प्रेम बढ़ाता है साथ-साथ खाना
परिवार के सभी सदस्यों का एक साथ मिल बैठकर भोजन करना न केवल आपसी सौहार्द बढ़ाता है बल्कि यह भोजन से प्राप्त होने वाले फायदों को भी बढ़ाता है, ऐसी विशेषज्ञों और डॉक्टरों की राय है। एक शोध के अनुसार यह परिवार के अंदर कलह की संभावनाओं को भी कम करता है और आजकल के इस भाग-दौड़ की जिंदगी में भी तनाव मुक्त जीवन सुलभ कराता है।
एक साथ भोजन करने के लिए बैठना एक ऐसा मंच उपलब्ध कराता है जहां सभी सदस्य अपनी दिनभर की घटनाओं और उलझनों को एक दूसरे के साथ शेयर कर सकते हैं। आपसी वार्तालाप जहां कई समस्याओं का हल चुटकी में सुझा जाता है, वहीं एक दूसरे को समझने का एक बेहतर अवसर भी देता है। एक दूसरे की समस्याओं को समझना आपसी रिश्ते को प्रगाढ़ बनाता है। बच्चे बहुत जिज्ञासु और अनुकरण करने वाले होते हैं इसलिए उन्हें भी साथ ही भोजन पर बिठाने की आदत डालनी चाहिए।
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यह उनके लिए प्रायोगिक पाठशाला होती है जहां वे अनुशासन और कर्तव्य सीख सकते हैं।
पर्याप्त समय दें:
भोजन करने के लिए कम से कम आधे घंटे का वक्त निर्धारित करना चाहिए। इससे बच्चों को भी भोजन समाप्त करने का पर्याप्त अवसर मिल जाता है और बात करने का सिलसिला भी पूरा हो जाता है। अक्सर दिन में सभी को अपने-अपने समय से आॅफिस, स्कूल आदि जाने की जल्दबाजी होती है। ऐसे में दिन के समय इतना वक्त निकालना प्राय: संभव नहीं होता लेकिन रात के भोजन के समय इसका खास ख्याल रखकर क्षतिपूर्ति की जा सकती है।
रूकावटें दूर करें
टी. वी. के कोई मनपसंद धारावाहिक या आॅडियो का तेज गीत-संगीत आपसी बातचीत में बाधा उत्पन्न करते हैं। ध्यान दूसरी तरफ होने से जहां भूख कम हो जाती है वहीं साथ बैठकर भोजन करने का कोई मतलब भी नहीं रह जाता, इसलिए इस समय टी. वी. बंद कर दें।
खुशनुमा माहौल बनाएं
मन प्रसन्न रखना चाहिए। भोजन के वक्त हंसी-खुशी की बातों पर ध्यान केंद्रित कर माहौल खुशनुमा बनाया जा सकता है। डॉक्टरों का मानना है कि ऐसे माहौल में पाचन क्रि या सुचारू रूप से चलती है और पर्याप्त भोजन भी लिया जा सकता है।
कहने का मौका दें
परिवार के सभी सदस्यों को अपनी पूरी बात कहने का मौका दें। बच्चों की भी पूरी बातें सुनें। इससे मन के उश्वार निकलते हैं, मन हल्का होता है, संवादहीनता की स्थिति उत्पन्न नहीं होती और न ही हीन भावना पनपने पाती है।
नए व्यंजन परोसें
नए व्यंजन भोजन की एकरसता को बढ़ाते हैं। बहुरंगी विविध व्यंजनों को पेश करने से भूख बढ़ती है और खाने का लुत्फ दोगुना हो जाता है।
सहभागिता बढ़ाएं
सभी को थोड़ा बहुत अवसर दें, भोजन की आवश्यक चीजों को इकट्ठा करने का। इससे न केवल भोजन में विविधता आती है बल्कि उत्तरदायित्व का भी बोध होता है। इससे भोजन के प्रति ज्यादा रूचि और उत्साह भी पैदा होता है।
यादगार बनाएं
विशेष रूप से डायनिंग टेबल और घर को सजा-संवार कर एवं खास व्यंजनों को भोजन में शामिल कर छुट्टी के दिन या विशेष अवसरों को यादगार बनाया जा सकता है। -पंकज कुमार ‘पंकज‘