेट सबसे अधिक लाभप्रद होता है पर व्यस्तता के कारण सभी लोग सुबह समय निकाल सके। ऐसे में योगाभ्यास करने से 3 घंटे पूर्व कम से कम कुछ ठोस न खाएं। पानी आदि पी सकते हैं, योग करने के तुरंत बाद भी कुछ न खाएं। समय का थोड़ा अंतराल रख कर खाएं नहीं तो शरीर को नुकसान पहुंच सकता है। खाने के 3 से 4 घंटे बाद ही योग करें।
सूक्ष्म क्रि याएं जरूरी हैं योग से पहले:-
जब भी योग करें, पहले हाथों, पैरों, गर्दन की सूक्ष्म क्रि याएं करें ताकि जकड़न दूर हो सके और शरीर आसनों के लिए तैयार हो सके। योग नियमित करें ताकि स्वस्थ रह सकें। प्राणायाम करें। प्राणायाम करते समय आवृत्ति पूरी होने पर थोड़ा विश्राम करें।
वातावरण हो सही:-
योगाभ्यास हेतु खुला एवं हवादार वातावरण होना जरूरी है ताकि आप अधिक से अधिक आक्सीजन ले सकें। पार्क, लॉन, बरामदे, छत, खुले हवादार कमरे में आप योग कर सकते हैं। वातावरण शुद्ध नहीं होगा तो हम योग करके भी न तो शारीरिक, न मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं।
ध्यान दें अन्य बातों पर भी:-
- गर्भावस्था, खांसी-जुकाम, बुखार में योगाभ्यास न करें।
- योग करने वालों को अपनी डाइट पर भी ध्यान देना चाहिए। न तो अधिक खाएं, न ही बहुत कम खाएं।
- आप खाना खाने के तुरंत बाद वज्रासन कर सकते हैं।
- अगर आप किसी भी बीमारी से पीड़ित हैं तो डाक्टर से पूछ कर अभ्यास करें।
- योग करते समय सांस कब भरना और छोड़ना है,इस पर अपने योगाचार्य से पूछें। तभी पूरा लाभ मिलेगा। -नीतू गुप्ता