Buy AC according to the budget

बजट के अनुसार करें एसी की खरीददारी
देशभर में एक तरफ जहां कोरोना महामारी ने लोगों को डरा रखा है, तो दूसरी तरफ बढ़ती गर्मी ने भी लोगों की नींद उड़ा दी है। देश के कई हिस्सों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर चुका है।

ऐसे में गर्मी से निजात पाने के लिए कूलर या एयर कंडीशनर (एसी) आवश्यक हो गया है। यदि आप भी अपने लिए एसी खरीदने जा रहे हैं, तब उससे जुड़ी कई जरूरी बातें पता होना चाहिए। बिना किसी जानकारी के एसी खरीदना घाटे का सौदा हो सकता है। कई बार एसी कमरा ठंडा नहीं कर पाता? या उसका बिल ज्यादा आता है? ऐसे में जरूरी है कि आपको एसी खरीदने वक्त पहले से ही पूरी जानकारी हो।

बजट तय करें:

एसी खरीदने के लिए सबसे जरूरी है कि आपका बजट कितना है? मार्केट में एसी की रेंज 20 हजार के लगभग शुरू हो जाती है। कीमत एसी के फीचर्स और उसकी स्टार रेटिंग पर भी निर्भर करती है। कुल मिलाकर आपको अच्छा एयर कंडीशनर लेने के लिए 20 से 25 हजार रुपए का बजट बनाना होगा। हालांकि, आपके कमरे के साइज के हिसाब से बजट कम या ज्यादा भी हो सकता है।

साइज का सिलेक्शन:

एसी खरीदते समय सबसे जरूरी है उसका साइज। किसी भी रूम और हॉल के हिसाब से एसी का चयन बहुत जरूरी होता है। साइज का मतलब एसी के बड़े या छोटे होने से नहीं है, बल्कि उसकी एरिया कूलिंग कैपेसिटी से होता है। ये इसलिए जरूरी है कि आपने बड़े हॉल में कम कैपेसिटी वाला एसी लगा दिया, तो वो कई घंटे तक चलने के बाद भी उस जगह को ठंडा नहीं कर पाएगा। ऐसे में बिजली की खपत के साथ एसी की लाइफ पर भी असर होता है।

क्षमता:

किसी भी कमरे के लिए एसी की क्षमता काफी मायने रखती है। स्क्वायर फीट के हिसाब से अगर आपका कमरा 90 स्क्वेयर फीट से छोटा है तो आपके लिए 0.8 टन का एसी भी पर्याप्त है। वहीं, 90-120 स्क्वेयर फीट वाली जगह के लिए 1.0 टन का एसी, 120-180 स्क्वेयर फीट जगह के लिए 1.5 टन का एसी और 180 स्क्वेयर फीट से बड़ी जगह के लिए 2.0 टन का एसी होना जरूरी होता है। एसी को अलग-अलग स्क्वायर फीट के हिसाब से बनाया जाता है, ताकि वो कमरे को ठंडा रखने में कामयाब रहे।

लोकेशन:

आप एसी जिस रूम या हॉल में लगा रहे हैं उसकी लोकेशन भी एसी की कैपेसिटी पर असर डालती है। यानी यदि 90 स्क्वेयर फीट के रूम पर दिनभर धूप आती है तब हो सकता उसे 0.8 टन का एसी दिनभर भी ठंडा नहीं कर सके।

एसी का टाइप:

विंडो:

एक समय मार्केट में केवल विंडो एसी आया करते थे, लेकिन अब स्प्लिट और पोर्टेबल एसी के आॅप्शन भी मौजूद है। हालांकि, इन तीनों वेरिएंट में अलग-अलग खूबियां होता हैं। विंडो एसी स्प्लिट और पोर्टेबल एसी की तुलना में कम कीमत में आ जाता है, लेकिन ये सबसे ज्यादा आवाज करता है। हालांकि, छोटे कमरे और सिंगल रूम के लिए ये बेस्ट होता है।

स्प्लिट :

दूसरी तरफ, स्प्लिट एसी की सबसे खास बात ये है कि इसके कंपोनेंट को बाहर इंस्टॉल किया जा सकता है। एयर फ्लो ज्यादा होने के कारण ये बड़े हॉल में भी बेहतर काम करता है। वॉल पर टंगने के बाद ये खूबसूरत भी नजर आता है, लेकिन कीमत के मामले में ये विंडो से महंगा होता है।

पोर्टेबल :

मार्केट में अब पोर्टेबल एसी का चलन बढ़ रहा है। इसकी सबसे बड़ी खूबी ये है कि इसे सुविधा अनुसार कमरे में कहीं भी शिफ्ट किया जा सकता है। सबसे अहम बात ये है कि इसे इन्स्टॉल करने का झंझट नहीं है। इनकी कीमत विंडो और स्प्लिट दोनों से ज्यादा होती है।

एसी के फीचर्स:

फिल्टर:

किसी भी एसी में अच्छा फिल्टर होना बहुत जरूरी है, क्योंकि फिल्टर अच्छा होने से सांस लेने में आसानी होती है। जिस कमरे में एसी लगाया जाता है उसके वेंटिलेशन को बंद कर दिया जाता है। ऐसे में सांस लेने के लिए फिल्टर बहुत जरूरी हो जाता है।

एयर फ्लो:

एयर फ्लो ये बताता है कि आपका एसी कितनी देर में कमरा ठंडा कर सकता है। एसी में कूलिंग स्पीड को फिक्स करने की सुविधा होना बहुत जरूरी है। ताकि कम समय में आप कमरे को ठंडा कर सकें। हालांकि, अब ज्यादातर कंपनियां इस फीचर्स को देने लगी हैं।

स्विंग:

एसी में स्विंग विंग्स या फीचर्स का होना भी बहुत जरूरी है। दरअसल, जिन एसी में मल्टी फीचर्स स्विंग होगा वो कमरे के हर कोने में हवा दे सकेंगे। इस फीचर्स से कमरा भी जल्दी ठंडा होता है।

टाइमर और सेंसर:

एसी खरीदते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि उसमें टाइमर और सेंसर हो। दरअसल, टाइमर फीचर्स की मदद से आप उसे फिक्स समय पर आॅटोमैटिक आॅन और आॅफ कर सकते हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा बिजली की खपत को रोकना है। इसके साथ, एसी एक अन्य शानदार फीचर सेंसर का काम कमरे के तापमान को फिक्स करना होता है। साथ ही, ये ह्यूमन को फोकस करके हवा देता है।

वोल्टेज स्टैबलाइजर:

एसी के साथ वोल्टेज स्टैबलाइजर का होना बहुत जरूरी है। इसके लिए यूजर्स जितने टन का एसी खरीद रहा है उतने ही पावर वाला स्टैबलाइजर भी होना चाहिए। अगर आपका एसी 0.5-0.8 टन का है तो इसके साथ 2-केवीए का स्टैबेलाइजर सही रहेगा। 1.0 टन से 1.2 टन के एसी के लिए 3-केवीए का, 1.2-1.6 टन के एसी के लिए 4-केवीए का, 2.0-2.5 टन एसी के लिए 5-केवीए और 3 टन से अधिक क्षमता वाले एसी के लिए 6-केवीए का स्टैबेलाइजर होना चाहिए।

स्टार रेटिंग:

एसी खरीदने के लिए दूसरी सबसे जरूरी बात ये है कि उससे बिजली की खपत कितनी होगी। एसी लगाने से पहले इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि महीने के अंत में जो बिजली बिल आएगा वो आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है। ऐसे में एसी खरीदते समय स्टार का ध्यान रखें। दरअसल, अब किसी भी इलेक्ट्रॉनिक सामान पर स्टार रेटिंग दी होती है। जो इस बात को दशार्ती है कि उससे कितनी बिजली की खपत होगी। यानी स्टार जितने ज्यादा बिजली की खपत उतनी कम। हालांकि, 4-5 स्टार वाले एसी की कीमत थोड़ी ज्यादा होती है, लेकिन बिजली बिल को ध्यान में रखते हुए ये सबसे बेहतर होते हैं।

ब्रांड और कलर्स:

जब भी आप किसी प्रोडक्ट को खरीदने जा रहे हैं तो उसकी ब्रांड काफी अहम हो जाती है। मार्केट में अब कई ब्रांड के एसी आ रहे हैं। ऐसे में आप चार-पांच पॉपुलर ब्रांड के उन एसी की कीमत में तुलना करें जो खरीदना चाहते हैं। साथ ही, उसकी वारंटी पर भी ध्यान दें। ऐसा करने पर आप अपने लिए बेस्ट एसी चुन पाएंगे। किसी भी इलेक्ट्रॉनिक आइटम को खूबसूरत बनाने का काम कलर करता है। ऐसे में एसी अच्छे कलर का होना बहुत जरूरी है।

मेंटेनेंस और खर्च:

किसी भी एसी के मेंटेनेंस की सर्विस कैसी है और कितना खर्च होगा? इस बात का पता भी होना चाहिए। ये इसलिए जरूरी है कि कंपनी 2 साल का मेंटेनेंस दे रही है, लेकिन उसमें पहले कोई खराबी आ जाती है तब क्या आपको कोई चार्ज देना होगा? वहीं, यदि एसी शहर से दूर लगा है तब क्या कंपनी आपकी एक शिकायत पर उसके मेंटेनेंस के लिए इंजीनियर भेजेगी।

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